कार्यबहाली के लिए माइक्रोमैक्स मज़दूरों ने डीएम से लगाई गुहार

अवैध छँटनी के खिलाफ 30 महीने से संघर्ष है जारी

पंतनगर (उत्तराखंड)। 30 माह से गैरकानूनी छँटनी झेल रहे भगवती प्रॉडक्ट्स (माइक्रोमैक्स) के श्रमिकों ने जिलाधिकारी पत्र भेजकर कोर्ट के आदेशानुसार कार्यबहाली कराने व बकाया वेतन का भुगतान कराने की गुहार लगाई है। कोरोना महामारी के भयावह माहौल में विकट संकट का हवाला देकर मज़दूरों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री व श्रम अधिकारियों को भी पत्र भेजा है।

उल्लेखनीय है कि कोविड-19 की विकट स्थितियों और फैलते संक्रमण को देखते हुए श्रमिक संयुक्त मोर्चा, उधम सिंह नगर की सलाह पर 29 महीने से संघर्षरत भगवती माइक्रोमैक्स और 19 महीने से संघर्षरत वोल्टास के श्रमिकों ने 11 मई को स्थिति सामान्य होने तक धरना स्थगित कर दिया था।

उस वक्त मोर्चा ने डीएम को पत्र देकर श्रमिकों की कार्यबहाली की माँग की थी और कहा था कि यदि समाधान नहीं निकलता है तो मोर्चा के नेतृत्व में आंदोलन पुनः तेज होगा। लेकिन कोरोना के बहाने जिला प्रशासन इस मामले पर मौन साध गया, जिससे मज़दूरों में आक्रोश बढ़ाने लगा है।

माइक्रोमैक्स मज़दूरों का जिलाधिकारी को प्रेषित पत्र

जिलाधिकारी महोदया को ईमेल द्वारा भेजे गए पत्र में लिखा है कि भगवती प्रोडक्ट लिमिटेड प्लॉट-18 सेक्टर-2, सिड़कुल, पंतनगर के कंपनी प्रबंधन द्वारा 27/12/2018 को 303 श्रमिकों की गई गैरकानूनी छंटनी के बाद से ही महिला व पुरुष श्रमिकों द्वारा कंपनी गेट पर धरना जारी था।

लेकिन श्रमिक संयुक्त मोर्चा ऊधमसिंह नगर के प्रस्ताव पर व कोरोना संक्रमण को देखते हुए आपको दिनांक 11/05/2021 को प्रेषित पत्र द्वारा स्थगित किया गया था, साथ ही आप से श्रमिक समस्याओं के समाधान कराते हुए श्रमिकों की कार्यबहाली कराने का निवेदन किया गया है।

भेजे पत्र में लिखा है कि श्रीमान सहायक श्रमायुक्त महोदय, उधम सिंह नगर ने दिनांक 19/04/2021 के पत्र द्वारा श्रमिकों को सूचित किया गया था कि जिलाधिकारी द्वारा गठित जिला स्तरीय कमेटी के समक्ष दिनांक 17/04/2021 को कंचन तारा होटल में समझौता वार्ता आहूत की गई है। लेकिन कोविड के कारण यह भी स्थगित हो गई।

मज़दूरों द्वारा की गई माँग-

  1. औद्योगिक न्यायाधिकरण हल्द्वानी द्वारा कंपनी प्रबंधन द्वारा की गई छंटनी को गैरकानूनी घोषित करने के उपरांत भी श्रमिकों को विगत 30 माह से बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है जिससे श्रमिकों व उनके परिवार के जीवन यापन में गंभीर संकट पैदा हो गया है। अतः माननीय कोर्ट के आदेशानुसार समस्त श्रमिकों की कार्यबहाली कराई जाए;
  2. श्रमिकों को माह दिसंबर 2018 के अर्जित वेतन का भी भुगतान आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हुआ है। अतः कोरोना महामारी संकट के समय में श्रमिकों को उनके माह दिसम्बर 2018 के अर्जित वेतन का भुगतान प्रदान करवा कर श्रमिकों को राहत प्रदान की जाए।

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