जैन मंदिरों के मज़दूर हड़ताल पर, मंदिरों में लटके ताले

Jain Mandir Hadtal-3

ग़ैरक़ानूनी छंटनी के ख़िलाफ़ व न्यूनतम मजदूरी देने की माँग को लेकर मज़दूर हैं आंदोलित

गिरिडीह, झारखंड। झारखंड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन के बैनर तले 20 फरवरी को मधुबन तीर्थ क्षेत्र में काम करनेवाले हजारों कामगारों ने न्यूनतम मजदूरी समेत अन्य सवालों को लेकर सांकेतिक हड़ताल की। हटिया मैदान में सभा कर अपनी आवाज को बुलंद किया। चार मार्च तक मधुबन के मजदूरों की मांगों पर विचार नही होता है तो वे पांच मार्च से पुन: मधुबन बंद करेंगे। इसकी लिखित जानकारी यूनियन ने एसडीओ को भी दिया है।

दरअसल तीन जैन संस्थाओं धर्ममंगल जैन विद्यापीठ, सम्मेदाचल विकास कमेटी एवं भौमिया भवन ने दर्जनों कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। इन कर्मचारियों की नौकरी में वापसी एवं कर्मचारियों को न्यूनतम मजदूरी देने तथा डोली मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने की माँग को लेकर झारखंड क्रांतिकारी मज़दूर यूनियन के बैनर तले मधुबन के मज़दूर पिछले चार माह से आंदोलन कर रहे हैं। झामुमो एवं माले भी इस लड़ाई को समर्थन दे रही है।

15 हजार मज़दूर रहे सांकेतिक हड़ताल पर

सभी 35 से 40 जैन धर्मशाला के करीब पांच हजार कर्मचारी एवं अपने कंधों पर बैठाकर जैन तीर्थयात्रियों को पारसनाथ पहाड़ की चोटी पर स्थित मंदिरों का दर्शन कराने वाले करीब दस हजार डोली मज़दूर हड़ताल पर चले गए थे। हड़ताल के कारण कई दुकानें भी बंद रही। कई मंदिरों में ताले लटके रहे। जिन मंदिरों में ताला खुला, वहां कोई भी कर्मचारी उपस्थित नहीं था। हड़ताली मज़दूरों ने धरना देकर ऐलान किया है कि आज सिर्फ सांकेतिक हड़ताल है। जैन संस्थाओं ने यदि उनकी मांगों को नहीं माना तो आनेवाले समय में बेमियादी हड़ताल की जाएगी।

जैन संस्था एवं प्रशासन से वार्ता के बाद भी कोई हल नहीं निकला। इसके बाद यूनियन ने एक दिन का हड़ताल का आह्वान किया था।

बेमियादी हड़ताल की दी चेतावनी

वक्ताओं ने कहा कि हर हाल में मधुबन तीर्थ क्षेत्र में काम करने वाले तमाम कामगारों को उनका वाजिब हक देना होगा। पिछले दिनों कई कामगारों की बिना वजह छंटनी कर दी गई है। ऐसे सभी छटनीग्रस्त मजदूरों को काम पर रखना होगा। आज की इस सांकेतिक हड़ताल के बाद भी यदि प्रबंधन के रवैये में बदलाव नहीं आया और कामगारों को उनका हक नहीं दिया गया तो आगे और भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

हड़ताल तथा सभा की अगुवाई यूनियन के अध्यक्ष बसंत कर्मकार, मनोज कुमार महतो, नौशाद आलम, अजीत राय, द्वारिका राय, माले नेता राजेश कुमार यादव तथा गिरिडीह विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा, मनोहर सिंह बंटी, नागेश्वर महतो, रूपलाल महतो आदि ने की।

लम्बे समय से जारी है असहयोग आन्दोलन

मज़दूर 1 दिसंबर, 2019 से अनिश्चित असहयोग आन्दोलन चला रहे हैं। उनकी प्रमुख माँग है- 24 अक्टूबर 2019 से झारखंड सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी एवं सेवा अवधि के आधार पर प्रतिशत दर में वृद्धि को लागू किया जाय, छंटनी के शिकार समस्त मज़दूरों की कार्यबहाली हो, डोली मजदूरों के साथ 19 दिसंबर 2017 को हुए समझौता को अविलम्ब लागू करवाया जाय।

जैन धर्मावलम्बियों का सर्वोच्च तीर्थस्थल, मज़दूर शोषण के शिकार

झारखंड के गिरिडीह जिला के पीरटांड़ प्रखंड में 1350 मीटर (4430 फुट) उंचा पहाड़ है पारसनाथ पर्वत। यह पर्वत जैन धर्मावलम्बियों का सर्वोच्च तीर्थस्थल है क्योंकि जैन धर्म में इस पर्वत को श्री सम्मेद शिखरजी के नाम से जाना जाता है। इस पहाड़ की तलहटी में ही स्थित है मधुबन, जहां पर जैनियों द्वारा 35-36 संस्था है। प्रत्येक संस्था अलग-अलग ट्रस्ट के द्वारा संचालित होता है, लेकिन लोगों का मानना है कि इन ट्रस्टों के ट्रस्टी सिर्फ दिखावे के होते हैं, ट्रस्ट का अध्यक्ष या सचिव ही इस संस्था का मुख्य मालिक होता है, जो कि अपने संस्था के जरिए काफी पैसा कमाते हैं।

मधुबन में स्थित तमाम संस्थाओं में सुरक्षा गार्ड (दरबान), आफिसकर्मी, सफाईकर्मी, पुजारी, रसोड़ा, माली, ड्राइवर, बिजलीकर्मी आदि जैसे स्थायी व अस्थायी कर्मचारी काम करते हैं, जिनकी संख्या लगभग 5 हजार है। पर्वत की तलहटी मधुबन से जैन तीर्थयात्रियों को पर्वत बंदना कराने के काम में भी लगभग 10 हजार डोली मजदूर लगे हुए हैं, जो पहाड़ की चढ़ाई 9 किलोमीटर, पहाड़ पर स्थित जैन मंदिरों की परिक्रमा 9 किलोमीटर और फिर पहाड़ से उतराई 9 किलोमीटर यानी कुल 27 किलोमीटर की यात्रा डोली मजदूर जैन तीर्थयात्रियों को अपने डोली पर बैठाकर करते हैं।

मधुबन के तमाम संस्थाओं के कर्मचारी और डोली मज़दूर भी ट्रेड यूनियन ‘मजदूर संगठन समिति’ से शुरूआत से जुड़े हुए थे, लेकिन झारखंड सरकार द्वारा 22 दिसंबर 2017 को ‘मजदूर संगठन समिति’ पर प्रतिबंध लगने के बाद अभी वर्तमान में ट्रेड यूनियन ‘झारखंड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन’ से जुड़े हुए हैं। आन्दोलन इसी यूनियन के नेतृत्व में चल रहा है।

भूली-बिसरी ख़बरे