यूपी: ऑपरेशन सिंदूर पर ‘राष्ट्र-विरोधी’ और ‘भ्रामक’ पोस्ट करने के आरोप में दो दर्जन से अधिक लोग गिरफ्तार

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत-पाकिस्तान में बढ़े सैन्य तनाव के बीच यूपी पुलिस ने बीते सप्ताह ‘राष्ट्र-विरोधी’ और ‘भ्रामक’ सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर कार्रवाई की है. इसमें आगरा में ताजमहल को जलाने का एक एआई-जनरेटेड फ़र्ज़ी वीडियो, पाकिस्तानी सेना के समर्थन की तस्वीरें, वीडियो और डिस्प्ले पिक्स आदि शामिल हैं.
नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े सैन्य तनाव के बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते सप्ताह ‘राष्ट्र-विरोधी’ और ‘भ्रामक’ सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर कार्रवाई की है.
इसमें आगरा में ताजमहल को जलाने का एक एआई-जनरेटेड फर्जी वीडियो; शाहजहांपुर में एक ‘आतंकवादी हमला’, जो वास्तव में कभी हुआ ही नहीं; पाकिस्तानी सेना के लिए समर्थन दिखाने वाली तस्वीरें, वीडियो और डिस्प्ले पिक्स आदि शामिल हैं. पुलिस ने बताया कि उन्होंने अब तक पूरे राज्य से कम से कम 25 लोगों को सोशल मीडिया पर ‘राष्ट्र-विरोधी’ और ‘भ्रामक’ पोस्ट के ज़रिए अफ़वाहें फैलाने के आरोप में गिरफ़्तार किया है.
पुलिस ने बताया कि 40 सोशल मीडिया एकाउंट के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई है और उन्हें ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इस कार्रवाई में पाकिस्तान का समर्थन करने वाली कथित सामग्री को साझा करने या पोस्ट करने के लिए लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. इसमें मॉर्फ्ड और एआई-जनरेटेड पोस्ट भी शामिल हैं.
यूपी पुलिस का कहना है कि वे ऐसी पोस्ट की पहचान करने के लिए सोशल मीडिया पर 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं. इस संबंध में बरेली में पुलिस ने फकरुद्दीन नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने इंस्टाग्राम पर पाकिस्तानी सेना की प्रशंसा करते हुए एक वीडियो शेयर किया था. इस वीडियो में पाकिस्तानी झंडा देखा गया था.
बरेली की पुलिस अधीक्षक (दक्षिण) अंशिका वर्मा ने कहा कि फकरुद्दीन को अपने फेसबुक प्रोफाइल पर ‘राष्ट्र-विरोधी’ सामग्री पोस्ट करने के लिए गिरफ्तार किया गया है. उन पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 353 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो विभिन्न धार्मिक, नस्लीय या क्षेत्रीय समूहों या जातियों के बीच दुश्मनी, घृणा या दुर्भावना की भावना पैदा करने की संभावना वाले झूठे बयान, अफवाह या खतरनाक समाचार बनाने, प्रकाशित करने या प्रसारित करने से संबंधित है.
बाद में सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया गया, जिसमें फकरुद्दीन को पुलिस हिरासत में दिखाया गया और वह स्पष्ट रूप से असहज स्थिति में ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ चिल्ला रहे थे. इसके अलावा संभल में जमात अली नाम के एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया, जिन पर कथित तौर से एक फ़ेसबुक वीडियो शेयर करने का आरोप है, जिसमें दावा किया गया था कि पाकिस्तान ने भारत के एक रफ़ाल लड़ाकू विमान को मार गिराया है और एक भारतीय पायलट को बंदी बना लिया है.
उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, अली पर एक पाकिस्तानी चैनल की क्लिप शेयर करने का आरोप है, जिसमें 2019 में बालाकोट हवाई हमले के बाद भारतीय लड़ाकू पायलट अभिनंदन वर्धमान के पकड़े जाने के साथ रफ़ाल जेट को कथित तौर पर मार गिराए जाने की तुलना की गई थी.
अली, जो एक इलेक्ट्रिक टावर पर काम करके अपना जीवनयापन करते हैं, पर भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को ख़तरे में डालने वाले कृत्यों से निपटने वाली बीएनएस की धारा 152 के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने अपनी शिकायत में कहा है कि उनके कृत्य से भारत के खिलाफ अलगाववाद की भावना पैदा हो सकती है और यह भारत की एकता और अखंडता के लिए एक झटका है. बरेली में 22 वर्षीय दर्जी मोहम्मद साजिद को भी पाकिस्तान का समर्थन करने वाला वीडियो पोस्ट करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है.
शाहजहांपुर में तीन सोशल मीडिया प्रोफाइल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसमें एक ‘अंकित कुमार 71010’ और ‘परविंदा.2023’ शामिल हैं. इन पर जिले में आतंकवादी हमले का कथित तौर पर फर्जी वीडियो पोस्ट करने का आरोप है. पुलिस ने ताजमहल पर हमले का एआई-जनरेटेड वीडियो पोस्ट करने के लिए भी कई सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
बागपत में एक व्यक्ति को पाकिस्तान के पक्ष में कथित तौर पर पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस का कहना है कि उनकी पोस्ट पाकिस्तान के समर्थन को बढ़ावा देती है और सरकार के खिलाफ है. इसी तरह कौशांबी में अफसर अली घोसी नाम के एक व्यक्ति को एक कार्टून पोस्ट करने के लिए गिरफ्तार किया गया है, जिसमें एक व्यक्ति हिंदू देवता की हत्या करते दिखाया गया है और इसका शीर्षक था ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ दिया गया है. हालांकि, इसका फ्रेम बांग्लादेश का लग रहा है, जैसा कि राष्ट्रीय ध्वज से पता चलता है.
आज़मगढ़ के नौशाद को सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जिसमें पाकिस्तानी सेना को ‘शक्तिशाली’ बताया गया था. बरेली में साजिद नाम के एक व्यक्ति को सोशल मीडिया पर कथित तौर पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. बाद में सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से शेयर किए गए एक वीडियो में उसे पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाते हुए दिखाया गया.
मुजफ्फरनगर में जीशान नाम के एक व्यक्ति को हिंदुत्व समूहों द्वारा विरोध प्रदर्शन के बाद गिरफ्तार किया गया, जिसमें उस पर एक वीडियो पर पाकिस्तान के पक्ष में टिप्पणी पोस्ट करने का आरोप लगाया गया. संभल में एक अन्य व्यक्ति मोहम्मद रियाज को कथित तौर पर अपनी स्टोरी में पाकिस्तान के झंडे का इस्तेमाल करने और रील शेयर करके भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान का खुलकर समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
इस मामले पर संभल के एसपी कृष्ण बिश्नोई ने कहा, ‘अपनी पोस्ट में उन्होंने कहा है कि ‘चाहे जो हो जाए, समर्थन तो बस पाकिस्तान को करेंगे.’ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रियाज़ का पोस्ट जानबूझकर किया गया, जिससे ‘भारत में अलगाववादी प्रवृत्ति’ को बढ़ावा मिला. मेरठ में कुछ दक्षिणपंथी समूहों द्वारा दिलशाद नामक एक व्यक्ति के वाट्सऐप डिस्प्ले पिक्चर के रूप में पाकिस्तानी झंडे वाली एक लड़की की तस्वीर को लेकर आपत्ति जताने के बाद उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया.
मुजफ्फरनगर में अनवर जमील नामक व्यक्ति को सोशल मीडिया पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने का एक बिना तारीख वाला वीडियो शेयर किए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया. अपने छोटे से वीडियो के ‘वायरल’ होने के बाद, जमील ने एक क्लिप अपलोड करके स्पष्ट किया कि विवादास्पद वीडियो पुराना था और उसने ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच के दौरान अपने दोस्त के साथ शर्त के तहत यह टिप्पणी की थी. मुजफ्फरनगर शहर के सर्कल अधिकारी राजू कुमार साब ने कहा कि इस वीडियो की पुष्टि की जा रही है.