छत्तीसगढ़ : माँगों को लेकर वन कर्मियों की अनिश्चित कालीन हड़ताल

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कर्मचारियों ने पहले ही शासन को मांगों का ज्ञापन सौंपा था और 20 मार्च तक मांग पूरी न होने पर 21 मार्च से अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी दी थी।

अंबिकापुर। अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ ने प्रदेश व्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। स्थानीय अरण्य परिसर स्थित वन मंडल अधिकारी कार्यालय के सामने वन कर्मचारियों ने सोमवार से अपना यह आंदोलन शुरू किया है जिससे कामकाज पूरी तरह प्रभावित हो गया है। गर्मी शुरू होने से जहां जंगलों में आग लगने और वन्यजीवों के भटकने के साथ महुआ का सीजन शुरू हो रहा है। ऐसे समय में वन कर्मचारियों के आंदोलन से भारी नुकसान होने की आशंका है। सरगुजा वन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अजीत सिंह के नेतृत्व में कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए हैं।

कर्मचारियों ने पहले ही शासन को मांगों का ज्ञापन सौंपा था और 20 मार्च तक मांग पूरी न होने पर 21 मार्च से अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी दी थी।

वन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि 12 सूत्रीय मांगों में वनरक्षक का वेतनमान वर्ष 2003 से 3050 स्वीकृत करने। वनरक्षक, वनपाल, उ।व। क्षेत्रपाल, वनक्षेत्रपाल कर्मचारियों का वेतनमान मांग अनुसार किया करने। पुरानी पेंशन योजना लागू करने। छग राज्य गठन के पश्चात्‌ नया सेट अप पुनरीक्षण करने। महाराष्ट्र सरकार की तरह पांच हजार रुपये पौष्टिक आहार व वर्दी भत्ता देने। पदनाम वर्दी हेतु संबोधित नाम व अन्य पहचान निर्धारण के आदेश जारी करने। लघु वनोपज संघ के कार्य हेतु एक माह का अतिरिक्त वेतन देने। काष्ठ वनोपज प्रदाय से कमी मात्रा की वसूली निरस्त करने व राइट अफ करने। विभागीय पर्यटन स्थल में वन कर्मचारियों एवं सेवानिवृत्त वन कर्मचारियों को निःशुल्क प्रवेश देने। वनपाल प्रशिक्षण अवधि 45 दिन करने व वनपाल प्रशिक्षण केन्द्र कोनी बिलासपुर में प्रारंभ करने। भृत्य, वानिकी चौकीदार का समायोजन करने। दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को नियमित करने की मांगें शामिल हैं।

नईदुनिया से साभार