मानेसर: नपीनों ऑटो मज़दूरों की हड़ताल जारी, समर्थन में पहुंची इलाके की यूनियनें

मानेसर स्थित नपिनो ऑटो एण्ड इलैक्ट्रॉनिक लिमिटेड यूनियन के स्थाई मज़दूर पिछले 4 सालों से लम्बित सामूहिक मांग पत्र को लागू करवाने करने के लिए 14 जुलाई से लगातार हड़ताल पर हैं।

हरियाणा के मानेसर में स्थित नपिनो ऑटो एण्ड इलैक्ट्रॉनिक लिमिटेड यूनियन के स्थायी मज़दूरों की हड़ताल आज नौवें दिन भी जारी रही।

अब नापिनों मज़दूरों की इस लड़ाई में सभी ट्रेड यूनियन भी अपना समर्थन देने के लिए तैयार हैं। शनिवार यानि 23 जुलाई  को मानेसर स्थित सभी ट्रेड यूनियनों ने एक बैठक का आयोजन किया है।

यह बैठक कल दोपहर एक बजे कमलानेहरू पार्क में आयोजित की जाएगी।

बैठक में मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन, हुंडई वर्कर्स यूनियन, बेलसोनिका वर्कर्स यूनियन साथ ही सभी इंडिपेंडेंट यूनियन के सदस्य शामिल होंगे। बैठक के मुख्य रूप से नपिनो मज़दूरों के संगर्ष व समस्याओं के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।

पिछले नो दिनों से 24×7 जारी है हड़ताल

वर्कर्स यूनिटी से बातचीत के दौरान AITUC के नेता अनिल पवार ने बताया कि सभी मज़दूर लगातार नो दिनों से प्लांट के अंदर हड़ताल कर रहे हैं। यहाँ तक की वो रात को भी अपने घर नहीं जाते हैं।

कहा जाए तो यह हड़ताल पिछले नो दिनों से 24×7 जारी है। इस हड़ताल में पुरुष मज़दूरों के साथ महिला मज़दूर भी अपनी पूरी भागीदारी दे रहीं हैं। साथ ही उनका कहना है कि इतनी कठोर प्रदर्शन के बाद भी मैनेजमेंट इस मुद्दे पर बात करने को बिलकुल भी राजी नहीं है।

उल्लेखनीय है कि मानेसर स्थित सेक्टर 3 के प्लॉट नम्बर 7 में स्थित नपिनो ऑटो एण्ड इलैक्ट्रॉनिक लिमिटेड यूनियन के स्थाई मज़दूर पिछले 4 सालों से लम्बित सामूहिक मांग पत्र को लागू करवाने करने के लिए लगातार नो दिनों से हड़ताल कर रहे हैं।

नापिनो यूनियन के सदस्यों का कहना है कि हमारी मांगों के मुद्दे पर प्रबन्धन और श्रम विभाग व शासन-प्रशासन कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर रहे है, ऐसे में स्थिति को देखते हुए अब नपिनो के मज़दूरों को अपने संघर्ष को जीत तक पहुँचाने के लिए चारों प्लाण्टों में काम पूरी तरह से बंद करना पड़ा है।

ऑटोमोबाइल इण्डस्ट्री काण्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन व मज़दूरों की मांग हैं कि:

चार साल से लम्बित सामूहिक मांगपत्र को जल्दी से जल्दी लागू किया जाए।

निलंबित किये गए 6 मज़दूर साथियों कि तुरंत कार्य बहाली कि जाए।

श्रम-विभाग, स्थानीय प्रशासन और हरियाणा सरकार इसमें हस्तक्षेप करके यह ज़िम्मेदारी ले कि मज़दूरों की सभी जायज़ माँगें मानी जाए।

वर्कर्स यूनिटी से साभार

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