गुड़गांव: देशभर में होती औद्योगिक दुर्घटनाओं और मज़दूर नेताओं पर गुंडा एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन

औद्योगिक दुर्घटनाओं व प्रबंधन और शासन प्रशासन की मिलीभगत के खिलाफ तथा मजदूर नेताओं पर लगाए गए गुंडा एक्ट के खिलाफ हरियाणा व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित।
गुड़गांव (हरियाणा)। देशभर सहित गुड़गांव औद्योगिक क्षेत्र में हो रही दुर्घटनाओं के खिलाफ और डॉल्फिन के नेतृत्वकारी मजदूरों व इंकलाबी मजदूर केंद्र के पूर्व अध्यक्ष कैलाश भट्ट पर लगाए गए गुंडा एक्ट और राज्य से दरबदर करने की चेतावनी के खिलाफ 28 जून को लघु सचिवालय, गुड़गांव में विरोध प्रदर्शन हुआ और उपयुक्त महोदय के माध्यम से मुख्यमंत्री हरियाणा व मुख्यमंत्री, उत्तराखंड को ज्ञापन दिया गया।
वक्ताओं ने बताया कि आज देश भर में औद्योगिक दुर्घटनाएं हो रही है गुड़गांव में ही इस महीने लगातार दो-तीन घटनाएं हो चुकी है और ये वह दुर्घटनाएं है जिनके बारे में पता चल गया। कई दुर्घटनाएं ऐसी है जिनका पता ही नही चलता। गुड़गांव स्तर पर सैकड़ों मजदूरों की जाने जा चुकी हैं।
इन घटनाओं का मुख्य जिम्मेदार मालिक व प्रबंधन है जो अपनी मुनाफे के लिए मजदूरों से खतरनाक परिस्थितियों में या सुरक्षा मानकों का उल्लंघन कर कार्य करवाते हैं। जिसका खामियाजा हमारे मजदूर साथी और उनके परिजनों को उठाना पड़ रहा है।
इन दुर्घटनाओं की अन्य जिम्मेदारी शासन प्रशासन की बनती है जिन्होंने मालिकों को खुली छूट दे रखी है। ना ही घटनाओं पर निष्पक्ष जांच हो पाती है और ना ही दोषी मालिकों और प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है।

वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड में डॉल्फिन के नेता मजदूर साथियों और इंकलाबी मजदूर केंद्र के पूर्व अध्यक्ष पर जो कार्रवाई की जा रही है यह साफ-साफ मालिक-प्रबंधन और शासन-प्रशासन के गठजोड़ को दिखाती है कि किस तरह शासन प्रशासन दोषी मलिक और मारपीट करने वाले गुंडों पर कार्रवाई ना कर गुंडो की शिकायत पर ही इन नेतृत्वकारी साथियों को गुंडा घोषित कर रहा है।
वक्ताओं ने बताया कि यह दोनों घटनाएं एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। औद्योगिक दुर्घटनाओं पर मजदूर यदि अपने हक अधिकारों के लिए आवाज उठाते हैं तो उनके खिलाफ शासन प्रशासन का यह रवैया है। हम इन दोनों ही घटनाओं की कड़ी निंदा करते हैं और शासन प्रशासन को चेताना चाहते हैं कि वह अपने दायित्व को निभाकर मलिक व प्रबंधन को खुली छूट देना बंद कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
विरोध प्रदर्शन का संचालन साथी अजीत ने किया। विरोघ प्रदर्शन को बेलसोनिका यूनियन (1983), इंकलाबी मजदूर केंद्र और मजदूर सहयोग केंद्र के प्रतिनिधियों ने संबोधित किया।
विरोध प्रदर्शन में औद्योगिक दुर्घटनाओं के खिलाफ, मलिक प्रबंधन और शासन प्रशासन की मिलीभगत के खिलाफ और मजदूर नेताओं पर लगाए गए गुंडा एक्ट के खिलाफ जोरदार नारे लगाए गए और अंत क्रांतिकारी गीत के साथ किया गया।
अंत में मुख्यमंत्री हरियाणा और मुख्यमंत्री उत्तराखंड को उपायुक्त के माध्यम से अपनी मांगों के दो अलग-अलग ज्ञापन प्रेषित किया गया।

मांगें-
मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार पुष्कर सिंह धामी को भेजे गए ज्ञापन में मांग की गई है कि–
- इंकलाबी मजदूर केंद्र के पूर्व अध्यक्ष कैलाश भट्ट व डॉल्फिन मजदूरों पर गुंडा एक्ट सहित सभी फर्जी मुकदमे रद्द करो!
- श्रम कानून की उल्लंघना करने वाले व मजदूरों पर हमला करवाने वाले डॉल्फिन फैक्ट्री मालिक व उसके गुंडो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल में डालो!
- सिड़कुल प्रबंधन और पुलिस प्रशासन की मिलीभगत द्वारा मजदूरों पर लगाए गए सभी मुकदमों की निष्पक्ष जांच हो!
- मालिकों की सेवा बंद करो व शोषण उत्पीड़न पर रोक लगाओ!
- उत्तराखंड सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन प्रत्येक फैक्ट्री में लागू करो!
- डॉल्फिन, लुकास टीवीएस, कारोलिया लाइटिंग, इंटरार्क सहित सभी पीड़ित मजदूरों को न्याय दो!
मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार नायब सिंह सैनी को प्रेषित ज्ञापन में मांग की गई है कि–
- दौलताबाद औद्योगिक क्षेत्र में दिनांक 22 जून 2024 को हुई दुर्घटना में मारे गए पांच मजदूरों के परिजनों को एक करोड रुपए का उचित मुआवजा दिया जाए तथा इस दुर्घटना में घायल श्रमिकों को 50 लाख रुपए का उचित मुआवजा राशि दी जाए। इसके साथ ही इस मामले की निष्पक्ष जांच कर हत्या के दोषी फैक्ट्री मालिक पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर सजा दी जाए!
- मजदूरों के मृतक आश्रितों को प्रति माह पीएफ की पेंशन दिलवाई जाए!
- फैक्ट्रियों में हो रही इन दुर्घटनाओं पर श्रम विभाग तुरंत रोक लगाए!
- श्रम कानून की उल्लंघना करने वाले तथा सुरक्षा मानकों का पालन न करने वाले फैक्ट्री मालिक व प्रशासन-प्रशासन के दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए!