संयुक्त किसान मोर्चा व विभिन्न संगठनों ने की आवाज़ बुलंद
संयुक्त किसान मोर्चा और वामपंथी दलों ने श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी आह्वान पर निजीकरण के विरोध में रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन किया। इस दौरान राष्ट्रपति को संबोधित पांच सूत्री मांग पत्र रेल स्टेशन अधीक्षक को सौंपा। प्रदर्शन में माकपा, भाकपा (माले), इंकलाबी मजदूर केंद्र, ऑल इंडिया किसान फेडरेशन, उत्तर प्रदेश किसान सभा, एसयूसीआइ (सी), किसान संग्राम समिति,ऐक्टू के सदस्य शामिल रहे।
किसान फेडरेशन के नेता अनुभव दास ने कहा कि मोदी सरकार खेती किसानी सहित देश के सारे संसाधन और सार्वजनिक संस्थानों को बेच देना चाहती है, सरकार अपनी सामाजिक जिम्मेदारी से मुंह चुरा रही है। रेल, सेल, भेल, तेल व गैस सब कुछ निजी हाथों में सौंप कर देश में बेरोजगारी का पहाड़ खड़ा कर रही है मोदी सरकार। सामाजिक कार्यकर्ता अर्चना उपाध्याय ने कहा कि योगीराज में महिलाओं गरीबों पर हमले तेज हुए हैं।
अपराधियों को गिरफ्तार कर सजा दिलाने की जगह सरकार अपराधियों के पक्ष में खड़ा है, उल्टे बलात्कार की घटनाओं में शिकायत करने वालों को ही मौत के घाट उतार दिया जा रहा है। साहित्यकार जयप्रकाश धूमकेतु ने कहा कि देश के लोकतंत्र को अराजकतन्त्र में बदला जा रहा है, किसानों का आंदोलन देश बचाने का आंदोलन है। भाकपा (माले) के जिला सचिव बसंत कुमार ने कहा कि भारत पर आज पूरी दुनिया में हंसी उड़ाई जा रही है। फ्रीडम हाउस और अन्य संगठनों ने रिपोर्ट दिया है कि भारत में लोकतंत्र और आजादी अब आंशिक है।
प्रदर्शन में सरोज सिंह, अरविंद मूर्ति वीरेंद्र कुमार, राम जी सिंह, मरद्दू प्रजापति, शमशुलहक चौधरी, शिवमूरत गुप्ता, देवनाथ यादव, सुरेश, जंग बहादुर, सुभाष चौहान, राजेश सिंह, संजय, रामबली, साधु यादव, जितेंद्र, विजय, अजमल बेलाली, इमरान, अरविंद, विनोद राजभर, लल्लन सिंह, हाफिज, गोकुल आदि उपस्थित रहे।हिन्दुस्तान से साभार