पंजाब : निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मियों का प्रदर्शन

ऐलान: 29 को धरना, दीवाली में असहयोग, 26 नवम्बर को हड़ताल

शहर में सस्ती बिजली देने के बावजूद मुनाफे में चल रहे बिजली विभाग को सीधे तौर पर 100 फीसदी निजी हाथों में देने के खिलाफ वीरवार को बिजली कर्मचारियों ने न्यू पावर हाउस के आगे विशाली धरना प्रदर्शन दिया। इसका आह्वान यूटी पावरमैन यूनियन की ओर से किया गया। नेताओं ने कहा कि 29 अक्तूबर 2020 को नॉर्थ जोन के बिजली कर्मचारी व इंजीनियरों के साथ विशाल धरना देंगे, 30 अक्तूबर को चंडीगढ़ और पंजाब की यूनियनों के साथ सांझा प्रदर्शन होगा तथा 5 नंवबर 2020 को फैड़रेशन द्वारा विशाल रैली की जाएगी।

14 नवंबर 2020 (दिवाली) को ड्यूटियों का बहिष्कार किया जाएगा और 26 नवंबर को सभी शिफ्टों में एक दिन की संपूर्ण हड़ताल की जाएगी। फिर भी सरकार पीछे नहीं हटी तो अनिश्चिकालीन हड़ताल का ऐलान किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते पावर मैन यूनियन के गोपाल दत्त जोशी और ध्यान सिंह ने केन्द्र सरकार के बिजली संशोधन बिल 2020 सभी केन्द्रशासित प्रदेशों का निजीकरण करने के फैसले की निन्दा की।

आरोप लगाया कि अभी बिजली बिल 2020 संसद में पेश भी नहीं हुआ उससे पहले ही केंद्र शासित प्रदेशों के वितरण का निजीकरण करने का ऐलान कर दिया जो कि गैर जरूरी तथा असंवैधानिक है। जब बिजली एक्ट 2003 देश के सभी राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेशों पर लागू है तो बिल पास होने से पहले ही केन्द्रशासित प्रदेशो के वितरण का 100 प्रतिशत निजीकरण करना संविधान और जनता के साथ धोखा है। उडीसा माडल बनाकर स्टैन्डर्ड बिड डाक्यूमेंट पेश करना दुर्भाग्यपूर्ण है।

इसमें सभी राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेशों का 100 फीसदी निजीकरण करना , प्राइवेट मालिकों को जमीन भवनों व असेस्ट एक रुपया महीना किराए पर देने , कर्मचारियों की सेवा शर्त, वेतन भत्ते तथा जीपीए व पेंशन निजी ट्रस्टों को देने का फैसला बहुत ही खतरनाक है।

ऐसा करके निजी मालिकों को फायदा देने के लिए सरकारी सम्पत्ति कौड़ियों के भाव बेचना देश की जनता से धोखा है। इस दौरान प्रस्ताव पास कर विभाग की तबाही करने व निजीकरण का वास्ता देकर सामान खरीदने व भर्तियां बंद करने, एक साल से खाली पडी प्रमोशन की पोस्ट नहीं भरने के लिए चीफ इंजीनियर मुकेश आनन्द और बिजली विभाग के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर सीडी सागवान की निंदा।बिजली के कार्यालयों, सब-स्टेशन व कॉलोनियों में रेनोवेशन के नाम पर विभाग का पैसा लुटाने की सीबीआई जांच की मांग की गई।

दैनिक भास्कर से साभार

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