रुद्रपुर: मज़दूर पंचायत में डॉल्फिन मज़दूरों की आवाज़ हुई बुलंद; जुलूस का दबाव, पुलिस ने लिया ज्ञापन

सामुहिक आंदोलन का निर्णय। डॉल्फिन मज़दूरों व सामाजिक कार्यकर्ता पर दर्ज हुए झूठे मुकदमे निरस्त हों, महिलाओं द्वारा गुंडों के खिलाफ दी गई तहरीर पर एफआईआर दर्ज हो!
रुद्रपुर (उत्तराखंड)। डॉल्फिन कम्पनी के मजदूरों की समस्याओं को लेकर पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आज 9 जून को स्थानीय गांधी पार्क में जोशीले नारों और एकताबद्ध संघर्ष के आह्वान के साथ मजदूर पंचायत सफलता पूर्वक संपन्न हुई।
पंचायत के बाद पुलिस की हिलाहवाली से नाराज मज़दूर एस एस पी कैंप कार्यालय ज्ञापन देने हेतु जुलूस की शक्ल में चल पड़े। इस दौरान दल बल के साथ आए शहर कोतवाल जुलूस को पुनः कार्यक्रम स्थल पर लौटाने के साथ मजदूरों फर्जी मुकदमे के खिलाफ ज्ञापन लेने को विवश हुए।
डॉल्फिन में बंधुआ मज़दूरी और बेगार की घृणित प्रथा
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि डॉल्फिन कम्पनी में मजदूरों को न्यूनतम वेतन मान भी नहीं दिया जाता। नियमानुसार बोनस और ओवर टाइम का भुगतान भी नहीं दिया जाता है, जो कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 23, 42 और अनुच्छेद-43 का घोर उल्लंघन है और भारत के सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस हेतु समय समय पर दिए गए आदेशों की घोर अवमानना है। यह बंधुआ मजदूरी और बेगार प्रथा की घृणित प्रथा को अंजाम देना है।
वक्ताओं ने कहा कि कुमाऊं केसरी बद्री दत्त पांडे जी जैसे क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों से लड़कर 1921 में जिस कुप्रथा को उत्तराखंड में कानूनी रूप में खत्म करवाया था आज शासन प्रशासन और डॉल्फिन कम्पनी मालिकों का गठजोड़ उस कुप्रथा को डॉल्फिन कम्पनी में लागू करके भारतीय संविधान को ताक पर रख चुके है।

मज़दूरों का घोर शोषण; शासन-प्रशासन-श्रम अधिकारी कंपनी के पैरोकार
डॉल्फिन कम्पनी में परमानेंट मजदूरों से जबरदस्ती त्याग पत्र पर हस्ताक्षर कराके ठेकेदार की नौकरी में नियोजित किया जा रहा है। असंख्य मजदूरों को कारण बताओं नोटिस, आरोप पत्र दिये बिना ही उनकी गैरकानूनी गेटबंदी कर दी गई है। शासन प्रशासन और श्रम विभाग में इस पर अनगिनत बार शिकायत की जा चुकी है किंतु सभी डॉल्फिन कम्पनी मालिक की ही भाषा बोल रहे हैं।
एएलसी रुद्रपुर दीपक कुमार तो कम्पनी मालिक के नौकर की तरह ही व्यवहार करके मजदूरों को ही दबा रहे हैं। एएलसी द्वारा मजदूरों के बयानों को बदल कर लिखा जा रहा है उनके द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों को भी दाखिल नहीं किया जा रहा है जो कि छल-कपट, जालसाजी है और न्याय की हत्या है।

मालिक की गुंडई; मज़दूरों पर फर्जी मुक़दमें
वक्ताओं ने कहा कि मजदूरों की सभाओं में कम्पनी मालिक द्वारा लाल सिंह गंगवार और इरफान पाशा जैसे गुंडों के नेतृत्व में हमले कराए जा रहे हैं, वीडियो बनाई जा रही है और महिलाओं से छेड़छाड़ की जा रही है। कम्पनी मालिक की ऑडियो और गुंडों की वीडियो और अन्य साक्ष्यों को पेश करके महिलाओं और मजदूरों ने ट्रांजिट कैंप थाने में कई बार लिखित तहरीर दी गई किंतु पुलिस ने उस पर एफआईआर तक दर्ज नहीं की।
किंतु वहीं उक्त गुंडों की झूठी शिकायत को हाथों हाथ लेकर डॉल्फिन मजदूर नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं कैलाश भट्ट और राजेश सक्सेना के विरुद्ध गुंडों से मारपीट करने और दस हजार रुपए छीनने का आरोप लगाकर झूठे मुकदमे दर्ज किए गए। मजदूर नेता सोनू कुमार को जेल भेज दिया गया। श्रमिक नेता ललित कुमार के भाई को पुलिस ने घर से उठा लिया।
डॉल्फिन सहित पूरे सिड़कुल के मज़दूरों के हाल-बेहाल
इससे स्पष्ट है कि डॉल्फिन कम्पनी मालिक और शासन प्रशासन, पुलिस की गहरी सांठगांठ है और सभी मिलकर गरीब मजदूरों को दबा रहे है और भारतीय संविधान, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और श्रम कानूनों का चीरहरण कर रहे है। आज पूरे सिडकुल में स्थित अन्य कंपनियों का भी यही हाल है।
इंटरार्क, कारोलिया और लुकास टीवीएस सहित अनगिनत कंपनियों में जिला प्रशासन की मध्यस्थता में हुए समझौतों को, उच्च न्यायालय, श्रम न्यायालय और लोक अदालतों के आदेशों का उल्लंघन करके असंख्य मजदूरों का निलंबन, निष्कासन किया गया है किंतु शासन प्रशासन और पुलिस मौन है और कम्पनी मालिकों के नौकर बनकर पीड़ित मजदूरों की ही आवाज को दबा रहे हैं। इसके खिलाफ एकजुट संघर्ष करके ही आगे बढ़ाना होगा।

दमन के विरोध में प्रस्ताव पारित; दी चेतावनी
डॉल्फिन मजदूर नेताओ और सामाजिक कार्यकर्ता के विरुद्ध पुलिस द्वारा दर्ज किए झूठे मुकदमे को निरस्त करने और महिलाओं द्वारा गुंडों के खिलाफ दी गई तहरीर पर एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए। सोनू कुमार सहित मजदूरों पर झूठे मुकदमे दर्ज करने वाले पुलिस वालों और एसडीएम मनीष कुमार और एएलसी दीपक कुमार के खिलाफ कार्यवाही की जोरदार मांग की गई।
अंत में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि यदि पुलिस द्वारा किसी भी साथी को गिरफ्तार किया गया तो उसके विरोध में सभी मजदूर जेल भरो आंदोलन के तहत सामुहिक गिरफ्तारी देंगे और किसी भी मजदूर का कम्पनी ने गेटबंद किया तो उसके जवाब में मजदूर अपने सामुहिक हड़ताल के अधिकार का प्रयोग करेंगे।
साथ ही सिडकुल में मजदूरों के सामुहिक आंदोलन को शुरू करके निर्णायक कदम उठाने का निर्णय लिया गया।

निकाला जुलूस; दबाव में पुलिस ने लिया ज्ञापन
सभा पश्चात् सभी मजदूरों द्वारा जुलूस की शक्ल में ट्रांजिट कैंप थाना में जाकर 05/06/2024 को पुलिस द्वारा डालफिन के प्रबधंको के इशारे पर मजदूरों पर लगाये फर्जी मुकदमे के खिलाफ ट्रांजिट कैंप थाने के एसओ के माध्यम से पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड को ज्ञापन देने की योजना थी।
इस पर पहले थाने के एसओ का फोन आया कि वह खुद पंचायत स्थल पर आकर ज्ञापन लेंगे। बाद में फोन आया कि ज्ञापन रिसीव तो कोई सक्षम अधिकारी होना चाहिए वो ज्ञापन नही ले सकते हैं।
इस पर मजदूरों ने तय किया कि अब सभी एस एस पी के कैंप कार्यालय जाकर ज्ञापन देंगे, और मजदूर जुलूस की शक्ल में चल पड़े। तभी शहर कोतवाल दल बल के साथ आये और जुलूस को पुनः कार्यक्रम स्थल पर लौटा लाये। वहां पर मजदूरों ने ज्ञापन पढ़कर कोतवाल रुद्रपुर को सौंपा और पुलिस द्वारा फर्जी मुकदमे के खिलाफ अपना पक्ष रखा।
तय किया कि यदि किसी भी मजदूर का गेट बंद किया या कोई ज़्यादती की या फिर पुलिस ने किसी की गिरफ्तारी की तो पांचों प्लांटों में मजदूर सामूहिक हड़ताल करके और जेल भरो आंदोलन के तहत पुलिस मुख्यालय रुद्रपुर पहुँचकर गिरफ्तारी देंगे।
यूनियनों, मज़दूर, सामाजिक व विभिन्न संगठनों की भागीदारी
पंचायत में डालफिन मजदूर संगठन के अध्यक्ष ललित कुमार, उपाध्यक्षा सुनीता, श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधम सिंह नगर के अध्यक्ष दिनेश तिवारी, इंकलाबी मजदूर केंद्र के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश भट्ट, मजदूर सहयोग केंद्र उत्तराखंड के अध्यक्ष मुकुल, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के शिवदेव सिंह, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की वंदना, बेलसोनिका ऑटो कंपोनेंट इंडिया इंप्लाइज यूनियन गुड़गांव के महामंत्री अजीत, भारतीय मजदूर संघ उधम सिंह नगर जिला अध्यक्ष गणेश मेहरा, सीएनजी टेंपो यूनियन रुद्रपुर के अध्यक्ष सुब्रत विश्वास, ठेका मजदूर कल्याण समिति पंतनगर के सचिव अभिलाख सिंह उपस्थित रहे।
सिड़कुल की विभिन्न यूनियनों में इन्टरार्क मजदूर संगठन उधम सिंह नगर के महामंत्री सौरभ पटेल, लुकास टीवीएस मजदूर संघ के महामंत्री बसंत गोस्वामी, भगवती एंप्लाइज यूनियन के लोकेश पाठक, आनंद निशिकावा इंप्लाइज यूनियन के कोषाध्यक्ष गंगा सिंह, टाटा ऑटोकाम मजदूर संघ के दीवान सिंह, हिमालय पॉलिटेक के देवदास, बजाज मोटर कर्मकार यूनियन के महामंत्री हीरा राठौर, करोलिया लाइटिंग इम्प्लाइज यूनियन के अध्यक्ष हरेंद्र सिंह, यजाकी वर्कर यूनियन के महामंत्री रविंद्र कुमार, गुजरात अंबुजा कर्मकार यूनियन सितारगंज के रामजीत सिंह, आटोलाइन इम्प्लाइज यूनियन के विश्वामित्र तिवारी, डेल्टा इम्प्लाइज यूनियन से के.एन. झा, राकेट रिद्धि सिद्धि यूनियन से कनक सिंह, पारले मजदूर संघ से प्रमोद तिवारी, सुमित राणा जी पारले मजदूर संघ, निरंजन लाल जी महामंत्री मंत्री मेटल वर्कर यूनियन, दलजीत सिंह अध्यक्ष इंटरार्क मजदूर संगठन उधम सिंह नगर, जयशंकर पी डी पी एल इम्प्लाइज यूनियन सिडकुल पंतनगर आदि शामिल थे।
साथ ही भाईचारा एकता मंच से के पी गंगवार, लघु उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजीव कुमार गुप्ता, भाकपा माले के जिला अध्यक्ष ललित मटियाली, नगर अध्यक्ष कांग्रेस रुद्रपुर के सी पी शर्मा, रुद्रपुर के पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल, सेवा क्रांति ट्रस्ट से अलका अरोरा, एडवोकेट एवं समाजसेवी संजय माईसी की उपस्थिति रही।
किसान प्रतिनिधियों के रूप में तराई किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजेंद्र विर्क, भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) उत्तराखंड – पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी बलजिंदर सिंह मान, भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) उत्तराखंड से अध्यक्ष जसवंत सिंह मौजूद रहे।
छात्र संगठनों की ओर से परिवर्तनकामी छात्र संगठन हल्द्वानी के चंदन मेहता, आइसा के राज्य सचिव धीरज कुमार आदि समेत सैंकड़ों महिलाएं और मजदूर हौसले के साथ मज़दूर पंचायत में शामिल रहे।
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