कोरोना से बचने के लिए भारत के अमीर परिवार प्राइवेट जेट से इंग्लैंड भागे

भारत के कई अरबपति परिवार 8 प्राइवेट जेट विमान में बैठकर इंग्लैंड भाग गए। लग्जरी विमान विस्टाजेट बॉम्बार्डियर ग्लोबल 6000, मुंबई से यात्रियों को लाने के लिए पिछले गुरुवार को दुबई से रवाना हुआ और भारत में कोविड 19 महामारी की दूसरी लहर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत या भारत से होकर से आने वाले यात्रियों के प्रवेश पर सुबह से 4 बजे से प्रतिबंध लगाने के महज 44 मिनट पहले सुबह 3:15 ये रईसजादे लंदन में प्रवेश कर गए।
रईसजादों के लंदन भागने की वज़ह बताई जा रही है भारत में कोरोना की वजह से बिगड़ते हालात। ये सभी यात्री भारत अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे थे। यहां भारत में पूर्ण लॉकडॉउन लगने की डर की वजह से और पिछले साल की स्थिति को देखते हुए रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर मजदूरों की भीड़ लगी हुई है।
एक तरफ पैसे वाले लोग सुरक्षित जगहों पर भाग रहे हैं वहीं आम जनता सरकारी व्यवस्था की नाकामी की वजह से तिल तिलकर मरने को मजबूर है। अस्पताल में मरीजों की लाइन है और शमशान में लाशों की लाइन है। वहीं मोदी सरकार द्वारा आंकड़ों को छुपाने की पूरी कोशिश की जा रही है। यूपी, दिल्ली, एमपी, महाराष्ट्र, बिहार में सरकारी व्यवस्था फेल हो गई है। ऑक्सीजन की कमी की वज़ह से प्राइवेट अस्पतालों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। हर 10 मिनट में यह खबर आ रही है कि अस्पताल में आधे घंटे का ऑक्सीजन बचा है मरीजों की जान खतरे में है।
23 अप्रैल, शुक्रवार को मुंबई से करीब 112 किलोमीटर दूर विरार में विजय वल्लभ अस्पताल में सुबह 3 बजे आग लगने से 14 कोरोना मरीजों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। चस्मदीदों के मुताबिक घटना के वक्त अस्पताल में 90 मरीज़ भर्ती थे मगर रात ड्यूटी पर कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था और पूरा अस्पताल दो नर्सों के भरोसे था।
अभी पिछले सप्ताह विरार में हीं ऑक्सीजन लीक होने की वजह से एक अस्पताल में 24 कोरोना रोगियों की मौत हो गई जो वेंटीलेटर सपोर्ट पर थे।
22 अप्रैल को भारत में कोरोना मरीजों का आंकड़ा एक दिन में 3 लाख़ को पारकर 332,730 को पहुंच गया। उसी दिन कोरोना से हुई 2,263 लोगों की मौत हुई।
शर्म की बात है कि मोदी और अमित शाह शमशान में तब्दील होते इस मुल्क में इस वक्त भी बंगाल, आसाम, तमिलनाडु, केरल में लाखों लोगों की भीड़ जुटा कर चुनावी रैली करने को प्राथमिकता दे रहे थे। हालात ये हैं कि कल तक दुनिया को मोदीजी वैक्सीन और दवाइयां बांटकर और खुद को वैक्सीन गुरु कहकर अपनी पीठ थपथपा रहे थे, आज वो अपने चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं, लोगों की भीड़ देखकर अभिभूत हो रहे हैं और देश अस्पतालों में बेड, आईसीयू, वेंटीलेटर,ऑक्सीजन और दवाइयों की कमी के वजह से मरते लोगों का श्मशान घाट बना हुआ है।
मद्रास हाई कोर्ट ने देश में कोरोना से हो रही मौतों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इसके लिए चुनाव आयोग और इस देश के राजनेता जिम्मेदार है।लगता है सरकार के लिए चुनाव करवाना ज्यादा ज़रूरी है लोगों की जान बचाना ज़रूरी नहीं। दरअसल यही इस सरकार की प्राथमिकता है।