सिडकुल सितारगंज में मज़दूरों ने किया पुतला दहन

एमकोर, गुजरात अंबुजा और पारले में श्रमिक उत्पीड़न के खिलाफ मजदूरों का गुस्सा फूटा

सितारगंज (उत्तराखंड)। एमकोर के मजदूरों की गैरकानूनी गेट बंदी और गुजरात अंबुजा एवं पारले बिस्कुट कंपनी के प्रबंधन द्वारा मांग पत्रों का समाधान न निकालने के कारण आज 24 नवंबर को सिडकुल संयुक्त मोर्चा सितारगंज के बैनर तले मजदूरों ने अपना आक्रोश प्रकट किया, सिडकुल क्षेत्र में जुलूस निकाला और तीनों कंपनियों के प्रबंधन का पुतला दहन किया।

इस मौके पर आयोजित सभा में मजदूरों ने कहा कि सिडकुल सितारगंज स्थित एमकोर कंपनी के प्रबंधन द्वारा गैरकानूनी गेट बंदी के कारण 119 दिन से सैकड़ों मजदूर बाहर है और तब से उनका संघर्ष लगातार चल रहा है। कंपनियां सब्सिडी और टैक्स की छूटों को खा-पचाकर भाग रहीं है और सरकार तथा शासन प्रशासन श्रम विभाग उनकी मदद कर रहा है।

वक्ताओं ने कहा कि गुजरात अंबुजा एक्सपोर्ट लिमिटेड तथा पारले बिस्कुट प्राइवेट लिमिटेड की यूनियनों ने प्रबंधन को श्रमिक समस्याओं के लिए माँग पत्र दिए थे। जिसका समाधान करने की जगह प्रबंधन द्वारा गैरकानूनी गतिविधियों से श्रमिकों का शोषण एवं उत्पीड़न किया जा रहा है।

अवैध बन्दी के खि़लाफ संघर्षरत हैं एमकोर के मज़दूर

सितारगंज स्थित एमकोर प्लेक्सिबल के प्रबंधन ने विगत 29 जुलाई को कंपनी बंद कर दी थी और राज्य से बाहर पलायन की तैयारी में जुट गया। तब से मजदूरों का आन्दोलन जारी है। इसबीच नैनीताल हाईकोर्ट ने मशीनों की शिफ्टिंग पर रोक लगा दी है। फिर भी शासन, प्रशासन, श्रम विभाग मौन है और मज़दूर संघर्षरत हैं।

प्रबंधकों के बढ़ते दमन-शोषण के खिलाफ मजदूरों को संघर्ष करना पड़ा है।आज का पुतला दहन कार्यक्रम भी उसी की एक कड़ी के रूप में था। कार्यक्रम में गुजरात अंबुजा , रेकेट , पारले, एम्कौर व मज़दूर सहयोग केन्द्र के साथी व अन्य कम्पनियो के मजदूर साथी उपस्थित रहे।

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