यूपी सरकार के मनमानेपन के बीच अजय मिश्रा की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी के लिए दबाव जारी

शहीद किसान अस्थि कलश यात्रा, एकल पदयात्रा, साइकिल यात्रा सहित पदयात्रा, किसान महापंचायत, धरना आदि के माध्यम से पूरे देश में कई रूपों में किसान आंदोलन तेज हो रहा है।

भले ही उच्चतम न्यायालय ने अपने पैर खींचने के लिए यूपी सरकार की खिंचाई की थी, लखीमपुर किसान हत्याकांड में एसआईटी प्रमुख को यूपी सरकार ने स्थानांतरित कर दिया। एसकेएम ने पुनः मांग की है कि न्याय से समझौता होने से पहले जांच की निगरानी सीधे सुप्रीम कोर्ट द्वारा हो!

26 अक्टूबर को देशव्यापी विरोध की लामबंदी तेज

ऐतिहासिक किसान आंदोलन 26 अक्टूबर को श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एक लापरवाह, कॉर्पोरेट-समर्थक सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण संघर्ष के ग्यारह महीने पूरे करने जा रहा है। एसकेएम ने सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक पूरे देश में विरोध प्रदर्शन (मार्च, धरना आदि) का आह्वान किया है।

संघर्ष को तेज करने और अधिक से अधिक किसानों को लामबंद करने के लिए पूरे देश में विभिन्न प्रकार के विरोध और प्रतिरोध अपनाए जा रहे हैं।

कर्नाटक से दिल्ली के मोर्चों के लिए पदयात्रा जारी

कर्नाटक का एक असाधारण 39 वर्षीय नागरिक नागराज कलकुटागर, पूर्व तकनीकी विशेषज्ञ युवा ने 11 फरवरी 2021 को कर्नाटक के एमएम हिल्स से दिल्ली के मोर्चों के लिए पदयात्रा शुरु की थी। 4350 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद आज अपने पदयात्रा के 163वें दिन में है। वह मांग कर रहे हैं कि भारत सरकार किसान आंदोलन की मांगों को पूरा करे। आज वह मध्य प्रदेश के धार जिले के खलघाट पहुंचे है।

उन्होंने महाराष्ट्र में धुले और शिरपुर को कवर करने के बाद मध्य प्रदेश में प्रवेश किया और सेंधवा, जुलवानिया और ठिकरी पहुंचे। वह राजस्थान में प्रवेश करने से पहले इंदौर, देवास, सारंगपुर, गुना, शिवपुरी, ग्वालियर और मुरैना से गुजरेंगे और फिर अंतिम चरण में उत्तर प्रदेश और हरियाणा जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा नागराज की बहादुरी और समर्पण की भावना को सलाम करता है।

बिहार : खेती बचाओ किसान स्वाभिमान यात्रा शुरू

बिहार में किसान संगठनों और समर्थकों ने रोहतास से खेती बचाओ किसान स्वाभिमान यात्रा शुरू की। यात्रा का “रथ” बिहार के विभिन्न जिलों जैसे बक्सर, जहानाबाद, आरा, अरवल, गया, नवादा, नालंदा आदि से होकर गुजरेगा और तीन किसान विरोधी कानूनों, एमएसपी कानूनी गारंटी की आवश्यकता के बारे में जागरूकता पैदा करेगा,इस तरह वर्तमान  आंदोलन को मजबूत करने के लिए अधिक से अधिक किसानों को लामबंद करेगी।

अस्थि कलश यात्रा जारी; किसान-शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा

शहीद किसान अस्थि कलश यात्रा कई स्थानों पर जारी है, और आंदोलन को और अधिक ताकत और यह सुनिश्चित करने का संकल्प दे रही है कि किसान-शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

एक यात्रा आज चेन्नई में शुरू हुई, जो चेन्नई से पून्नामल्ले और कांचीपुरम जाएगी। अपने 4 दिवसीय कार्यक्रम में, यह यात्रा तमिलनाडु के डिंडीवनम, विल्लुपुरम, सलेम, नमक्कल, करूर, डिंडीगुल, विरुधुनगर, शिवगंगई, मदुरै, तिरुचिरापल्ली, तंजावुर, तिरुवरूर और नागापट्टिनम जिलों को कवर करेगी, जिसके बाद अस्थियों को वेदारण्यम में बंगाल की खाड़ी में विसर्जित किया जाएगा।

ओडिशा में भी ऐसी कलश यात्रा शुरू हुई। एक और अस्थि कलश यात्रा आज हरियाणा के ऐलनाबाद के 16 गांवों से होकर गुजर रही है।

UP Lakhimpur
गंगा में शहीद अस्थि कलश प्रवाहित करते हुए

एक अन्य यात्रा उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से होकर जा रही है, और 25 तारीख को समाप्त होगी। यूपी के संत कबीर नगर जिले और देवरिया जिले में भी यात्राएं चल रही हैं। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले से अस्थि कलश यात्रा निकाली गई, जो 18 अक्टूबर को मझोला से शुरू हुई थी। यह यात्रा उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर की खटीमा और नानकमत्ता से होकर जा रही है।

इनमें से एक यात्रा चंडीगढ़ के आसपास के गांवों से होकर जा रही है। एक यात्रा पंजाब के हुसैनीवाला पहुंची जिसके बाद अस्थियों को सतलुज नहर में विसर्जित कर दिया गया।

इन यात्राओं ने, वे जहां भी गए हैं, शहरी नागरिकों को भी श्रद्धापूर्वक आकर्षित किया है, और लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड में न्याय की मांग और मजबूत होती जा रही है। इस बीच, पंजाब सरकार ने लखीमपुर खीरी नरसंहार के पांच शहीदों के परिजनों को पचास लाख रुपये के चेक जारी कर दीए हैं।

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बावजूद यूपी सरकार का क़दम अप्रत्याशित

उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल का नेतृत्व कर रहे डीआईजी उपेंद्र कुमार अग्रवाल का तबादला कर दिया गया है। कथित तौर पर यूपी सरकार ने यह स्पष्टीकरण दिया है कि स्थानांतरण के बावजूद वह एसआईटी के प्रमुख बने रहेंगे।

भले ही पिछले सुनवाई में ‘अपने पैर खींचने’ के लिए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाई थी, यूपी सरकार द्वारा यह असामान्य और अप्रत्याशित कदम उठाया गया है।

एसकेएम एक बार फिर मांग करता है कि न्याय से पूरी तरह समझौता होने से पहले जांच की निगरानी सीधे सुप्रीम कोर्ट द्वारा की जानी चाहिए। अस्वीकार्य हितों का टकराव बिल्कुल स्पष्ट है और एसकेएम राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी के लिए अपने विरोध को तेज करना जारी रखेगा।

केंद्रीय कृषि मंत्री को एमपी में किसानों ने फिर दिखाए काले झंडे

मध्य प्रदेश के सतना जिले में रैगांव विधानसभा उपचुनाव के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर दो दिवसीय प्रचार यात्रा पर गए थे। गुस्साए किसान सिविल लाइंस जंकशन पर काले झंडों के साथ जमा हो गए और नारे लगाने लगे और उन्हें वापस जाने के लिए कहा।

तोमर को पहले भी अपने गृह राज्य और अपने निर्वाचन क्षेत्र में किसान आंदोलन से जुड़े किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा था।

जजपा नेता का विरोध, कार्यक्रम से लौटना पड़ा वापस

इस बीच हरियाणा के फतेहाबाद में रतिया रोड स्थित टोहाना में जजपा नेता निशान सिंह के खिलाफ काले झंडों के साथ विरोध प्रदर्शन किया गया। किसानों ने भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला और विधायक देवेंद्र बबली के खिलाफ भी नारेबाजी की। इस घटना में जजपा नेता को बिना अपनी कार के ही कार्यक्रम से लौटना पड़ा।

रेवाड़ी में किसान विधायक आवास पर करेंगे विरोध

25 अक्टूबर 2021 को रेवाड़ी जिले में बड़ी संख्या में किसानों ने अपने कटे हुए बाजरा को कोसली विधायक लक्ष्मण सिंह यादव के आवास पर ले जाने और उसके लिए एमएसपी की मांग करने की योजना बनाई है। जबकि सरकार ने ₹2250 रुपये के एमएसपी की घोषणा की है, खुले बाजार में किसानों को अधिकतम लगभग ₹1300 रुपये प्रति क्विंटल ही मिल पा रहा है।

किसानों ने कहा है कि भाजपा सरकार के बार-बार यह दावा करने के बावजूद कि “एमएसपी थी, है और रहेगी”, रेवाड़ी मंडी में, उन्हें एमएसपी नहीं मिल रहा है और इसलिए, वे इस उपाय का सहारा लेंगे।

ग्लासगो जलवायु शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का होगा विरोध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है। COP26 जलवायु सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री के ग्लासगो यात्रा के दौरान भारतीय प्रवासी और अन्य किसान आंदोलन के समर्थन और एकजुटता में विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए एक साथ आ रहे हैं।

ललितपुर में खाद लेने की कतार में एक किसान की मृत्यु

उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में एक 58 वर्षीय किसान की खाद की दुकान के बाहर कतार में खड़े – खड़े मृत्यु हो जाने खबर आ रही है, जहां वह पिछले दो दिनों से कुछ उर्वरक खरीदने की कोशिश कर रहा था। देश भर में विरोध, पुलिस लाठीचार्ज और उर्वरक की कमी की रिपोर्ट जारी है, और एसकेएम की मांग है कि आपूर्ति को तुरंत सुचारू और विनियमित किया जाए।

संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी (331वां दिन, 23 अक्टूबर 2021)

जारीकर्ता – बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह।

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