मोहाली: मजदूरों के लंबे संघर्ष से ‘F.N.I. (कान्ट्रैक्टर्स) मज़दूर एकता यूनियन’ हुआ पंजीकृत

प्रबंधन के दबाव में ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार ने यूनियन पंजीकृत नहीं किया। एक साल के कड़े संघर्ष के बाद इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल मोहाली ने यूनियन रजिस्टर्ड करने के आदेश दिए।
मोहाली (पंजाब)। एफ.एन.आई.कंपनी के बासमा प्लांट में प्रबंधन द्वारा यूनियन रजिस्टर्ड न होने देने की तिकड़मों, श्रम अधिकारी द्वारा पंजीकरण से मना करने के बाद यूनियन की अपील पर अंततः इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल मोहाली के आदेश पर यूनियन का पंजीकरण हो गया।
यूनियन ने बताया कि FNI कंपनी के बासमा प्लांट में प्रबंधन के दबाव में यूनियन रजिस्ट्रेशन के नाम को लेकर श्रम विभाग में विवाद चल रहा था। इस मुद्दे पर श्रम अधिकारियों का कहना था कि यूनियन के नाम और कंपनी में मौजूदा रजिस्टर्ड यूनियन के नाम में कोई अन्तर नहीं है।
कंपनी में पहले मौजूदा यूनियन का नाम Frueudenberg NOK Worker Union Plant 1& 2 और हमारी यूनियन का नाम एफ.एन.आई. (कान्ट्रैक्टर्स) मज़दूर एकता यूनियन [F.N.I.(Contractors) Mazdoor Ekta Union] है। दोनों नामों में इतना सा अंतर होने के बाद भी एडीशनल ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार ने यूनियन को रजिस्टर्ड करने से मना कर दिया।
ऐसे में मजदूरों को इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल जाना पड़ा। एक साल में कॉमरेड विनोद चुघ और मज़दूर साथियों के कड़े संघर्ष के बाद इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल मोहाली ने यूनियन रजिस्टर्ड करने के आदेश दिए।

यूनियन नेताओं ने कहा कि आज एक बार फिर से असत्य पर सत्य की जीत हुई। यह जीत यूनियन के उन सभी जुझारू और प्यारे सदस्यों की जीत है जिन्होंने इस मुश्किल समय में भी यूनियन के साथ चट्टान की तरह खड़े रहकर और अपनी कमजोर आर्थिक स्थितियों के बाद भी यूनियन को समय पर चन्दा अदा कर यूनियन के नेताओं का मनोबल बढ़ाया।
यूनियन ने दुख जताते हुए कहा कि इन 2-3 वर्षों के बीच में हमारे कई साथियों ने संघर्ष में काफी चोटे खाई और एक संघर्षशील साथी हरिंदर कुमार को खोया है। हरिंदर कुमार जैसे जुझारू संघर्षशील साथी की भरपाई आजतक न हो पाई है।
यह जीत उन जुझारू साथियों की जीत है जिन्होंने नकारात्मक बातों को दरकिनार कर हमेशा सकारात्मक बात द्वारा सकारात्मक माहौल बना कर यूनियन नेतृत्व पर भरोसा दिखाया। नकारात्मक और कमजोर बात करके संघर्ष कर रहे जुझारू साथियों का मनोबल गिराने वाले लोगों को भी यूनियन के प्रति भरोसा करने और बहादुर सिपाहियों की तरह आचरण करने की सीख दी।
यूनियन ने आशा जताई है कि इस जीत से सभी साथी उत्साहित होंगे और यूनियन के प्रति हमेशा सकारात्मक बातें करके, खुद का भी और अन्य साथियों का भी मनोबल बढ़ाकर यूनियन को और मजदूर भाईचारे को बुलंद करेंगे। यूनियन में समय से चन्दा अदा करके यूनियन कोष को मजबूती प्रदान करेंगे। तांकि जरूरत पड़ने पर यूनियन हाईकोर्ट या अन्य कोर्ट में मजबूती से लड़ सकें। हाईकोर्ट, लेबर और सिविल कोर्ट में पहले से ही बहुत केस लंबित हैं। जिन पर सुनवाई जारी है।
यूनियन ने एक रहो नेक रहो का नारा देते हुए कहा कि यह जीत FNI कंपनी के बासमा प्लांट के मजदूरों की अटूट एकता और भाईचारे की जीत है। यह जीत लेबर कोर्ट और सिविल कोर्ट में हमारी स्थिति मजबूत करने वाले कॉमरेड विनोद चूघ जी, हाई कोर्ट वकील दीपांशु मेहता जी की कोर्ट में की गई मजबूत पैरवी और एटक द्वारा सही समय पर दी गई सही सलाह के बदौलत हासिल हुई है। जिसके लिए हम इन सबका तहे दिल से आभार प्रकट करते हैं।
यूनियन ने एटक, संघर्ष में शामिल होकर मनोबल बढ़ाने वाले श्रमिको, संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों व किसान साथियों और समस्त ट्रेड यूनियनों और सामाजिक संगठनों के साथियों को सतत सहयोग व उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद दिया।
यूनियन ने उम्मीद जताई कि सब मजदूर साथी मिलकर अन्य कंपनियों के संघर्षरत मजदूर साथियों को पूर्ण सहयोग कर मोहाली में मजदूर भाईचारे के झंडे को बुलन्द करेंगे।
एफ.एन.आई. (कान्ट्रैक्टर्स) मज़दूर एकता यूनियन, बासमा, मोहाली (पंजाब)
कमलदीप सैनी (प्रधान), प्रिंस शर्मा (महासचिव) रवि पूरी (उप प्रधान), सोहन लाल (प्रेस सेक्रेटरी), धर्मिन्दर अंतल (कोषाध्यक्ष), सरबजीत सिंह (जॉइन्ट सेक्रेटरी), गुरविंदर सिंह (वरिष्ठ सलाहकार), मानप्रीत सिंह (सलाहकार), जसविंदर सिंह (आडिटर)।