हिमाचल परिवहन निगम के 12 हजार कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर उतरेंगे सड़कों पर

संशोधित वेतनमान और भत्ते के साथ अनुबंध में चालक-परिचालकों को दो साल में रेगुलर करने की माँग प्रमुख है। संयुक्त समन्वय समिति अप्रैल के दूसरे हफ्ते में बड़ा फैसला लेगी।

हिमाचल परिवहन निगम के 12 हजार कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरेंगे। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के निदेशक मंडल (बीओडी) में कर्मचारियों की सुनवाई न होने से संयुक्त समन्वय समिति के नेता भड़क गए हैं।  निगम प्रबंधन से कर्मचारी संशोधित वेतनमान और भत्ते मांग रहे हैं। अनुबंध में चालक-परिचालकों को दो साल में रेगुलर करने का मामला भी गरमा गया है। दूसरी ओर, हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम कर्मचारी संघों की संयुक्त समन्वय समिति ने साफ शब्दों में एलान कर दिया है कि अप्रैल  के दूसरे हफ्ते में समिति के नेताओं की अहम बैठक बुलाकर भावी रणनीति बनाकर निगम प्रबंधन पर दबाव बनाया जाएगा।

पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों का कहना है कि संशोधन वेतनमान और भत्ते देने का मामला निगम प्रबंधन से उठाया गया था परंतु बीओडी में इस अहम मसले पर कोई फैसला नहीं लिया गया। इसके अलावा अनुबंध पर लगे चालकों और परिचालकों ने दो साल की अवधि सितंबर में पूरी कर ली है और उनको मार्च अंत तक रेगुलर नहीं किया गया है। निगम कर्मचारियों को 36 माह का ओवर टाइम नहीं मिला है। निगम के पेंशनरों को भी वित्तीय लाभ देने से वंचित रख गया है। संयुक्त समन्वय समिति के सचिव खेमेंद्र गुप्ता ने कहा कि बीओडी में निगम के कर्मचारियों की मांगों पर कोई गौर नहीं किया गया। इस कारण से समिति की बैठक अप्रैल दूसरे हफ्ते में बुलाकर आंदोलन की रणनीति बनेगी।

अमर उजाला से साभार

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