जनरल मोटर्स की हड़ताल को मारुति मज़दूरों का समर्थन

संघर्षरत मारुति मज़दूरों ने जनरल मोटर्स मज़दूरों की हड़ताल का समर्थन किया।


पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी की आंच है और इसका असर ऑटोमोबाइल उद्योग सहित कई उद्योगों पर हैं जिसकी वजह से मज़दूरों की नौकरियां जा रही हैं और उनके अधिकारों पर हमला किया जा रहा है।

इसे भी पढ़े – नेरोलेक पेंट्स ने निकाले 400 श्रमिक


भारत में भी आर्थिक मंदी के कारण मारुति सहित ऑटोमोबाइल उद्योग में लाखों मज़दूरों की नौकरी चली गई। 16 सितम्बर से जारी जनरल मोटर्स के मजदूरों की हड़ताल के समर्थन में मारुति के मज़दूरों के अलावा महीने भर से संघर्षरत तमिलनाडु के मदर्सन ऑटोमोटिव इंजिनियरिंग वर्कर्स भी हैं।


लगातार तीसरे हफ़्ते जारी जनरल मोटर्स के मजदूरों की हड़ताल का समर्थन करते हुए मारुति सुज़ुकी वर्कर्स यूनियन ने हड़ताली मज़दूरों का क्रांतिकारी अभिवादन करते हुए कहा कि भारत के मजदूर पूंजीवादी व्यवस्था और शोषण के खिलाफ आपकी इस लड़ाई में आपके साथ खड़े हैं।


पूंजीवादी व्यवस्था और धनकुबेर अपने मुनाफे की हवस के कारण बार बार इस आर्थिक संकट का शिकार हैं जिसका बोझ वह मजदूर वर्ग पर डालना चाहते हैं इसलिए नौकरियों में कटौती की जा रही है।

इसे भी पढ़े – यूनियन का हक़ लेकर रहेंगे!


आप जिस संघर्ष को लेकर आगे बढ़ रहे हैं उस राजनीतिक संघर्ष का रूप देना होगा और यह तभी होगा जब हम सही वर्गीय राजनीतिक रुख अख्तियार करें। इस पूंजीवादी व्यवस्था में बर्जुआ राजनीतिक दलों के प्रतिनिधित्व को हमें नकारना होगा। इस लड़ाई को जीतने के लिए इस राजनीतिक संघर्ष का रूप देना चाहिए ताकि दुनिया भर के मजदूर एक राजनीतिक विचारधारा से संगठित होकर लड़ सके और इस पूंजीवादी व्यवस्था का असली चरित्र समझ सकें। दुनिया की हर सरकार पूंजीपतियों और बड़े व्यापारियों के हितों की खुलकर रक्षा कर रही है। इसलिए हमें राजनीतिक सत्ता अपने हाथ में लेनी होगी। सारी दुनिया के मज़दूरों को एक होकर, इलाके और सेक्टरगत सीमाओं और देश से परे अपने संघर्ष को व्यापक बनाना होगा ताकि इस दमनकारी पूंजीवादी व्यवस्था को परास्त किया जा सके।

भूली-बिसरी ख़बरे