हरिद्वार: हल्द्वानी में गरीब बस्ती उजाड़े जाने के विरोध में उत्तराखंड सरकार का पुतला दहन

वर्षो से बनफुलपुरा क्षेत्र में अपना जीवन बीता रहे निवासियों की अतिक्रमण के नाम पर बेदखली बंद हो और भूमि पर अधिग्रहण करने से पहले सरकार उनके लिए पुनर्वास की व्यवस्था करे।

हरिद्वार (उत्तराखंड)। हल्द्वानी के बहुचर्चित रेलवे अतिक्रमण मामले ने अब ज़ोर पकड़ लिया है। जिला प्रशासन अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई शुरू करने जा रहा है। तो दूसरी तरफ बनभूलपुरा क्षेत्र के पीड़ित हज़ारों लोग धरना प्रदर्शन कर अतिक्रमण नहीं हटाए जाने की मांग कर रहे हैं।

इसी के समर्थन में 30 दिसम्बर को बीएचईएल सेक्टर 4 चौराहे पर विभिन जन संगठनों और ट्रेड यूनियनों ने जुलूस निकाला और उत्तराखण्ड सरकार का पुतला दहन कर सभा की। 

हल्द्वानी में बनफूल पुरा बस्ती उजाड़ जाने के विरोध में हरिद्वार में प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, इंकलाबी मजदूर केंद्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, राजा बिस्किट मजदूर संगठन, सी एण्ड एस मजदूर संगठन (सीमेंस वर्कर यूनियन) भेल मजदूर ट्रेड यूनियन, कर्मचारी संघ सत्यम आटो आदि विभिन्न संगठनों ने सेक्टर 4 विरोध सभा जुलूस एवं उत्तराखंड सरकार का पुतला दहन किया।

इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि हल्द्वानी की बनफूलपुरा बस्ती के हजारों निवासी वर्षो से वहां अपना जीवन बीता रहे थे। हाउस टैक्स, बिजली का बिल, पानी का बिल दे रहे थे। वहाँ आजादी से पहले के सरकारी स्कूल बने हुए हैं। मंदिर और मस्जिद बने हुए हैं।

लेकिन अब रेलवे इस जमीन पर अपना अधिकार बता रहा है। जबकि रेलवे के पास इस भूमि का मालिकाना दिखाने के लिए अधिकारक पेपर भी नहीं है। और हाईकोर्ट ने भी वनफुलपुरा की 78 एकड़ जमीन पर बनाए गए 4365 भवनों को ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं। साथ ही प्रशासन व पुलिस से सहयोग करने के लिए कहा है।

लोगो का कहना है कि अगर हमारे घर उजाड़ दिए जाते हैं तो हम कहा जाएंगे, उनका कहना है पिछले कई दशकों से हमारे परिवार बसा हुआ है लेकिन आज उन को उजाड़ने का काम किया जा रहा है। स्कूल में पढ़ रहे हमारे बच्चों का भविष्य भी खतरे में आ जाएगा। ऐसे हालात में वह लोग कहा अपने सिर को छुपाएंगे।

हजारों की संख्या में बनभूलपुरा क्षेत्र के लोग अपना आशियाना बचाने के लिए घरों से निकलकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। और मांग कर रहे हैं कि अगर रेलवे इस भूमि पर अपना कब्जा कर रहा है तो बनभूलपुरा क्षेत्र के लोगो के लिए पूर्नवास कराया जाए। अन्यथा हम अपने आशियाने को बचाने के लिए हर संभव विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे।

बनफूलपुरा क्षेत्रवासियों की इस जायज मांग का प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, इंकलाबी मजदूर केंद्र, भेल ट्रेड यूनियन, राजा बिस्किट आदि संगठन समर्थन करते हैं। और मांग करते हैं कि बनफुलपुरा क्षेत्र की भूमि पर अधिग्रहण करने से पहले सरकार बनफुलपुरा क्षेत्र वासियों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था करें।

विरोध प्रदर्शन में प्रगतिशील महिला एकता केंद्र से दीपा, मालती, दीपमाला, नीलम, नीता, निशा, पूनम, नीलम ,प्रिति, इंकलाबी मजदूर केंद्र से पंकज, जयप्रकाश, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के संयोजक नासिर अहमद, भेल मजदूर ट्रेड यूनियन के उपाध्यक्ष नीशू कुमार, सत्यवीर सिंह, महामंत्री अवधेश कुमार, कर्मचारी संघ सत्यम आटो के महिपाल सिंह, कृष्णा, शैलेन्द्र कुमार, राजेन्द्र c&s मजदूर संगठन (सीमेंस वर्कर यूनियन) से विभूति नारायण, राजा बिस्किट मजदूर संगठन के ब्रज मोहन, बिशन पुरी, मुकेश, सूरज, सुबोध कौशिक, सोनू, कल्लू आदि लोग शामिल रहे।

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