अन्याय के खिलाफ 9 जून को डॉल्फिन मज़दूरों का रुद्रपुर में होगा मज़दूर महापंचायत

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9 जून को गांधी पार्क रुद्रपुर में आयोजित मज़दूर पंचायत और 4 जून पश्चात् आयोजित सामुहिक हड़ताल के प्रचार प्रसार हेतु डॉल्फिन कम्पनी के मज़दूरों ने तेज किया जनसंपर्क अभियान!

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। सिडकुल पंतनगर (उधमसिंह नगर) स्थित डॉल्फिन कम्पनी के मजदूरों द्वारा आगामी 9 जून को क्षेत्र के सामाजिक संगठनों और मजदूर यूनियनों संग मिलकर गाँधी पार्क रुद्रपुर में प्रातः 9 बजे से मजदूर पंचायत का आयोजन किया जाएगा।

इसी के साथ 4 जून तक समस्याओं के समाधान नहीं किये जाने पर कम्पनी के पांचों प्लांटों में कार्यरत मजदूरों द्वारा सामूहिक हड़ताल की तैयारियां भी जोरशोर से चल रहीं हैं।

डॉल्फिन मज़दूरों द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि शासन प्रशासन और कम्पनी प्रबंधन को मजदूर पंचायत और सामूहिक हड़ताल की पूर्व सूचना दी जा चुकी है और सामूहिक बैठक द्वारा कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु विभिन्न टीमों का गठन हुआ और जिम्मेदारियाँ वितरित हुईं।

मजदूर पंचायत और हड़ताल कार्यक्रमों के प्रचार प्रसार हेतु डॉल्फिन मजदूर विभिन्न मज़दूर यूनियनों और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों से मुलाक़ात कर रहे हैं और आमंत्रण पत्र देकर कार्यक्रम में शामिल होने की अपील कर रहे हैं।

क्यों संघर्षरत हैं डॉल्फिन के मज़दूर?

मज़दूर प्रतिनिधियों द्वारा अवगत कराया गया की डॉल्फिन कम्पनी के पांचों प्लांटों में कार्यरत हजारों स्थाई मजदूर न्यूनतम वेतनमान, बोनस, ओवर टाइम हेतु बनाये गए उत्तराखंड और भारत देश के कानूनों को लागू कराने, स्थाई मजदूरों को गैरकानूनी रूप से नौकरी से निकाले जाने और उन्हें जबरजस्ती त्यागपत्र पर हस्ताक्षर कराके ठेकेदार के तहत नियोजन स्वीकार करने आदि आपराधिक गतिविधियों के विरोध में लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं।

श्रम विभाग द्वारा कोई सुनवाई नहीं

उपरोक्त आपराधिक गतिविधियों के विरोध में डॉल्फिन मजदूरों ने श्रम विभाग और शासन-प्रशासन सहित हर किसी के समक्ष अनगिनत बार लिखित शिकायत की है और न्याय की गुहार लगाई, किन्तु कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

प्रतिनिधियों ने बताया कि एएलसी रुद्रपुर द्वारा पीड़ित ज्यादातर मजदूरों द्वारा की गई शिकायत पत्र पर कार्यवाही करना तो दूर की बात है बल्कि एक वार्ता तक नहीं बुलाई गई है। अपवाद स्वरूप जिन मजदूरों की गेटबंदी पर एएलसी ने वार्ता बुलाई भी है तो वार्ता के दौरान वे कम्पनी मालिक के आज्ञाकारी नौकर की तरह व्यवहार करके मजदूरों की ही आवाज़ को दबा रहे हैं।

वार्ताओं के दौरान एएलसी द्वारा मजदूरों के बयान को बदलकर गलत बयान दर्ज किये जा रहे हैं और मजदूरों द्वारा प्रस्तुत अभिलेखों को कार्यवाही में दाखिल ही नहीं किए जा रहे हैं जो कि न्याय के सिद्धांतों की खुलेआम हत्या है और जालसाजी व छल कपट करने का आपराधिक मामला है।

पुलिस-प्रशासन द्वारा मज़दूरों पर फर्जी मामले

प्रतिनिधियों ने कहा कि सिडकुल चौकी इंचार्ज और एसडीएम द्वारा मालिक से सांठगांठ करके पीड़ित मजदूर सोनू कुमार को ही जेल भेज दिया गया और दर्जनों मजदूरों पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए हैं।

वहीं श्रमायुक्त उत्तराखंड अपने केबिन में डॉल्फिन कम्पनी मालिक के साथ घंटों बैठकर ग्रीन टी आदि की चुस्कीयां लेकर गुप्तागू करती हैं किन्तु उसी समय कई घंटों से उनके केबिन के बाहर उपस्थित मजदूरों को मिलने का भी समय नहीं देती हैं।

उन्होंने अवगत कराया कि डॉल्फिन के उक्त प्रकरण से स्पष्ट है कि श्रम विभाग, शासन-प्रशासन और पुलिस के संरक्षण में ही सिडकुल में कम्पनी मालिकों द्वारा अपनी-अपनी कम्पनियों में श्रम कानूनों के साथ ही भारत देश के संविधान के अनुच्छेद -19, 21, 23, 42 और अनुच्छेद 43 आदि का घोर उल्लंघन किया जा रहा है।

प्रतिनिधियों ने कहा कि श्रम भवन रुद्रपुर में खुलेआम मनमानी और तानाशाही चल रही है और पीड़ित मजदूरों के साथ घोर अन्याय हो रहा है। श्रम भवन पीड़ित मजदूरों की आवाज़ को दबाने और कम्पनी मालिकों की गैरकानूनी गतिविधियों, शोषण, उत्पीड़न पर पर्दा डालने का अड्डा बन चुका है।

जहाँ पीड़ित मजदूरों की कोई भी कद्र नहीं है, जहाँ मजदूरों को जाने से डर लगने लगता है और घुटन महसूस होती है तो वहीं कम्पनी प्रबंधन की वहां खूब खातिरदारी की जाती है और अति सम्मान किया जाता है। जहाँ पीड़ित मजदूरों की सुनवाई को जानबूझक लटकाया जा रहा है और सुनवाई भी नहीं की जा रही है।

9 जून को मज़दूर पंचायत में शामिल हों!

स्पष्ट है कि श्रम विभाग, शासन-प्रशासन और पुलिस द्वारा कम्पनी मालिकों को संरक्षण प्रदान करके स्वयं ही श्रम कानूनों, भारतीय संविधान और मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन किया जा रहा है। ऐसे में मजदूरों को अपने श्रम व संविधानिक अधिकारों और मानवधिकारों की रक्षा करने के लिए आंदोलन की राह पर आगे बढ़ना होगा। यही हम सबकी जरूरत है और वक़्त की मांग है।

डॉल्फिन श्रमिकों ने सबका आह्वान करते हुए कहा कि मजदूरों की इस साझी लड़ाई और साझी समस्याओं को लेकर ही 9 जून को मजदूर पंचायत आयोजित की जा रही है जिसमें न्याय हित में सबको भागेदारी करनी चाहिए।

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