शोषण के खिलाफ सितारगंज में निकली रैली

मजदूरों ने की आवाज़ बुलंद


सितारगंज (उत्तराखंड)। सिडकुल संयुक्त मोर्चा सितारगंज के नेतृत्व आज 12 सितंबर को मजदूरों ने जुलूस निकाली और पुलिस चौकी इंचार्ज के माध्यम से श्रम आयुक्त को ज्ञापन भेजा।


ज्ञात हो कि विगत 29 जुलाई से सितारगंज स्थित एमकोर फ़ैक्ट्री के प्रबंधन ने कंपनी बंद कर दी, जिससे एक झटके में मज़दूर सड़क पर आ गए। तबसे मज़दूरों का आंदोलन जारी है।


औद्योगिक क्षेत्र सिडकुल से कंपनियों के पलायन और अन्य विभिन्न श्रमिक समस्याओं को लेकर आज मज़दूरों का प्रदर्शन था।


भेजे गए ज्ञापन में के माध्यम से कहा गया है कि सिडकुल सितारगंज में मालिकों द्वारा कंपनियों का गैरकानूनी रूप से राज्य से पलायन कर मजदूरों व उनके परिजनों का भविष्य बर्बाद किया जा रहा है। कंपनियां सुरक्षा मानकों का उल्लंघन कर रही हैं। व अमानवीय व गैरकानूनी कृत्य में लिप्त हैं।


भेजे गए ज्ञापन के माध्यम से माँग की गई कि- सिडकुल सितारगंज से फैक्ट्रियों के पलायन पर रोक लगाई जाए व श्रमिकों के आश्रितों के लिए 30 लाख रूपए न्यूनतम पैकेज निर्धारित किया जाए, सिडकुल सितारगंज में एमकोर सहित समस्त कंपनियों के पलायन पर रोक लगाते हुए श्रमिकों की कार्यबहाली की जाए, कंपनियों द्वारा सुरक्षा मानकों से खिलवाड़ बंद किया जाए और सेवयोजकों को दंडित किया जाए, श्रम कानूनों के उल्लंघन पर रोक लगाई जाए और श्रम कानूनों के पालन को सुनिश्चित किया जाए, मजदूरों के ईपीएफ के मद अंशदान रुपए 15000 के मानक के अनुसार जमा कराना सुनिश्चित किया जाए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाए, स्थाई काम पर स्थाई मजदूरों की नियुक्ति की जाए व गैरकानूनी ठेका प्रथा पर रोक लगाई जाए, समान काम पर समान वेतन के कानून को लागू करते हुए इस संदर्भ में माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन सुनिश्चित हो, सभी मजदूरों को ईएसआई एवं ईपीएफ की सुविधा प्रदान की जाए तथा उसके उल्लंघन पर सेवयोजकों को दंडित किया जाए, सभी मजदूरों को न्यूनतम वेतन का भुगतान करना सुनिश्चित किया जाए, गुजरात अंबुजा, पारले प्रोडक्ट्स सहित अन्य कंपनियों में लंबित माँग पत्र पर सम्मानजनक सुनवाई की जाए व सिडकुल सितारगंज में सभी कंपनियों में बोनस एक्ट लागू कराया जाए।

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