रुद्रपुर: जब नहीं मिला न्याय, तब डॉल्फिन मज़दूर हुए आमरण अनशन को मजबूर

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रुद्रपुर (उत्तराखंड)। डॉल्फ़िन कम्पनी सिडकुल पंतनग़र (ऊधम सिंह नगर) में बुनियादी श्रम कानूनों और उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश को लागू कराने की मांग को लेकर डॉल्फ़िन कम्पनी की महिला मज़दूरों के नेतृत्व में आज 21 अक्टूबर से सामुहिक आमरण अनशन प्रारंभ हो गया।

आमरण अनशन पर चार महिला मजदूर क्रमशः पिंकी गंगवार, प्रेमवती गंगवार, पुष्पा गंगवार, कृष्णा देवी गंगवार और दो पुरुष मज़दूर देव कुमार मौर्य और राम अवतार लोधी सहित कुल 6 मजदूर बैठे।

महिला मज़दूरों द्वारा इसकी लिखित सूचना ऊधम सिंह नगर के जिलाधिकारी, सहायक श्रमायुक्त और उपश्रमायुक्त को तथा श्रमायुक्त उत्तराखंड, श्रम मंत्री/मुख्यमंत्री उत्तराखंड और मुख्य चिकित्सा अधिकारी ऊधमसिंह नगर आदि को दे दी है।

उल्लेखनीय है कि डॉल्फिन के मज़दूर प्रबंधन की मनमानी और श्रम कानूनों के खुले उल्लंघन के खिलाफ इस साल के जनवरी माह से ही संघर्षरत हैं। इस बीच मज़दूरों को न्याय मिलने की जगह 6 मज़दूरों व मज़दूर सहयोगियों पर प्रशासन ने गुंडा ऐक्ट थोपा, जिसकी व्यापक मुखलाफ़त हुई।

दमन के बीच आंदोलन आगे बढ़ता रहा। 28 अगस्त से मज़दूरों ने सिडकुल पंतनगर के पारले चौक पर अपने न्याय के लिए धरना शुरू कर दिया। फिर भी मालिक व प्रशासन-सरकार की मिली भगत से जब न्याय नहीं मिला तो महिला मज़दूर बीते 3 अक्टूबर से गाँधी पार्क रुद्रपुर में क्रमिक अनशन पर बैठने को विवश हुईं। जबकि पारले चौक पर भी धरना जारी है।

इस बीच महिला श्रमिकों ने आमरण अनशन की घोषणा की, लेकिन स्थानीय विधायक और प्रशासन के आश्वासन के बाद आमरण अनशन की तिथियाँ वे बढ़ाती रहीं। अंततः सारे आश्वासन झूठे साबित हुए और उन्हें आज आमरण अनशन शुरू करने पर विवश होना पड़ा।

डबल इजन की भाजपा सरकार की असलियत

आमरण अनशन में बैठी महिला मजदूर पिंकी गंगवार ने कहा कि जिस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी खुद को ओबीसी समाज का सच्चा बेटा और हितैषी कहते हैं और आज दूसरी ओर उनकी ही डबल इंजन की सरकार में बुनियादी श्रम कानूनों को लागू कराने को ओबीसी समाज की हम चारों महिला मजदूरों और दो पुरुष मजदूरों को आमरण अनशन पर बैठकर अपना जीवन दांव पर लगाने को मजबूर होना पड़ रहा है, क्योंकि डबल इंजन की सरकार में श्रम विभाग और जिला प्रशासन हमारी सुनवाई करने के स्थान पर हम पीड़ित मजदूरों को ही दबा रहा है।

उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि मजदूरों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए आमरण अनशन पर बैठी सभी चारों महिलायें गंगवार समाज से और हम सभी 6 मजदूर ओबीसी समाज से हैं। जो कि मोदीजी के ओबीसी समाज के हित में किए गये उक्त दावे पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। और मजदूरों को जात पात, धर्म मजहब के भेद को मिटाकर एक वर्ग के रूप में एकजुट होने का संदेश दे रहे हैं।

आमरण अनशन में बैठी कृष्णा देवी गंगवार का कहना था कि आज हम ओबीसी समाज की चार बेटियां बुनियादी श्रम कानूनों को लागू कराने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठी हैं। जो कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारे की हकीकत को बयां करने के लिए काफी है।

शासन सत्ता का अरबपति मालिक के समक्ष आत्मसमर्पण

डॉल्फ़िन मजदूर संगठन की उपाध्यक्ष सुनीता ने कहा कि श्रम विभाग, जिला प्रशासन और सरकार सबको भलीभांति ज्ञात है कि डॉल्फ़िन कंपनी में बोनस भुगतान अधिनियम, न्यूनतम वेतन भुगतान अधिनियम, संविदा श्रम अधिनियम, कारखाना अधिनियम और औद्योगिक विवाद अधिनियम जैसे सभी बुनियादी श्रम कानूनों का घोर उल्लंघन हो रहा है।

कहा कि सबको पता है कि डॉल्फ़िन कंपनी मालिक प्रिंस धवन ने हजारों स्थाई मज़दूरों को ठेके में नियोजित करके और 48 स्थाई मज़दूरों को नोटिस या आरोप पत्र दिए बिना उनका अवैध रूप से गेट बंद करके भविष्य बर्बाद कर दिया है। कंपनी मालिक प्रिंस धवन के ऊपर उपरोक्त बुनियादी श्रम कानूनों के उल्लंघन पर जिला न्यायालय में करीब आठ-दस अलग-अलग आपराधिक बाद दायर करना न्यायहित और कानून हित में अनिवार्य शर्त है। किंतु शासन सत्ता पूरी तरह से अरबपति प्रिन्स धवन के समक्ष आत्मसमर्पण कर चुकी है और हम गरीब मजदूरों का ही दमन कर रही है। जिससे हताश निराश होकर हमें आमरण अनशन में बैठना पड़ रहा है।

आमरण अनशन पर बैठी प्रेमवती गंगवार ने कहा कि हम मजदूरों की याचिका संख्या 2128/2024 में सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा दिनांक 07/08/2024 को सहायक श्रमायुक्त महोदय को स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्हें अपेक्षा है कि डॉल्फ़िन कंपनी में बुनियादी श्रम कानूनों के उल्लंघन पर वो अगली ही वार्ता में विधिनुसार कार्यवाही अमल में लाएंगे।

सहायक श्रमायुक्त महोदय ने अब वार्ता भी बंद कर दीं है किंतु डॉल्फ़िन कंपनी मालिक के खिलाफ कार्यवाही करना तो बहुत दूर की बात है उनको एक नोटिस तक नहीं भेजा और उच्च न्यायालय के आदेश की घोर अवमानना की गई है। यदि आमरण अनशन में बैठे हम मजदूरों को जानमाल से कोई नुकसान हुआ तो इसकी समस्त जिम्मेदारी डॉल्फ़िन कंपनी मालिक प्रिंस धवन की ही होगी और जिला प्रशासन, श्रम विभाग और सरकार को भी इसकी जवाबदेही लेनी होगी।

आमरण अनशनकारियों की प्राण रक्षा हेतु उठेंगे क़दम

डॉल्फ़िन मजदूर संगठन के अध्यक्ष ललित कुमार ने कहा कि यदि शीघ्र ही समस्या का समाधान ना किया गया तो हम आमरण अनशनकारियों की प्राण रक्षा के लिए इस मुद्दे को व्यापक स्तर पर प्रचार करके आम जनता के बीच पर्चा पोस्टर आदि माध्यम से लेकर जायेंगे चार पांच दिन बाद विशाल पंचायत करेंगे और दीवाली के दिन जब अयोध्या में योगी जी दिए जलाने का विश्व रिकॉर्ड कायम करेंगे तो उसी समय हम रुद्रपुर के गांधी पार्क में काले दिए जलाकर रामराज्य और हिंदू राष्ट्र की असलियत को जगजाहिर करेंगे।

आज आमरण अनशनकारियों के साथ में सुनीता, लक्ष्मी, लक्ष्मी पाल, अमृता, लक्ष्मी देवी, शिवाली, सोनू कुमार, नीरज, ललित, भानु, वीरू सहित सैंकड़ों मजदूर साथी उपस्थित रहे।

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