साहित्य/सिनेमा

“थप्पड़” : जो हर औरत के जीवन की खामोश तहों का गवाह है

फिल्म “थप्पड़” को क्यों देखाना चाहिए. . . वरिष्ठ पत्रकार और फिल्मों के सटीक विश्लेषक...

सिनेमा मार्डन टाइम्सः महामंदी की अद्भुत दास्तान

मज़दूर जमात के लिए चार्लिन चैपलिन की एक शानदार फिल्म. . . महामंदी का वह...

इस सप्ताह केदारनाथ अग्रवाल की चार कविताएं !

मिल मालिक मिल मालिक का बड़ा पेट है बड़े पेट में बड़ी भूख है बड़ी...

भूली-बिसरी ख़बरे