कार्यबहाली का संघर्ष : ऑटोनियम मज़दूरों ने कंपनी गेट पर किया प्रदर्शन

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जारी है ऑटोनियम कंपनी बहरोड के मजदूरों का संघर्ष….

नीमराना (राजस्थान)। ऑटोनियम के मज़दूरों ने काम पर वापस लेने की मांग को लेकर आज कंपनी गेट पर प्रदर्शन किया। मजदूरों के समर्थन में नीमराना और बहरोड़ की अन्य कंपनियों के मजदूर तथा आसपास के गांव के स्थानीय निवासी भी आए थे।

ऑटोनियम के मज़दूर पिछले 22 दिनों से अवैध गेट बंदी के ख़िलाफ़ संघर्षरत है। रूचीज बेवरेजेज, डाइकिन, निस्सिन ब्रेक, टोयोडा गोसाई के श्रमिक भी ऑटोनियम के मजदूरों के समर्थन में खड़े हैं।

https://mehnatkash.in/2019/12/23/autonem-workers-protest-ouside-company-gate-in-behror/

गौरतलब है कि ऑटोनियम प्रबंधन ने मजदूरों के यूनियन बना लेने के बाद, बदले की नीयत से मजदूरों को विक्टिमाइज करने के इरादे से यूनियन के दो पदाधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया और प्लांट के अंदर लाइनों पर उत्पादन बढ़ाने का दबाव बनाते हुए अन्य श्रमिकों को तंग करना शुरू कर दिया। जिसका विरोध करने पर प्रबंधन ने 33 कर्मचारियों का गेट बंद कर दिया है। चार श्रमिकों को डिसमिस कर दिया गया है और 10 लोगों को सस्पेंड कर दिया गया है।

समस्या के समाधान हेतु श्रमिक 04/03/2021 को बहरोड़ एसडीएम से मिलकर ज्ञापन भी सौंप चुके हैं और 05/03/2021 को श्रम उपायुक्त अलवर और जिला कलेक्टर अलवर से मिलकर भी ज्ञापन सौंपा। जिला श्रम अधिकारी अलवर की मध्यस्थता में 2 बार समझौता वार्ता भी विफल हो चुकी है।

ऑटोनियम प्रबंधन अपनी अनुचित श्रम अभ्यास की जिद पर अड़ा हुआ है। श्रम विभाग के अधिकारियों और एसडीएम बहरोड के समझाइश के बावजूद ऑटोनियम प्रबंधन श्रमिकों को काम पर वापस लेने को राजी नहीं हो रहा है। इससे स्पष्ट है कि श्रम कानूनों को ताक पर रखकर कंपनियां मजदूरों के शोषण के लिए अपनी दादागिरी चलाते हुए किसी भी हद तक जा सकती हैं।

https://mehnatkash.in/2021/03/02/frustrated-with-workplace-harassment-worker-attempts-to-self-immolate/

दूसरी तरफ मोदी सरकार ने 1 अप्रैल से लागू होने वाले 4 नए लेबर कोड बिल के जरिए कंपनी मालिकों के तमाम अनुचित और अवैध श्रम अभ्यास तथा श्रमिकों के दमन शोषण को कानूनी रूप से वैधता प्रदान कर दी है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में मजदूरों के अधिकारों पर कितनी तेजी से हमला किया जाएगा।

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