फिल्मों में दिलीप कुमार दमित-मेहनतकश की पीड़ा के प्रतीक भी थे
“सबको मिले मेहनत के मुताबिक अपना अपना हिस्सा” बीते 7 जुलाई को अभिनेता दिलीप कुमार...
“सबको मिले मेहनत के मुताबिक अपना अपना हिस्सा” बीते 7 जुलाई को अभिनेता दिलीप कुमार...
माफ करना / महेश केळुसकर हिंदी अनुवाद : उषा वैरागकर आठले हे आसमानी परमपिता! माफ...
भूख / कुमार विश्वबंधु भूख जरूरी है खाना खाने के लिए खाना जरूरी है जिन्दा...
यही मौका है / नबारुण भट्टाचार्य (अनुवाद – लाल्टू) यही मौका है, हवा का रुख...
वो शख्स सूरमा है ..मगर बाप भी तो है रोटी खरीद लाया है तलवार बेचकर...
एक आगमन आता है सूरज तो जाती है रात किरणों ने झाँका है होगा प्रभात...
“हम किस देश के वासी हैं“ प्रसिद्ध साहित्यकार रमेश उपाध्याय का कोरोना और अस्पताल की...
यदि तुम नहीं मांगोगे न्याय / कुमार अंबज यह विषयों का अकाल नहीं है यह...
वे इसी पृथ्वी पर हैं / भगवत रावत इस पृथ्वी पर कहीं न कहीं कुछ...
शववाहिनी गंगा / पारुल खख्खर (गुजराती से अनुवाद : इलियास शेख) एक-साथ सब मुर्दे बोले...