कोरोना : छुट्टी हेतु बंगलुरु के शाही फैक्ट्री मज़दूरों ने किया प्रदर्शन

Shramjivi mahila

31 तक फैक्ट्री में छुट्टी घोषित, सवेतन अवकाश पर वार्ता के लिए प्रबंधन हुआ तैयार

बंगलुरु। कर्नाटक गारमेंट वर्कर्स यूनियन (KOOGU) के नेतृत्व में शाही फैक्ट्री यूनिट 8 बंगलुरु, भारत के श्रमिकों ने विरोध प्रदर्शन किया और फैक्ट्री प्रबंधन, ब्रांड और सरकार द्वारा गारमेण्ट कारखानों में कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए उचित स्वास्थ्य और सुरक्षा उपायों को लागू करने से इनकार करने पर फैक्ट्री परिसर में प्रवेश करने से इंकार कर दिया।

व्यक्तिगत स्वास्थ्य और सुरक्षा से समझौता करने की जगह मज़दूरों ने विरोध किया और परिसर में प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हुए। हालाँकि यह जोख़िम उठाए बिना इन श्रमिकों के पास इस मौजूदा गंभीर स्वास्थ्य संकट के समय कारखाना प्रबंधन, ब्रांड कम्पनी और सरकार को अपनी बात सुनाने का और कोई रास्ता नहीं था।

शाही यूनिट 8,  एचएंडएम, कोलंबिया स्पोर्ट्सवियर और वीएफएसएचओ जैसे ब्रांड के लिए उत्पादन करती है। शाही ग्रुप गारमेंट विनिर्माण क्षेत्र में प्रमुख नाम है, जहाँ भारी संख्या में महिला श्रमिक काम करती हैं, जिन्होंने 2016 में ऐतिहासिक आन्दोलन किया था।

एक दिन के विरोध के बाद, कारखाना प्रबंधन 31 मार्च तक श्रमिकों को छुट्टी देने के लिए सहमत हो गया है। हालांकि, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि श्रमिकों को सवैतनिक अवकाश दिया जाएगा। इसलिए यूनियन ने माँग की है कि श्रम मंत्रालय तुरंत इस स्थिति पर ध्यान दे और सुनिश्चित करे कि सभी गारमेण्ट श्रमिकों को इस संकट के दौरान सवैतनिक अवकाश दिया जाए।

यूनियन ने कहा कि हम माँग करते हैं कि वे इन श्रमिकों के लिए सवैतनिक अवकाश सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष कोविड-19 फंड बनाएं क्योंकि यही श्रमिक उन्हें मुनाफा कमाकर देते हैं।

कर्नाटक गारमेंट वर्कर्स यूनियन (KOOGU) ने कहा कि ब्रांड, कारखाना प्रबंधन और सरकार से मांग करते हैं कि संकट की इस घड़ी में गारमेण्ट श्रमिकों के साथ खड़े हो। गारमेण्ट श्रमिक आर्थिक रूप से सबसे कमजोर मज़दूर समूहों में से एक है, जिन्हें इस महामारी के कारण और भी अधिक आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।

अंतिम समाचार मिलने तक प्रबंधन सवेतन अवकाश देने के लिए बात-चीत करने को तैयार हो गया है।