जब बेइंतहाँ शोषण से तंग अपने “मुलुक” के लिए निकले चाय बागान श्रमिकों का हुआ था भयावह दमन
1921 में जलियांवाला बाग जैसा बड़ा नरसंहार। अन्याय से पीड़ित पैदल ही अपने पैतृक गाँव जा रहे हजारों बागान श्रमिकों...
1921 में जलियांवाला बाग जैसा बड़ा नरसंहार। अन्याय से पीड़ित पैदल ही अपने पैतृक गाँव जा रहे हजारों बागान श्रमिकों...
तीन संगठनों की पहल, देश के विभिन्न हिस्सों के संस्कृतिकर्मी; हिंदी, बांग्ला, नेपाली, कुमाऊनी, भोजपुरी, हरियाणवी, पंजाबी, कश्मीरी आदि भाषाओं...
तीन संगठनों के साझा बैनर तले मंटो जन्म दिवस पर दो दिवसीय सांस्कृतिक समागम के तहत प्रतिरोध की संस्कृति पर...
आंदोलन की बागडोर संभाले महिला मज़दूर नए-नए प्रयोगों से अपने संघर्ष को गति देती रहीं। रोज़ा में सहरी व इफ़्तार...
23 मार्च: शहीद-ए-आज़म भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु के शहादत दिवस पर दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब आदि राज्यों...
मासा का आह्वान; हरियाणा, बिहार, उत्तराखंड में प्रतिवाद प्रदर्शन। बंगाल से पंजाब तक विरोध। मज़दूरों पर दर्ज मुक़दमें रद्द हो,...
रविदास के समता और मुक्ति के विचार को तमाम हमलों से बचाना है और बेगमपुरा की राह पर, मेहनतकश आवाम...
तिलका मांझी उन पहले आदिवासियों में से एक थे, जिन्होंने गुलामी से मुक्ति के लिए अंग्रेजों के अन्याय एवं अत्याचार...
गुड़गांव: डीसी कार्यालय में प्रदर्शन, श्रम अधिकारी को माँगपत्र व मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। 30 जनवरी को मानेसर में जुटेंगे...
मारुति सुजुकी अस्थायी मज़दूर संघ की स्थापना, मांगपत्र तैयार और हस्ताक्षरित; 10 जनवरी को ठेका, प्रशिक्षु, अपरेंटिस, टीडब्ल्यू, सीडब्ल्यू, एमएसटी...