संघर्षरत वोल्टास मज़दूरों के हौसले बुलंद, अन्य फैक्ट्री मज़दूरों का समर्थन बढ़ा

ठेका व नीम ट्रेनी मज़दूरों से अवैध रूप से काम पर रोक लगे

पंतनगर (उत्तराखंड)। डेढ़ साल से गैरकानूनी गेटबंदी के खिलाफ संघर्षरत वोल्टास के मज़दूरों की हड़ताल जारी है। प्रबंधन के अवैध कृत्यों व पुलिस के दबाव के बीच विभिन्न कंपनियों के मज़दूरों के लगातार मिलते समर्थन से मज़दूरों के हौसले बुलंद हैं। प्लांट के भीतर धरनारत मज़दूरों के खाने पर प्रतिबंध से मज़दूरों में आक्रोश रहा।

ज्ञात हो कि एसी निर्माता टाटा ग्रुप की वोल्टास लिमिटेड सिडकुल पंतनगर में माँगपत्र देने पर 9 श्रमिकों की गेटबंदी पर प्रबंधन की डेढ़ साल से जारी हठधर्मिता के बाद श्रमिकों ने 6 अप्रैल से हड़ताल शुरू कर दी है। मज़दूर काम बंद करके कंपनी के भीतर बैठे हैं। जबकि अवैध गेटबन्दी के शिकार मज़दूर कम्पनी के बाहर धरनारत हैं।

आज स्थानीय पुलिस ने मज़दूरों से कंपनी परिसर खाली करने का दबाव बनाया, लेकिन मज़दूरों की दृढ़ता और विरोध के बाद पुलिस वापस लौट गई। मज़दूरों ने स्पष्ट कहा कि सारे कानून केवल मज़दूरों के लिए ही हैं। प्रबंधन की गैरकानूनी हरकतों पर कार्यवाही क्यों नहीं होती?

अन्य फैक्ट्री के मज़दूरों का समर्थन जारी

इस बीच श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधम सिंह नगर ने आंदोलन को व्यापक बनाने की रणनीति बनाई है। उधर औद्योगिक क्षेत्र सिड़कुल की तमाम कंपनियों के मज़दूर बिरादराना भाईचारा निभाते हुए फैक्ट्री गेट स्थित धरना स्थल पर लगातार पहुँच रहे हैं।

आज धरना स्थल पर श्रमिक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष दिनेश तिवारी, दाना इंडिया, गुजरात अंबुजा सितरगंज, राने मद्रास, बजाज मोटर्स, एलजीबी वर्कर्स यूनियन, बीसीएच मजदूर संघ, एडविक, महिंद्रा सीआईई पंतनगर, माइक्रोमैक्स आदि के मजदूर समर्थन में पहुंचे और मज़दूरों की हौसलाअफजाई की।

वोल्टास प्रबन्धन की अमानवीयता

यूनियन के संयुक्त मंत्री मुकेश विश्वकर्मा ने बताया कि फ़ैक्ट्री के भीतर शांतिपूर्ण हड़ताल पर बैठे मज़दूर साथियों के लिए बीती रात प्रबंधन ने बाहर से खाना अंदर आने से रोक दिया और मज़दूर साथी रात भूखे रहे। प्रबंधन की इस अमानवीयता से मज़दूरों में भारी रोष रहा। मज़दूरों ने सुबह प्रबंधन का घेराव करके विरोध जताया तो आज भोजन मिल गया।

ठेका व नीम ट्रेनी मज़दूरों से उत्पादन कराना गैरकानूनी

यूनियन उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम कुमार ने कहा कि कंपनी के भीतर गैर कानूनी रूप से ठेका और नीम ट्रेनी श्रमिकों से उत्पादन का काम कराया जा रहा है। उत्तराखंड की श्रम आयुक्त महोदया ने जांच के आदेश दिए। लेकिन श्रम अधिकारियों द्वारा उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।

उप श्रमायुक्त द्वारा प्रबंधन को अनुचित श्रम व्यवहार का दोषी ठहराया जा चुका है, लेकिन उसपर भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

यूनियन महामंत्री दिनेश पंत ने कहा कि प्रबंधन की हठधर्मिता और दमनकारी नीतियों से माँगपत्र देने के बाद से पिछले सवा तीन साल से कंपनी का माहौल खराब है और मज़दूरों का उत्पीड़न जारी है।

बताया कि 2 अप्रैल से मज़दूरों की हड़ताल होनी थी लेकिन कंपनी के एचआर प्रबंधक की श्रमिक संयुक्त मोर्चा अध्यक्ष से बातचीत के बाद हड़ताल स्थगित हुई थी, लेकिन प्रबंधन की हठधर्मिता कायम रहने से अंततः समस्त मज़दूर वैधानिक हड़ताल पर जाने को मजबूर हुए। समस्त पीड़ित 9 श्रमिकों की कार्यबहाली सहित माँगपत्र के समाधान के बाद ही आंदोलन समाप्त होगा।

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