कविता

इस सप्ताह : अशफ़ाक़-बिस्मिल की साँझी विरासत को याद करते हुए !

उरूजे कामयाबी पर कभी हिन्दोस्ताँ होगा / अशफ़ाक़उल्ला ख़ां उरूजे कामयाबी पर कभी हिन्दोस्ताँ होगा। रिहा सैयाद के हाथों से...