राजस्थान: गहलोत सरकार ने फ्यूल सरचार्ज लगाकर बिजली की महँगी, उपभोक्ताओं की जेब पर हमला

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राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमिशन ने तीन महीनों के लिए 45 पैसे प्रति यूनिट सरचार्ज वसूलने की दर तय की है। यानी उपभोक्ताओं को अब 200 से 1 हजार रुपए तक बढ़ा बिल देना होगा।

एक तरफ तो गहलोत सरकार महंगाई राहत कैंप लगाकर जनता को महंगाई से राहत दिलाने की बात कर रही हैं। वहीं दूसरी तरफ सरकार फ्यूल सरचार्ज के रूप में एक बार फिर से बिजली महँगी कर उपभोक्ताओं की जेब पर आर्थिक संकट डाल रही है। बता दें कि राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमिशन ने पिछले साल अप्रैल से लेकर जून तक के तीन महीनों के लिए 45 पैसे प्रति यूनिट सरचार्ज वसूलने की दर तय की है। सीधे शब्दों में कहें तो डिस्काॅम द्वारा आगामी तीन महीने तक उपभोक्ताओं को अब 200 से लेकर 1 हजार रुपए तक का बढ़ा हुआ बिल ही देना होगा।

जिले के उपभोक्ताओं को करीब 20 करोड़ रुपए अतिरिक्त देने पड़ेंगे। फ्यूल सरचार्ज का पैसा तीन महीने तक बिल में जुड़कर आएगा। विदित रहे कि यह फ्यूल सरचार्ज पिछले साल अप्रैल से लेकर जून में महंगी दरों पर खरीदे गए कोयले की वजह से वसूला जा रहा है। बिजली कंपनियों की तरफ से जारी किए गए बयान के मुताबिक गत वर्ष कोयला नहीं मिलने पर महंगा कोयला लेना पड़ा था। यानि, महंगी दरों पर खरीदे गए कोयले की कीमत का भार आम बिजली उपभोक्ताओं के कंधों पर ही डाला जाएगा।

जिले पर भार: रोजाना 12 लाख होगी सरचार्ज की राशि, 3 माह के 20.47 कराेड़ वसूलेंगे इसे ऐसे समझें कि जिले में गत वर्ष अप्रैल से जून तक प्रतिदिन औसतन 50 लाख यूनिट बिजली की खपत हुई। डिस्कॉम इन तीन महीनों के 45 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज वसूलेगा। इसमें बिजली कंपनी हर दिन 50 लाख यूनिट पर फ्यूल सरचार्ज लगाएगी। जिसके कारण जिले से 22.50 लाख रुपए प्रतिदिन सरचार्ज बनेगा। 91 दिनों के हिसाब से औसत फ्यूल सरचार्ज की राशि 20 करोड़ 47 लाख 50 हजार हाेगी। जाे उपभाेक्ताओं काे चुकानी पड़ेगी।

इनको राहत: यह फ्यूल सरचार्ज हर महीने 50 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करने वालों से ही वसूला जाएगा। हर महीने 50 यूनिट तक बिजली खर्च करने वालों और किसानों के सिंचाई के कनेक्शन पर फ्यूल सरचार्ज नहीं लिया जाएगा। एग्रीकल्चर कनेक्शन और हर महीने 50 यूनिट से कम बिजली खर्च करने वाले कंज्यूमर्स के फ्यूल सरचार्ज का पैसा सरकार चुकाएगी।

दैनिक भास्कर से साभार

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