देशभर में शहीदी दिवस पर संकल्प, दिल्ली की सीमाओं पर युवाओं का हुजूम

काले कृषि क़ानूनों व मज़दूर विरोधी लेबर कोड की मुखालफत
मंगलवार को शाहीदे आज़म भगतसिंह, राजगुरू, सुखदेव और क्रांतिकारी कवि अवतार सिंह पाश की शहादत दिवस पर पूरे देश में विभिन्न आयोजन हुए और मोदी सरकार की कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों की मुखालफत हुई। वहीं दिल्ली सीमाओं पर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर हजारों युवाओं, महिलाओं ने जबरदस्त प्रदर्शन के साथ भागीदारी की।
दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर देशभर से पहुचे हजारों युवाओं ने इंकलाबी झंडे गाड़ दिए और कहा कि अब वे किसानों का हक लेकर ही दिल्ली से वापस जाएंगे।
इस अवसर पर विभिन्न स्थानों पर वक्ताओं ने कहा कि अब से 90 साल पहले 23 मार्च, 1931 को अंग्रेजी हुक्मरानों से लड़ते हुए और मज़दूर वर्ग के आज़ाद भारत का सपना लेकर भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव ने फांसी का फंदा चूमा था।

वक्ताओं ने कहा कि उस दौर में अंग्रेज हुक्मरान मज़दूरों के ख़िलाफ़ ट्रेड डिस्प्यूट बिल लाए थे, जिसके विरोध में भगत भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने असेंबली में बम फेंककर बहरे कानों तक अपनी आवाज को पहुंचाई थी। आज जब मोदी सरकार किसान विरोधी तीन कृषि क़ानून, मजदूरों को बंधुआ बनाने के लिए चार श्रम संहिताएँ सहित जनविरोधी-कॉर्पोरेटपरस्त नीतियाँ थोप रही है, तो एक बार फिर इन काले अंग्रेजों की सरकार के बहरे कानों तक आवाज पहुंचाने की ज़रूरत है।

दिल्ली की सीमाओं पर
4 महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे धरनों पर शहीदों की याद में आयोजित कांफ्रेंसों में हजारो की संख्या में नौजवान पहुंचे। युवाओं ने आज के दौर को किसान विरोधी व मजदूर विरोधी बताते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए। इस दौरान चारों तरफ शहीद भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु अमर रहे के नारे लगते रहे।
सिंघू बार्डर :
सिंघु बोर्डर् पर पिछले दिन से ही युवा अलग अलग वाहनों से पहुँच रहे थे। मुख्य मंच से सुबह 11 बजे शुरू हुए कार्यक्रमों के दौरान युवाओं ने मंच संचालन से लेकर सारी बागडोर संभाली। इस दौरान सभी ने एक आवाज में कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती, तब तक वे यहीं पर डटकर आंदोलन तो आगे बढ़ाते रहेंगे।

इस कार्यक्रम में महिला नौजवानों ने लैंगिक बेड़ियों को तोड़ते हुए सरकार को तीखे शब्दों में ललकारा और कहा कि आज के भगत सिंह महिला शक्ति के रूप में भी है।
टीकरी बॉर्डर

टीकरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में हरियाणा के नौजवानों ने पहुँच कर किसानों का समर्थन किया। नौजवानों ने किसान मजदूर एकता के साथ साथ शिक्षा व रोजगार के सवाल पर भी सरकार पर हमला किया। नौजवानों ने कहा कि नौजवान हर कुर्बानी देने को तैयार है पर इन कानूनों के रद्द कराए बगैर वापस नहीं जाएंगे क्योंकि अब यह उन्हें अस्तिव का सवाल है।
गाज़ीपुर बॉर्डर

गाज़ीपुर बॉर्डर पर भी विशेषकर दिल्ली व उत्तरप्रदेश से हजारों की संख्या में पहुँचे युवाओं ने भगतसिंह व साथियो के विचारों पर अमल करते हुए किसान आन्दोलन को सफल बनाने का प्रण लिया। दिल्ली से अनेक छात्र संगठनों ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए किसानों के बीच पहुंच कर अपना समर्थन दिया।
ऐतिहासिक स्थलों से आई मिट्टी

शहीदों से जुड़े ऐतिहासिक स्थल जैसे सुनाम, खटकड़कलां, श्री आनंदपुर साहिब, श्री फतेहगढ़ साहिब, सराभा, जलियावाला बाग, हुसैनीवाला, श्री चमकौर साहिब से मिट्टी इकठ्ठी कर सिंघु व टीकरी बॉर्डर पर लायी गयी। पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन के अमनदीप सिंह, नौजवान भारत सभा के कर्मजीत, कीर्ति किसान यूनियन युथ विंग के भूपिंदर लोंगोवाल व छात्र नेता विक्की माहेश्वरी ने इन शहीद स्मारकों से मिट्टी इकठ्ठी कर दिल्ली लाने की जिम्मेदारी निभाई।
उत्तराखंड
रुद्रपुर (उधम सिंह नगर)। श्रमिक संयुक्त मोर्चा द्वारा सिडकुल के नेस्ले-ब्रिटानिया चौक, पंतनगर में संकल्प दिवस मनाया और मज़दूर विरोधी चार श्रम संहिताओं के खिलाफ प्रतिरोध सभा का आयोजन किया। जिसमें सिडकुल क्षेत्र की तमाम कंपनियों के सैकड़ों मज़दूर और यूनियने शामिल हुई।

प्रतिरोध सभा में मज़दूर विरोधी चारों लेबर कोड वापस लेने, किसान विरोधी तीन काले कानूनों को रद्द करने व देश की संपत्तियों को बेचने और निजीकरण पर रोक लगाने तथा दमन रोकने की माँग के साथ 4 प्रस्ताव पारित हुए।

कार्यक्रम में मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा), इंकलाबी मजदूर केंद्र, मजदूर सहयोग केंद्र, एक्टू, भगवती-माइक्रोमैक्स, बिट्रैनिया श्रमिक संगठन, इंट्ररार्क मजदूर संगठन पंतनगर, बजाज मोटर्स कर्मकार यूनियन, राकेट रिद्धि सिद्धि कर्मचारी संघ, गुजरात अंबुजा कर्मकार यूनिया सितारगंज, बी.सी.एच. मजदूर संगठन, ऑटो लाइन इम्पालाइज यूनियन, इंट्ररार्क मजदूर संगठन किच्छा, राने मद्रास इम्पालाइज यूनियन, टाटा मोटर्स श्रमिक संघ, सनसेरा श्रमिक संगठन, यजाकि वर्कर्स यूनियन, डेल्टा इम्पलाइज यूनियन, वोल्टास इम्पालाइज यूनियन, महिंद्रा सीआईई श्रमिक संगठन, नेस्ले कर्मचारी संगठन, थाई सुमित नील ऑटो कामगार संगठन, सीपीआई, एलजीबी वर्कर्स यूनियन, करोलिया लाइटिंग इम्पालाइज यूनियन, एडविक कर्मचारी संगठन, ठेका मज़दूर कल्याण समिति, किसान अधिकार संघर्ष अभियान आदि सहित सैकड़ो मज़दूर शामिल थे।

हरिद्वार। इंकलाबी मजदूर केंद्र, भेल मजदूर ट्रेड यूनियन, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, फूड्स श्रमिक यूनियन आईटीसी, देवभूमि श्रमिक संगठन हिंदुस्तान युनिलीवर, सत्यम ऑटो मजदूर यूनियन आदि संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भगत सिंह चौक, जहां से भगत सिंह की मूर्ति हटा दी गई है, पर भगत सिंह की तस्वीर लगा कर माल्यार्पण व एक छोटी सभा की गई।
राजस्थान
नीमराना। भारी बारिश के बीच मज़दूर संघर्ष समिति के नेतृत्व में आयोजित प्रतिरोध सभा में किसान विरोधी तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में जारी किसान आंदोलन का पूर्णतः समर्थन का प्रस्ताव पास किया गया तथा मजदूर किसान एकजुटता को और मजबूत करने का संकल्प लिया।

प्रतिरोध सभा में मजदूर विरोधी चारों श्रम संहिताओं को मजदूर हित में तत्काल वापस लेने, खेती-किसानी के संबंध में पारित जनविरोधी तीन कृषि कानूनों को जनहित में तत्काल प्रभाव से रद्द करने, सरकारी उद्यमों और संपत्तियों को बेचने तथा निजीकरण पर तत्काल रोक लगाने, मजदूरों-किसानों पर बढ़ते दमन पर तत्काल रोक लगाने तथा नीमराना- बहरोड़ औधोगिक क्षेत्र में मजदूरों की लगातार हो रही छंटनी बंदी पर बंद करने के प्रस्ताव पारित हुए।
प्रतिरोध सभा में मज़दूर संघर्ष समिति अलवर, मजदूर सहयोग केंद्र अलवर, रुचीज बेवरेजेस, ऑटो नियम, डाइकिन, निसिन ब्रेक, टॉयोडा गोसाईं, आदि कंपनी के मजदूर और श्रमिक प्रतिनिधि शामिल हुए।
नेठाराना धरना स्थल पर ग्रामीणों ने शहीदों के विचारों पर मंथन किया। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहादत को याद करते हुए लोगों ने अपने साहस और हौसले को और मजबूत किया तथा संघर्ष को भगत सिंह के रास्ते पर चलाने का प्रण लिया।

उल्लेखनीय है कि बिजली बिलों में चल रही लूट के खिलाफ बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति के नेतृत्व में नेठराना में अनिश्चितकालीन धरने को चलते हुए 14 दिन हो गए हैं। धरने पर नेठाराना गांव के अलावा अन्य पड़ोसी गांव से भी लोग लगातार शामिल हो रहे हैं तथा अलग-अलग जगह पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं।
जयपुर। जयपुर के इंदिरा नगर व सरदार बस्ती में क्रांतिकारी नौजवान सभा (केएनएस) ने विचार गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया।

जयपुर में किसान महापंचायत हुई और क्रांतिकारी निर्माण मज़दूर संगठन (KNMS) के साथी बड़ी संख्या में इसमें शामिल हुए। निर्माण मज़दूर अपनी एक दिन की दिहाड़ी छोड़कर इस महापंचायत का हिस्सा बनें और उन्होने किसान-मज़दूर एकता का एक लाजवाब उदाहरण पेश किया।

पंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत, भीम आर्मी अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद, योगेंद्र यादव और कॉमरेड अमरा राम भी शामिल रहे।
हरियाणा
कुरुक्षेत्र। जन संघर्ष मंच हरियाणा और शहीद भगत सिंह दिशा ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम के तहत शहीद भगत सिंह दिशा संस्थान में स्थित शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

इसके उपरांत शहर की मुख्य सड़कों बाजारों अमीन रोड स्टेशन रोड सैक्टर 17 पर जुलूस निकालते हुए कार्यकर्ता जनसभा स्थल गुरु रविदास धर्मशाला पहुंचे और सभा की।
जनसभा की अध्यक्षता डॉ लहणा सिंह सचिव शहीद भगत सिंह दिशा मंच ने और संचालन जन संघर्ष मंच हरियाणा के राज्य सचिव सुरेश कुमार ने किया। जनसभा के मुख्य वक्ता शहीद भगत सिंह दिशा ट्रस्ट के प्रधान कामरेड श्याम सुंदर थे।

सभा को एसओएसडी की संयोजिका कविता विद्रोही, कामरेड पाल सिंह, मनरेगा मजदूर यूनियन के नरेश कुमार, मजदूर सहयोग केंद्र के कामरेड रामनिवास, कामरेड सुदेश कुमारी एडवोकेट आदि ने की।
जन संघर्ष मंच हरियाणा ने ऐलान किया कि मंच 26 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा काले कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन की कड़ी में भारत बंद में बढ़ चढ़कर भाग लेगा और 1 अप्रैल को मजदूर विरोधी लेबर कोड के खिलाफ मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान के बैनर के तले जोरदार प्रदर्शन करेगा।
गोहाना। जन चेतना मंच, जन संघर्ष मंच हरियाणा एवं समतामूलक महिला संगठन ने 91वें शहीदी दिवस पर गोहाना के शहीद भगत सिंह पार्क में समृति सभा का आयोजन किया। कार्यक्रम में सिरसा से आए मुख्य अतिथि श्रमिक नेता व प्रख्यात लेखक का. नरभिन्दर ने कहा कि ये शहीद चाहते थे कि मानव द्वारा मानव के शोषण का खात्मा हो तथा देश में एक समतामूलक समाजवादी व्यवस्था बने।

सभा को किसान नेता सूरजभान चहल, समतामूलक महिला संगठन की प्रान्तीय संयोजिका डॉ. सुनीता त्यागी, जन चेतना मंच के संस्थापक डॉ. सी.डी शर्मा, का. नरेश विरोधिया आदि ने संबोधित किया तथा संचालक महेश कुमार ने किया।

मानेसर (गुड़गांव)। बेलसोनिका इम्पालाइज यूनियन के नेतृत्व में मजदूरो ने लाल फीता बांध कर मजदूर विरोधी 4 श्रम सहिंताओ और कृषि से सम्बंधित 3 काले कानूनों का विरोध किया व शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

यूनियन ने कहा है कि मजदूर मेहनतकश जनता पर एक के बाद एक लगातार बढ़ते हमले फासीवाद की ओर खास इशारा कर रहे हैं।

फरीदाबाद। इंक़लाबी मज़दूर केंद्र द्वारा दुर्गा कालोनी, सरुरपुर, फरीदाबाद में प्रभात फेरी निकाला गया।
उत्तरप्रदेश
बरेली में इंक़लाबी मज़दूर केंद्र, पछास ने मढ़ीनाथ पुलिया से प्रभात फेरी निकाली-

पश्चिम बंगाल
बंगाल के चुनावी माहौल के बीच जारी ‘नों वोट टू बीजेपी’ अभियान के क्रम में ही पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में शहीदी दिवस आयोजन हुए।

इस दौरान तीन काले कृषि कानूनों, चार लेबर कोड, निजीकरण व मोदी सरकार की जनविरोधी व फिरकापरस्त नीतियों की मुखालफत हुई।

आसनसोल के रहमतनगर में प्रदर्शन करते हुए –

तेलंगाना
हैदराबाद में आइएफटीयू व मासा की ओर से मशाल जुलूस-

आइएफटीयू व मासा की ओर से सिंगरेनी कोल माइंस में मज़दूरों का प्रदर्शन-

एलंडू में आइएफटीयू व मासा द्वारा हमाली और मिल मज़दूरों के बीच कार्यक्रम-

बिहार
शहीद भगत सिंह छात्र-युवा मंच अनुमंडल कमिटी डिहरी ने अब्दुल क्यूम अंसारी हॉल में शहीद भगत सिंह की शहादत दिवस मनाया।

पंजाब
नौजवान भारत सभा, कारख़ाना मज़दूर यूनियन और टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन द्वार मौजूदा जनद्रोही, शोषणकारी, मुनाफ़ाखोर पूँजीवादी व्यवस्था को दफ़ा करने के आह्वान के साथ एक पर्चा जारी हुआ और लुधियाना में कार्यक्रम हुआ।

चंडीगढ़। नौजवान भारत सभा की ओर से चंडीगढ़ के हल्लोमाजरा में 23 मार्च के शहीदों को समर्पित मशाल मार्च निकाला गया व इन्क़लाबी गीतों की पेशकारी की गई। शहीद भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु के सपनों के समाज के निर्माण के लिए आगे आने का आह्वान हुआ।

मंडी गोबिंदगढ़ में नौजवान भारत सभा द्वारा 23 मार्च के शहीदों की याद में 21 मार्च को कार्यक्रम किया गया। मौजूदा व्यवस्था की पोल खोलता नाटक ‘गड्ढा’ पेश किया गया। गविश, अमन और बच्चों ने इंकलाबी गीत गाए। इंकलाबी साहित्य और पोस्टरों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।
