संघर्षरत माइक्रोमैक्स मज़दूरों ने निकाली शवयात्रा

भगवती-माइक्रोमैक्स में गैरकानूनी छँटनी के 11 माह, मज़दूरों ने प्रबंधन का दाह संस्कार कर जताया आक्रोश

पंतनगर (उत्तराखंड)। 27 दिसंबर 2018 से गैरकानूनी छँटनी के खिलाफ संघर्षरत भगवती प्रोडक्ट्स लिमिटेड माइक्रोमैक्स के मज़दूरों ने आज (27 नवम्बर) प्रबंधन की शव यात्रा निकाल कर कंपनी परिसर की परिक्रमा की और कंपनी के मुख्य गेट पर विधिवत प्रबंधन का दाह संस्कार करके पुतला दहन किया। मज़दूरों ने ऐलान किया कि आने वाले 27 दिसंबर को संघर्ष के 1 साल पूरा होने पर वे प्रतिरोध का बड़ा कार्यक्रम लेंगे। आज संघर्ष के 11 महीने पूरे हो गए।

ज्ञात हो कि 27 दिसंबर 2018 को माइक्रोमैक्स प्रबंधन ने गैरकानूनी रूप से 303 श्रमिकों की छँटनी कर दी थी, जिसमें श्रम विभाग, जिला प्रशासन व पुलिस से लेकर शासन व सरकार तक सब की मिलीभगत थी। सबने मिलकर मज़दूरों को तोड़ने की हर तरह से कोशिशें की, मज़दूरों पर फर्जी मुकदमे लगाए, यहाँ तक कि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान माइक्रोमैक्स व इंटरार्क के मज़दूरों को खतरनाक अपराधी बताकर पाबंद घोषित किया।

प्रशासन ने मज़दूरों का मनोबल तोड़ने के लिए कई तरीके के प्रतिबंध लगाए, जुलूस प्रदर्शन को रोकने की कोशिश की, इसके बावजूद माइक्रोमैक्स के मज़दूरों ने पूरे हौसले के साथ कंपनी गेट पर लगातार धरना और क्रमिक अनशन चलाते रहे और अन्य आंदोलनात्मक गतिविधियों से अपने आंदोलन को मजबूती दी। 11 महीने का आंदोलन मजदूरों के मजबूत हौसले का प्रमाण है

इसी के साथ मज़दूरों ने औद्योगिक न्यायाधिकरण से लेकर हाई कोर्ट तक कानूनी लड़ाइयां लड़ी, जो अभी भी जारी है।

इस दौरान औद्योगिक क्षेत्र सिडकुल की अन्य यूनियनों और मज़दूरों ने आंदोलन को आर्थिक तौर पर लगातार सहयोग किया और नैतिक समर्थन के साथ आंदोलन में भी भागीदारी करते रहे।

आज के एक कठिन दौर में जब मज़दूरों पर मोदी सरकार के हमले तेज हो चुके हैं, शासन-प्रशासन मालिकों की सेवा में खुलकर लग गया है। जबकि मज़दूर आंदोलन की ताकत कमजोर बनी हुई है। ऐसे में 11 महीने से जज्बे के साथ मज़दूरों का आंदोलन के मोर्चे पर जीत के हौसले के साथ डटे रहना महत्वपूर्ण है।

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