उदारीकरण के साथ सांप्रदायिकता-जातिवाद का फन फैलाता जहरीला नाग
जैसे-जैसे देश और दुनिया के मुनाफाखोरों के लिए देश का बाजार चारागाह बनता गया, जनता की बुनियादी जरूरतों- रोजी-रोटी का...
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1982 की तुलना में आज साधारण चावल 2 रुपए से 32 रुपए, मसूर की दाल 4 रुपए से 120 रुपए,...
80 के दशक में मुनाफे का एक रुपया मालिक की जेब में जाता था तो 2 रुपए 70 पैसे मज़दूर...
उदारीकारण-वैश्वीकरण की नीतियों और "विकास" के नारों के बीते तीन दशक मे विकास की सच्चाई क्या है? किसका हुआ विकास,...