इस सप्ताह : गोरख पाण्डेय की कविताएं !
कुर्सीनामा / गोरख पाण्डेय खून के समंदर पर सिक्के रखे हैं सिक्कों पर रखी है...
कुर्सीनामा / गोरख पाण्डेय खून के समंदर पर सिक्के रखे हैं सिक्कों पर रखी है...
औरतें / रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ कुछ औरतों ने अपनी इच्छा से कूदकर जान दी थी...
(1) लड़ाई का कारोबार एक घाटी पाट दी गयी है और बना दी गयी है...
उजाले सड़क पर उतरने लगे हैं / आदित्य कमल रियाया को जब वो कुचलने लगे...
वह हर एक बात पर कहना कि यों होता तो क्या होता / मिर्ज़ा ग़ालिब...
आवाज़े-आदम / साहिर लुधियानवी दबेगी कब तलक आवाज़-ए-आदम हम भी देखेंगे रुकेंगे कब तलक जज़्बात-ए-बरहम...
देशगान / सर्वेश्वरदयाल सक्सेना क्या गजब का देश है यह क्या गजब का देश है।...
हमार पास कागज नैना! / बोधिसत्व (इलाहाबाद के रोशन बाग के नाम) अब का करबो...
विशेष : जन्म दिवस: 15 जनवरी 1902; स्मृति दिवस: 03 जून 1963 अज़ीम इंसानियत /...
बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे / फ़ैज अहमद फ़ैज बोल कि लब आज़ाद हैं...