बिजली उपभोक्ताओं का हनुमानगढ़ में प्रदर्शन

“सरकारी व प्राइवेट बिजली कंपनियों की तानाशाही, लूट और घोटालों पर लगे रोक”

हनुमानगढ़ (राजस्थान)। बिजली बिलों में हो रही धांधली व आम जनता के साथ की जा रही लूट के खिलाफ 14 नवम्बर को ‘बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति’ के बैनर तले हनुमानगढ़ जिला कलेक्ट्रेट पर बड़ा प्रदर्शन हुआ और कलेक्टर के माध्यम से राजस्थान के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। समिति द्वारा  उपभोक्ताओं से मनमानी बिल वसूली बंद करने सहित बिजली विभाग और प्राइवेट कंपनियों की तानाशाही, लूट और घोटालों पर तुरंत रोक लगाने आदि की माँग बुलंद हुई। कलेक्टर ने समाधान का आश्वासन दिया।

ज्ञात हो कि बिजली विभाग की मनमानी लूट के ख़िलाफ़ ‘जागो जनता यात्रा’ 31 अक्टूबर को भादरा से रवाना होकर विभिन्न गांवों-कस्बों में उपभोक्ताओं को जागरूक व संगठित करते हुए 14 नवम्बर को जिला मुख्यालय हनुमानगढ़ कलेक्ट्रेट पहुँची, जहाँ प्रदर्शन के साथ सभा हुई।

बिजली बिलों में भारी धांधली

सभा में वक्ताओं ने कहा कि बिजली के बिलों में बहुत धांधली हो रही है। दिन-प्रतिदिन बिजली के बिलों में भारी बढ़ोतरी होती जा रही है। बिजली विभाग व कंपनी लगातार मनमानी करते जा रहे हैं, जिसके चलते गांव के साधारण मजदूर किसान मेहनतकश आबादी का भारी शोषण हो रहा है। बिलों के साथ बिजली विभाग ने सिक्योरिटी राशि की पर्ची बिल के साथ लगा कर हजारों रुपए का बोझ जनता की पीठ पर लाद दिया है। स्थायी सेवा शुल्क के रूप में हर बार 400 रुपये या इससे भी ज्यादा पैसा हर बिल में वसूला जाता है, जिसका कोई आधार नहीं है।

जनता से लूट अडानी को छूट

वक्ताओं ने कहा कि बिजली को लेकर डिस्कॉम स्तर पर और सरकारी स्तर पर लगातार घोटाले हो रहे हैं। बिजली उत्पादन के लिए सरकारी खदान संस्थान के बदले आदानी की प्राइवेट कंपनी को कोयले का टेंडर देने से 2007 से लेकर आज तक लगभग 7200 करोड़ का नुकसान हुआ है, जिसको राजस्थान की आम जनता पर बिजली बिलों के साथ जोड़कर थोप दिया जा रहा है। बिजली कम्पनियां बिजली दरों में इजाफा करना चाहती हैं जिसे ख़ारिज करना पड़ेगा।

नाजायज बिजली के बिल भरवाने के लिए बिजली विभाग आम जनता को कनेक्शन काटने की धमकी दे रहा है। पुलिस जाब्ते के साथ गांव गांव जाकर बिजली विभाग के अधिकारी लोगों पर गैरवाजिब बिलों को को जबरदस्ती भरवा रहे हैं जोकि सरासर गलत है व नाइंसाफी है ऐसे में मेहनतकश जनता अपने संघर्ष को और तेज करेगी और मनमानी नहीं चलने देगी।

4 सितम्बर से आन्दोलन जारी

बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति के बैनर तले इलाके की मेहनतकश जनता ने 38 दिनों तक एसडीएम कार्यालय भादरा के सामने क्रमिक भूख हड़ताल की है और 57 दिन तक धरना दिया व आम जनता इस लूट के खिलाफ आवाज उठाई। संघर्ष समिति ने गांव-गांव घर-घर हस्ताक्षर अभियान चलाया जिसमें नोहर भादरा तहसील के क़रीब 100 गांवों व नोहर भादरा कस्बे की मेहनतकश जनता ने हिस्सा लिया व करीब 4500 से ज्यादा व्यक्तियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।

सरकार की उपेक्षा के ख़िलाफ़ पिछले 30 अक्टूबर से एसडीएम कार्यालय भादरा से ‘जागो जनता यात्रा’ रवाना हुई, जो गाँव-गाँव घूम घूम कर व भादरा, नोहर, रावतसर तथा टिब्बी सँगरिया, पीलीबंगा तहसील कार्यालयों में ज्ञापन देते हुए जिला कलेक्ट्रेट हनुमाग़ढ़ पहुँची।

ज्ञापन द्वारा सरकार से माँग

  • 1. सिक्योरिटी राशि के नोटिस को विभाग तुरंत निरस्त करें।
  • 2. स्थाई सेवा शुल्क के रूप में वसूली जा रही राशि को तत्काल बंद किया जाए।
  • 3. बिजली बिलों में भारी अनियमितताओं को तुरंत प्रभाव से ठीक किया जाए। खराब और तेज गति से चलने वाले बिजली मीटरों को बदला जाए, घटिया मीटर बनाने वाली कंपनीयों का टेंडर निरस्त किया जाए। पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए उपभोक्ता प्रतिनिधियों के भागीदारी सहित विशेष कमिटी का गठन किया जाये।
  • 4. दिल्ली के अनुरूप राजस्थान में प्रत्येक परिवार को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाए।
  • 5. बिजली विभाग और प्राइवेट कंपनियों की तानाशाही, लूट और घोटालों पर तुरंत रोक लगायी जाये।
  • 6. बिजली विभाग का निजीकरण बंद किया जाए वह सालों से चल रहे सरकारी मदद से बिजली विभाग और प्राइवेट कंपनियों की तानाशाही लूट और घोटालों पर तुरंत रोक लगाई जाए।

संघर्ष समिति ने ऐलान किया की जब तक हमारी माँगें नहीं मानी जाती तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।