मजदूरों ने कंपनी के एचआर मैनेजर को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, साथी की मौत से थे नाराज, प्रबंधन झुका

अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट मैहर के अंदर डीजल टैंक में हुए ब्लास्ट के बाद गुरुवार को खूब बवाल हुआ था. नाराज श्रमिकों ने एक बड़े अधिकारी की पिटाई की थी. लेकिन शुक्रवार को विरोध-प्रदर्शन के बाद कंपनी प्रबंधन हरकत में आ गया.
अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट मैहर के अंदर डीजल टैंक में हुए ब्लास्ट के बाद एक कर्मचारी की जान चली गई. हंगामा को देखते हुए कंपनी प्रबंधन में मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपये का मुआवजा और पत्नी को नौकरी का लिखित समझौता किया है. समझौते के बाद मृतक के परिवार के सभी सदस्यों ने बिना किसी आंदोलन प्रदर्शन के शांतिपूर्वक पीएम कराया और शव को ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया.
परिजन शांतिपूर्वक शव को अपने गांव ले गए
बताया जाता है कि मृतक के भाई उमेश कुशवाहा के द्वारा कंपनी के सामने मृतक प्रभु दयाल की पत्नी मनीषा कुशवाहा के लिए 25 लाख का मुआवजा और नौकरी की मांग रखी गई थी. इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में एक पंचनामा तैयार किया गया, जिसमें दोनों पक्षों ने हस्ताक्षर किए. कंपनी में ₹50000 नगद राशि प्रदान की. साथ ही 10 से 15 दिनों का समय लेकर 25 लाख का चेक भी दिया. मांगे माने जाने के बाद मृतक के परिजन शांतिपूर्वक शव को अपने गांव ले गए और रिवाज अनुसार, अंतिम संस्कार किया.
मैनेजर की पिटाई करने वालों पर दर्ज हो सकता है केस
वेल्डिंग के दौरान हुए ब्लास्ट से नाराज कर्मचारियों ने कंपनी में जमकर हंगामा करते हुए मैनेजर की पिटाई की थी. इस मामले में पुलिस आरोपियों को चिन्हित कर मुकदमा दर्ज कर सकती है. पिटाई से घायल हुए मैनेजर को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. पुलिस इस मामले की जांच पड़ताल कर कार्रवाई में जुटी है.
इस हादसे का जिम्मेदार कौन ?
हालांकि इस घटना में कंपनी ने मृतक के परिवार को सहायता राशि देकर उनके जीवन को सुचारू रूप से चलाने में मदद का हाथ बढ़ाया है, लेकिन सवाल अभी वही है कि क्या मौतों पर केवल मुआवजे का मरहम ही लगेगा ? या कंपनी इन हादसों से कोई सबक लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करेगी. ताकि फिर किसी दूसरे प्रभु दयाल को अपनी जान नहीं गंवानी पड़े.