आंदोलनकारियों पर दर्ज झूठे मुकदमे तुरंत वापस लेने, पुलिसिया दमन पर रोक लगाने, बिजली विभाग के निजीकरण और घोटालों पर तुरंत रोकने, बिजली बिलों में जारी लूट समाप्त करने जैसी माँगें हुई बुलंद
भादरा, हनुमानगढ़ (राजस्थान)19 दिसंबर। हनुमानगढ़ के भादरा में इलाके की हजारो जनता ने जनाक्रोश रैली निकाली और पुलिस स्टेशन व एसडीएम कार्यालय का घेराव किया। आन्दोलनकारी जनता ने चेतावनी दी कि यदि सरकार दमन का रास्ता बंद कर जनता के न्यायपूर्ण माँगों को नहीं माना तो आन्दोलन और व्यापक होगा।
ज्ञात हो कि बिजली बिलों में हो रही लूट के खिलाफ पिछले 4 महीने से शांति पूर्वक चल रहे आंदोलन को बिजली विभाग ने छोटी सी कहासूनी को लेकर आंदोलनकारी सदस्यों पर झूठे मुकदमे करवा कर संघर्ष समिति के रामगढ़ व नेठराना के करीब 30 लोगों के नाम गोगामेड़ी थाने में एफआईआर करवा दी। जिससे इलाके की जनता में आक्रोश है।

आज की जन आक्रोश रैली में रामगढ़ भरवाना खचवाना सरदारगढ़िया मुंसरी ढिलकी, नथवानीया, ललाणा, धोलपालिया, बीड़ भादरा, नेठाराना, बिराण, भिरानी, छानी बड़ी, गांधी, करनपुरा और कई अन्य दर्जनों गांवों से हजारों की संख्या में लोगों ने रैली में भाग लिया। पूरे राजस्थान में अलग-अलग जगह पर बिजली दरों में हो रही वृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं तथा बिजली दरों को बढ़ाने के निर्णय को तुरंत वापस लिए जाने की आवाजें उठ रही है।
संघर्ष समिति के सदस्य ने बताया कि प्रशासन बिजली कर्मचारियों को जनता के आंदोलन के खिलाफ इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग के कर्मचारी हमारे ही भाई बंधु है और हमारा उनसे कोई झगड़ा नहीं है। हमारी लड़ाई राजस्थान सरकार से व बिजली कंपनियों से है। उन्होंने बिजली कर्मचारियों से अपील की है कि जनता के इस आंदोलन के खिलाफ ना खड़े होकर आंदोलन को बढ़ाने में मदद करें। इसी में आम जनता व बिजली के मजदूरों का हित है। सरकार फूट डालो राज करने की नीति अपना रही है।
लोगों का कहना है कि जनता केवल अपने हक की माँग कर रही है, लेकिन प्रशासन व सरकार को यह बिल्कुल भी नहीं सुहा रहा है। वह पुलिस प्रशासन का इस्तेमाल करके जनता के आंदोलन को दबाना चाहते हैं । लोग सवाल उठा रहे हैं कि यह कैसा कानून है जो जनता को अपने हक की आवाज तक नहीं उठाने दे रहा है।
दूसरी तरफ बिजली बिलों में सरकार लगातार बढ़ोतरी कर रही है। फ्यूल सरचार्ज के नाम पर की गई 39 पैसा प्रति यूनिट की वृद्धि से आम उपभोक्ता पर 400 से 1000 रुपए का बोझ बढ़ जाएगा जोकि बिलकुल नाजायज है। इधर महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी है। आम आदमी जहां दो वक्त की रोटी के लिए पूरे दिन कमरतोड़ मेहनत कर रहा है, उसके घर में आठ से लेकर दस हजार के बिल दिए जा रहे हैं।
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संघर्ष समिति ने राजस्थान सरकार से माँग की है कि सिक्योरिटी राशि की पर्ची को तुरंत खारिज की जाए, स्थाई शुल्क के नाम पर की जा रही लूट बंद की जाए। बिजली बिलों में धांधली पर तुरंत रोक लगाई जाए तथा खराब मीटर को तुरंत बदला जाए। प्रत्येक परिवार को 200 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाए। आंदोलनकारियों पर दर्ज झूठे मुकदमे तुरंत वापस लिये जाए एवं पुलिसिया दमन पर रोक लगाई जाए। बिजली विभाग के निजीकरण और घोटालों पर तुरंत रोक लगाई जाए। अगर सरकार आम जनता की मांग नहीं मानती है तो यह आंदोलन पूरे राजस्थान का आंदोलन बनेगा।