दार्जिलिंग के चाय बागान मजदूरों के संघर्ष की बड़ी जीत

20 प्रतिशत बोनस पर समझौता

दार्जिलिंग के चाय बागान मजदूरों को बड़ी जीत मिली है। यूनियन प्रतिनिधियों और चाय बागान मालिकों के बीच कल कोलकाता की बैठक में 20% बोनस पर एक समझौता हुआ। दार्जिलिंग के चाय बागान के मजदूर पिछले 1 महीने से त्योहारों के सीजन में बोनस के लिए संघर्षरत थे। मजदूरों की मांग 20% बोनस भुगतान की थी जबकि चाय बागान प्रबंधन 8% की दर से बोनस भुगतान पढ़ा हुआ था जिसको लेकर मजदूर सड़कों पर आंदोलन जारी रखते हुए धरना प्रदर्शन तथा भूख हड़ताल के जरिए लगातार संघर्षरत थे।

समझौते के अनुसार, 20% बोनस में से, 60% का भुगतान अगले 10 दिनों में किया जाएगा, जबकि शेष 40% का फैसला त्रिपक्षीय बैठक द्वारा किया जाएगा, जिसे नवंबर 2019 में बुलाया जाएगा।
हम सभी को इस जीत का जश्न मनाना चाहिए लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि लड़ाई केवल बोनस के साथ नहीं है। यह चाय बागान के बुनियादी उत्पादन प्रणाली के साथ जुड़ा हुआ है। एक न्यायोचित न्यूनतम मजदूरी की लड़ाई पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

सभी मजदूरों को अपने मूलभूत अधिकारों के लिए लड़ाई लड़नी है और यह लड़ाई जनवाद की दिशा में आगे बढ़ानी है। दार्जिलिंग तराई और दोआर्स के चाय बागानों के श्रमिकों को भूमि अधिकार दिलाना है।
श्रमिकों ने कहा कि यदि शेष 40% बोनस का भुगतान तय किए गए समय पर नहीं किया जाता है या मलिक इसमें कुछ भी हेर फेर करने की कोशिश करते हैं, तो याद रखें कि नवंबर में नारे, गीत और प्रतिरोध के साथ फिर से संघर्ष की शुरुआत हो जाएगी।
लड़ाई में जीत मिली है लेकिन संघर्ष जारी है।

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