रुद्रपुर: डॉल्फिन के अनशनकारी मज़दूरों की स्थिति नाजुक; मज़दूर-किसान पंचायत ने दी चेतावनी

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रुद्रपुर (उत्तराखंड)। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आज 28 अक्टूबर को डॉल्फिन मजदूरों के आमरण अनशन स्थल, गाँधी पार्क रुद्रपुर में श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधमसिंह नगर, संयुक्त किसान मोर्चा, आम आदमी पार्टी और डॉल्फिन मजदूर संगठन के बैनर तले मजदूर किसान पंचायत का आयोजन किया गया।

पंचायत को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि बड़े ही शर्म और दुःख का विषय है कि बुनियादी श्रम कानूनों, भारतीय संविधान, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट उत्तराखंड के आदेशों को लागू कराने की मांग को लेकर डॉल्फिन कंपनी की 4 महिला मज़दूरों सहित 6 मज़दूर पिछले 8 दिनों से अमरण अनशन पर बैठे हैं।

किन्तु श्रम विभाग, जिला प्रशासन, उत्तराखंड के श्रम मंत्री, स्थानीय भाजपा विधायक और सांसद सहित भाजपा की डबल इंजन की सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है और वे सभी कम्पनी मालिक प्रिंस धवन की गोद में बैठकर उसे खुला संरक्षण दे रहे हैं।

बुनियादी श्रम कानूनों के उल्लंघन पर कंपनी मालिक प्रिंस धवन के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करके, 48 मजदूरों की अवैध गेटबंदी खत्म कराके और स्थाई मजदूरों को ठेके के तहत नियोजित करने के अवैध कृत्य पर रोक लगाकर पीड़ित 500 मजदूरों की कार्यबहाली कराके आमरण अनशन को सम्मान से तोड़कर अनशन कारियों की प्राणरक्षा करने के स्थान पर शासन सत्ता अनशनकारियों की नरबली लेने पर आमादा है।

वक्ताओं ने कहा कि न्यूनतम वेतन भुगतान अधिनियम और बोनस भुगतान अधिनियम के तहत न्यूनतम वेतन और न्यूनतम बोनस ना देना बहुत बड़ा अपराध है इसके लिए कंपनी मालिक प्रिंस धवन के ऊपर मामला संज्ञान में आते ही तत्काल जिला कोर्ट में आपराधिक मुकदमा दर्ज होना चाहिए था और समस्त बकाया धनराशि की वसूली करते हुए पीड़ित मजदूरों को भुगतान करना सुनिश्चित कराना चाहिए था।

वक्ताओं ने कहा कि टीवीएस लुकास कम्पनी के मजदूर करीब एक साल बाद भी न्याय को तरस रहे हैं। यही हाल हैंकल और अन्य कम्पनियों के मजदूरों का भी है। पंचायत में एक स्वर में डॉल्फिन, लुकास, हैंकल सहित सभी पीड़ित मजदूरों को न्याय देने की मांग की गई।

अनशनकारी पिंकी गंगवार ने की अपील

अनशनकारी पिंकी गंगवार ने पंचायत में लिखित अपील जारी की- अब उनका शरीर उनका साथ नहीं दे रहा है किन्तु उनका हौसला और इरादा बहुत मज़बूत है और वो अंतिम सांस तक संघर्ष जारी रखेंगी। उन्होंने अपील में कहा कि उन्हें जितनी हो सके अपर जिलाधिकारी प्रशासन और नजूल पंकज उपाध्याय जी के कार्यालय स्थित चैम्बर में पहुंचा दिया जाये तांकि वो उनके सामने ही अंतिम सांस ले सके और अपर जिलाधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि मेरी अंतिम इच्छा पूरी करते हुए उनका संस्कार श्रम मंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के आवास पर ससम्मान सम्पन्न कराएं।

पिंकी गंगवार की उक्त मार्मिक अपील को पढ़ते ही पंचायत का माहौल अत्यंत ग़मगीन हो गया, और सभी की आँखें भर आई, खून खौल गया।

पंचायत ने दी चेतावनी

पंचायत ने यह चेतावनी दी कि यदि पिंकी गंगवार सहित किसी भी अनशनकारी को जानमाल से कोई नुकसान हुईं तो सिडकुल के मजदूर, रुद्रपुर क्षेत्र की न्यायप्रिय जनता और सामाजिक संगठन चुप नहीं बैठेंगे बल्कि इसका ऐसा बदला लेंगे जिसके विषय में शासन प्रशासन ने कल्पना भी नहीं की होगी। इसलिए शासन प्रशासन को चाहिए कि डॉल्फिन के मजदूरों की सभी मांगों को मानते हुए तत्काल सभी 500 मजदूरों की तत्काल कार्यबहाली कराएं और अनशन तुड़वाकर अनशनकारियों की प्राण रक्षा को तत्काल कदम उठायें।

डॉल्फिन कंपनी में बुनियादी श्रम कानूनों के हो रहे उल्लंघन पर शासन सत्ता की चुप्पी और कम्पनी मालिक को दिए जा रहे खुले संरक्षण की पंचायत ने घोर निंदा व कम्पनी मालिक प्रिंस धवन के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्यवाही करने और ठेकेदारों के लाइसेंस तत्काल निरस्त करने की मांग की।

प्रशासन 30 अक्टूबर को 2 बजे तक समाधान करे!

पंचायत ने चेतावनी दी है कि प्रशासन 30 अक्टूबर 2024 को दोपहर 2:00 बजे तक समस्याओं का समाधान कर दे अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहे। पिंकी गंगवार द्वारा पंचायत में की गईं उपरोक्त अपील को संयुक्त मोर्चा तत्परता से संज्ञान में लेगा और कड़े से कड़ा कदम उठाएगा।

श्रमिक संयुक्त मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष दलजीत सिंह ने सिडकुल की यूनियनों से अपील की है कि सभी यूनियनें सावधान रहें, अनशनकारियों पर नजर बनाकर रखें और परसों 30 अक्टूबर 2024 को दोपहर 2:00 बजे पूरी शिफ्ट के साथ में इसी पंचायत स्थल पर पहुंचे ताकि कठोर कार्यवाही अमल में लाकर इस ज़ालिम हुकूमत को मुंहतोड़ जवाब दे सकें।

आज की पंचायत को श्रमिक संयुक्त मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष दलजीत सिंह, इंकलाबी मजदूर केंद्र के दिनेश चंद्र, आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष जनार्दन सिंह, सतपाल ठुकराल, जावेद मलिक, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष किरन पांडे विश्वास, मजदूर सहयोग केंद्र (CSTU) के अध्यक्ष मुकुल, भोजन माता संगठन उत्तराखंड की महासचिव रजनी जोशी, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की नेत्री रविन्दर कौर, CNG टैम्पू यूनियन अध्यक्ष सुब्रत कुमार विश्वास, इंटरार्क मजदूर संगठन पंतनगर के विशाल पटेल, परिवर्तनकामी छात्र संगठन के महासचिव महेश, लुकास टीवीएस मजदूर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष हरीश अधिकारी, बहुजन समाज पार्टी के आर डी मिश्रा, भारत मुक्ति मोर्चा के रिंकू बाबा, बड़वे (वैलराईज) इम्प्लाइज यूनियन के अमित बत्रा, सामाजिक कार्यकर्त्ता ओ बी सी जिलाध्यक्ष जनरेल सिंह, इंटरार्क मजदूर संगठन किच्छा के अध्यक्ष हृदेश शाक्य, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के राजेश, कांग्रेस के किशोर कुमार, करोलिया लाइटिंग यूनियन अध्यक्ष हरेंद्र सिंह, जायडस वेलनेस ठेका मजदूर यूनियन सितारगंज की अनीता अन्ना, रॉकेट रिद्धि सिद्धि यूनियन अध्यक्ष गोविन्द सिंह, हेंकल मजदूर संगठन के अध्यक्ष संजय प्रकाश, आनंद निशिकावा यूनियन के नरेश सक्सेना, भाकपा माले जिला सचिव ललित मटियाली, ठेका मजदूर कल्याण समिति पंतनगर के रियासत, नील मेटल कामगार यूनियन के साथी सहित कई अन्य साथियों ने अपनी बात रखी। पंचायत में सैकड़ों मजदूर साथी उपस्थित रहे।

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