नयी टीम द्वारा मज़दूर हितों में सक्रियता का आह्वान
गुडगाँव। मारुति उद्योग कामगार यूनियन का चुनाव 6 अगस्त 2020 को शांतिपूर्ण संपन्न हुआ इस चुनाव में कई सारे बड़े बदलाव हुए। यूनियन कार्यकारिणी के 6 शीर्ष पद सहित कुल 19 पदों पर चुनाव हुए। 6 वर्षों से यूनियन के अध्यक्ष रहे श्री राजेश जी इस बार यूनियन के सचिव और प्रधान के पद पर पूर्व उप प्रधान नरेंद्र जी निर्वाचित हुए।
मुख्य संरक्षक के पद पर वरुण जी को मज़दूरों ने लगातार तीसरी बार विजयी बनाया। इससे पूर्व वरुण जी 6 वर्षों से युनियन कार्यकारणी सदस्य के रूप में अपना योगदान देते रहे हैं। अपने मजदूर हितेषी कामों के बदौलत ही इस बार मजदूरों ने उन्हें मुख्य संरक्षक के पद पर चुना।
उप प्रधान के पद पर अजय सिंह यादव जी को विजयी बनाया। अजय मजदूर आंदोलनों के प्रति अपनी विशेष रुचि के लिए व गुरुग्राम में मानवता ब्लड बैंक के सक्रिय साथी के रूप में अपनी पहचान रखते हैं। कोषाध्यक्ष के पद पर लगातार तीसरी बार जगतार जी बने रहे। सहसचिव के पद पर गौरव अरोड़ा जी को मजदूरों ने चुना। गौरव अरोड़ा मारुति मानेसर के आंदोलन व जेल में बंद मजदूरों के हिमायती के रूप में अपनी पहचान रखते हैं।
वहीं लगातार 9 वर्षों से युनियन के महासचिव व गुरुग्राम से बावल तक सक्रिय मजदूर नेता रहे कुलदीप जांघू जी व कई अन्य सक्रिय नेताओं को इस बार मजदूरों ने कुछ नयी की उम्मीद से बदल दिया है ।
आशा है कि जिस उम्मीद के साथ यूनियन कार्यकारिणी में मज़दूरों ने बदलाव किए हैं नवनिर्वाचित नेता मज़दूरों की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे और जो सक्रिय मज़दूर नेता इस बार चुनाव नहीं जीत पाए वो भी मज़दूरों के बीच में अपना योगदान निरंतर देते रहेंगे।
मारुति आन्दोलन के इतिहास पर इसे पढ़ें–
- पहली क़िस्त- मारुति मजदूर आंदोलन : एक नजर मे–1
- दूसरी क़िस्त- संघर्ष, यूनियन गठन और झंडारोहण
- तीसरी क़िस्त – दमन का वह भयावह दौर
- चौथी क़िस्त- दमन के बीच आगे बढ़ता रहा मारुति आंदोलन
- पाँचवीं क़िस्त- रुकावटों को तोड़ व्यापक हुआ मारुति आंदोलन
- छठीं क़िस्त- मारुति आंदोलन : अन्याय के ख़िलाफ़ वर्गीय एकता
- सातवीं क़िस्त- मारुति कांड : जज और जेलर तक उनके…
- आठवीं क़िस्त- मारुति कांड : फैसले के ख़िलाफ़ उठी आवाज़
- नौवीं क़िस्त- मारुति संघर्ष : न्यायपालिका भी पूँजी के हित में खडी
- दसवीं क़िस्त-मारुति संघर्ष का सबक : यह वर्ग संघर्ष है!