कविता

कविताएँ इस सप्ताह : वाह रे बिल्ला-रंगा !

शववाहिनी गंगा / पारुल खख्खर (गुजराती से अनुवाद : इलियास शेख) एक-साथ सब मुर्दे बोले...

कविताएँ इस सप्ताह : लावारिस लाशें !

लावारिस लाशें / प्रभात नदियों में, तालाबों में जली झोपड़ियों के राखों में बड़े बड़े...

कविताएँ इस सप्ताह : वे रोज याद किये जाने वाले महान लोग !

आज पहली मई है / स्वप्निल श्रीवास्तव आज पहली मई है और मैं उन मजदूरों...

कविताएँ इस सप्ताह : तानाशाह का मजाक तो उड़ा ही सकते हैं !

तानाशाह का मजाक तो उड़ा ही सकते हैं / स्वप्निल श्रीवास्तव हम कुछ भी नहीं...

कविताएँ इस सप्ताह : यही तो लोकतंत्र है !

यही तो लोकतंत्र है! / दिगम्बर बच्चे जब चित्रकारी करते हैं तो आम का चित्र...

कविताएँ इस सप्ताह : अच्छे दिन दिखाई देंगे सिर्फ अखबारों में !

अच्छे दिन दिखाई देंगे सिर्फ अखबारों में / राहुल मिश्रा कुछ काला पैसा पार्टी फंड...

कविताएँ इस सप्ताह : अ-परिचय का तिलिस्म !

अपरिचित / दिनेश श्रीनेत हम एक-एक शब्द जोड़कर बनाते हैं छोटे-छोटे पुल जिस पर चलकर...

भूली-बिसरी ख़बरे