साहित्य/सिनेमा

सांस्कृतिक समागम में उभरे कई रंग; गीत, नाटक,नृत्य नाटिका आदि विविध संगीतमय प्रस्तुतियां

तीन संगठनों की पहल, देश के विभिन्न हिस्सों के संस्कृतिकर्मी; हिंदी, बांग्ला, नेपाली, कुमाऊनी, भोजपुरी,...

सांस्कृतिक समागम : वर्चस्व के खिलाफ प्रतिरोध का सशक्त सांस्कृतिक माध्यम विकसित करना होगा!

तीन संगठनों के साझा बैनर तले मंटो जन्म दिवस पर दो दिवसीय सांस्कृतिक समागम के...

आधुनिक सभ्यता पर कड़ा प्रहार करता प्रेमचंद का लेख “महाजनी सभ्यता”

‘इस महाजनी सभ्यता ने दुनिया में नयी रीति-नीतियाँ चलायी हैं …जहाँ लेन-देन का सवाल है,...

मई दिवस: मज़दूर आंदोलन की नायिका लूसी पार्सन्स का अदालत में दिया गया बयान

मई दिवस के अमर शहीद नायकों में एक अल्बर्ट पार्सन्स की पत्नी और साथी लूसी...

सामाजिक मुद्दों पर बनी दो फिल्में समारोह से हटाई गईं

नई दिल्ली: ओडिशा में कटक के रेनशॉ विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा आयोजित एक फिल्म समारोह...

वरिष्ठ साहित्यकार शेखर जोशी के निधन पर मज़दूर ज़िंदगी पर केंद्रित उनकी कहानी ‘बदबू’

शेखर जोशी फैक्ट्रियों व मज़दूरों के संघर्ष को देखा, अपनी कहानियों में तेल, मिट्टी, कालिख...

जन्मदिवस, 31 जुलाई: प्रेमचंद का प्रासंगिक लेख- डंडा

अब ना कानून की जरूरत है, ना व्यवस्था की, कौंसिलें और एसम्बलियाँ सब व्यर्थ, अदालतें...

मंटो के जन्म दिवस पर उनकी एक मार्मिक और जीवंत कहानी “आखि़री सल्यूट”

सआदत हसन मंटो की यह कहानी आज़ादी के बाद कश्मीर के लिए दोनों मुल्कों में...

मई दिवस अन्तेष्टि : जब मज़दूरों का हुजूम उमड़ पड़ा; सुनाई पड़ती थीं सिर्फ सांसें और क़दमों की आहट

मई दिवस के शहीदों की ऐतिहासिक अन्तेष्टि की यह कहानी मई दिवस पर केन्द्रित हावर्ड...

व्यंग: नींबू की आसमान छूती कीमतों ने किया मन खट्टा, तो मोदी जी क्या करें!

मोदी जी से सीखो, जो आजकल उपवास कर रहे हैं। उनकी जान तो नींबू में...

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