परिवहन कर्मियो के आह्वान पर तेलंगाना बंद सफल

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सरकारी दमन बढ़ा, ट्रेड यूनियनें एकजुट, ओला-उबर भी हड़ताल में शामिल

हैदराबाद| तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) के कर्मचारियों के आह्वान पर शनिवार को आहूत दिन भर का राज्यव्यापी बंद पूरी तरह सफल रहा । इस दौरान अन्दोलंकारियो पर पुलिसिया दमन भी हुआ, जिसके विरोध में कुछ स्थानों पर पथराव की घटनाएं हुई हैं।

टीएसआरटीसी कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शनिवार को 15 दिन में प्रवेश कर गई। राज्य में टीएसआरटीसी की अधिकांश बसें हैदराबाद और 32 अन्य जिलों में बस डिपो पर खड़ी रहीं। यहां परिवहन कर्मी वाहनों का संचालन रोकते हुए धरना दे रहे हैं।

ओला, उबर कैब भी हड़ताल पर

हैदराबाद में सबसे बड़े महात्मा गांधी बस अड्डे (एमजीबीएस) पर तेलंगाना से पड़ोसी राज्यों को जाने वाली अधिकतर बसों का संचालन बंद है। यात्रियों की परेशानी तब और बढ़ गई, जब कैब एग्रीगेटर बाजार को नियमित करने की मांग को लेकर हैदराबाद में ओला और ऊबर कैब चालक शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। ड्राइवरों के संघ का दावा है कि 50,000 कैब सड़कों पर नहीं उतरे हैं।

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 यह बंद अपनी मांगों को लेकर पांच अक्टूबर से हड़ताल कर रहे टीएसआरटीसी कर्मियों के जॉइंट एक्शन कमेटी (जेएसी) के आह्वान पर किया गया है। उनकी एक प्रमुख माँग टीएसआरटीसी को सरकार में विलय कराने की है।

ट्रेड यूनियनों व राजनितिक दलों ने भी दिया समर्थन, स्कूल और कॉलेज सोमवार तक बंद

परिवहन कर्मचारियों को Aiftu सहित सभी ट्रेड यूनियनों, शिक्षकों और कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों का समर्थन मिल रहा है। साथ ही कांग्रेस, भाजपा, तेलगू देशम पार्टी, तेलांगना जन समिति, जनसेना, वाम पार्टियों भी समर्थन में रहीं । इसके समर्थन में विरोध प्रदर्शन करने वाले कई राजनेताओं को हिरासत में लिया गया है। राज्य की तेलंगाना सरकार अब तक हड़ताल पर जाने वाले 48,000 से ज्यादा कर्मचारियों को बर्खास्त कर चुकी है। परिवहन कर्मचारियों की हड़ताल के कारण स्कूल और कॉलेज सोमवार तक बंद हैं।

दो कर्मचारी कर चुके हैं आत्महत्या

पिछले दो सप्ताह में वेतन नहीं मिलने से निराश राज्य परिवहन निगम के दो कर्मचारी आत्महत्या कर चुके हैं। हड़ताल कर रहे कर्मचारियों का दावा है कि चार अन्य कर्मचारियों ने भी बर्खास्त किए जाने के कारण अपनी जान देने की कोशिश की है। शुक्रवार को तेलंगाना हाईकोर्ट ने कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वह 28 अक्टूबर तक अपने विवादों का निपटारा करे और कोर्ट को रिपोर्ट सौंपे।

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कोर्ट ने सरकार को लगाई थी फटकार

इससे पूर्व हाईकाेर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को फटकार भी लगाई थी। कोर्ट ने सरकार से कहा था कि वह जल्द से जल्द हड़ताल समाप्त करवाए और सभी 49,190 कर्मचारियों के सितंबर माह का भुगतान 21 अक्टूबर तक करे। हालांकि, सरकार ने कहा था कि कर्मचारी खुद ही ड्यूटी से दूर हैं। मौजूदा समय में ऑन रोल सिर्फ 1,200 कर्मचारी ही राज्य परिवहन निगम में काम कर रहे हैं।

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