लखनऊ: आपदा-मित्रों का न्यूनतम वेतन, बीमा और स्थायीकरण के लिए प्रदर्शन

हजारों की संख्या में आपदा मित्र इकट्ठा हुए लखनऊ में, जहां उन्होंने सात सूत्रीय मांगों को लेकर एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को सोपा। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आपदा मित्र इकट्ठा हुए थे ट्रेन से चलकर लखनऊ पहुंचे।

29 सितम्बर: हजारों की संख्या में आपदा मित्र इकट्ठा हुए लखनऊ में, जहां उन्होंने सात सूत्रीय मांगों को लेकर एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को सोपा। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आपदा मित्र इकट्ठा हुए थे ट्रेन से चलकर लखनऊ पहुंचे। ‘आपदा मित्र एकता मंच’ का आरोप है की उत्तर प्रदेश सरकार आपदा मित्रों की मांगों को लगातार नजर अंदाज कर रही है। आपदा मित्र एकता मंच का प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार का कहना है की उनके मांग का जायज है, और वो लोग कोई पार्टी से नहीं है| उनका मांग है – 

(1) सरकार द्वारा घोषित ₹5लाख का बीमा लागू करते हुए उसे बढ़ाकर 20 लाख रुपए का बीमा किया जाए।

(2) आपदा मित्र और आपदा सखी को उत्तर प्रदेश आपदा प्राधिकरण का कर्मचारी घोषित किया जाए।

(3) सभी आपदा मित्र और आपदा सखी का न्यूनतम वेतन 26000 घोषित करें।

(4) सभी आपदा मित्र और आपदा सखी को स्वास्थ्य बीमा, ईएसआई, पीएफ, सहित अन्य सुविधाएं देकर सामाजिक सुरक्षा की गारंटी करें।

(5) किसी प्रकार की आपदा की जानकारी एवं सूचना को जोड़ने के लिए आपदा मित्र को स्मार्टफोन दिया जाए।

(6) आपदा मित्र और आपदा सखी की सेवा पंजिका निर्मित की जाय।

(7) किसी प्रकार की आपदा में फंसे व्यक्ति को निकालने के लिए तहसील स्तर पर आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जाए एवं समय-समय पर प्रशिक्षित किया जाए।

सूचित है की गृहमंत्री अमित शाह के द्वारा 28 सितंबर 2021 को इस योजना का आरम्भ किया गया है। इस योजना की शुरुआत प्राकृतिक आपदाओं, जैसे भूकंप, बाढ़ आना, बादल फटना आदि, के कारण प्रभावित लोगों को मदद प्रदान के लिए शुरू की गई है।केंद्र सरकार द्वारा देशभर के 350 जिलों में आपदा मित्र योजना परियोजना शुरू करने की योजना बना रहा है। सरकार द्वारा आपदा मित्र योजना के तहत 5500 मित्रों/सखी को जोड़ा जाएगा। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित होने वाले गांव के लोगों को जल्द से जल्द निकाल कर हॉस्पिटल पहुंचाया जा सके।

इस योजना से लोगों को मदद दी जाएगी और लोग जो प्राकृतिक आपदा के कारण फस जाते हैं उनकी जान को बचाया जा सकेगा। इस योजना के तहत नियुक्त किए गए आपदा मित्रों को कोई पारिश्रमिक नहीं मिलती है। सरकार की ओर से प्रत्येक आपदा मित्रों के लिए 5 लाख का बीमा करवाया जाता है। ‘आपदा मित्र एकता मंच’ के मिडिया प्रभारी वीरेंद्र सिंह यादव का कहना है की यह बीमा का सुरक्षा नहीं मिला, जिनके साथ दुर्घटना हुआ उनको|

एनडीएमए ने सामुदायिक स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण के लिए एक पायलट योजना लागू की है जो 25 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 30 सबसे अधिक बाढ़ प्रवण जिलों में बाढ़ पर ध्यान देने के साथ आपदा प्रतिक्रिया में 6000 सामुदायिक स्वयंसेवकों (प्रति जिला 200 स्वयंसेवक) के प्रशिक्षण पर केंद्रित है। धरने में आए आपदा मित्र का कहना है, की बिहार में आपदा मित्र को जितना सुविधा मिलता है, यूपी में वो भी लागु नहीं है|