भारतीय रेल को अंबानी और अडानी की रेल नहीं बनने देंगे -एनसीआरएमयू

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मोदी सरकार ने अपनी मजदूर विरोधी नीति का परिचय देते हुए उत्पादन इकाइयों के निगमीकरण तथा नई संचालित होने वाली रेलगाड़ियों को निजी हाथों में सौंप ने की तैयारी की घोषणा कर दी।

कोसीकलां। नार्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन (एनसीआरएमयू) के महामंत्री आरडी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री और रेल मंत्री निजीकरण न किए जाने की बात जरूर कह रहे हैं, लेकिन पुरजोर विरोध को देखते हुए दूसरे रास्तों से रेलवे में निजीकरण आ रहा है। भारतीय रेल को अंबानी और अडानी की रेल नहीं बनने देंगे।

एनसीआरएमयू द्वारा रेलवे स्टेशन परिसर में आयोजित स्वागत समारोह में यादव ने कहा कि सरकारी उद्यमों को निजी क्षेत्र में ले जाने की नीति अपनाई जा रही है। ऐसा नहीं कि यह काम वर्तमान सरकार ही कर रही है। यूपीए में भी यही नीति अपनाई गई थी। इस मामले में दोनों ही सरकारें एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। सरकार ने अपनी मजदूर विरोधी नीति का परिचय देते हुए उत्पादन इकाइयों के निगमीकरण तथा नई संचालित होने वाली रेलगाड़ियों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी की घोषणा कर दी, जिसे रेलकर्मियों ने चुनौती के रूप में स्वीकार किया है।

कार्यकारी अध्यक्ष कमलेश राकेश पाठक, केंद्रीय उपाध्यक्ष शेर सिंह मीणा, मंडल अध्यक्ष एनके शर्मा, मंडल मंत्री मुकेश यादव, मंडलीय उपाध्यक्ष संजीव जैन का स्वागत किया। शाखा मंत्री दयाशंकर शर्मा ने कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत कराया। देवेंद्र, राजू लाल मीणा, योगेश मीणा, बीके पांडेय, अनिल कुमार शर्मा, राजपाल गौतम, जाकिर खान, भीमदेव, जितेंद्र गिरी, दीपक, दीनदयाल मीणा, उमाशंकर, देवराज, नरेश मीणा, सुनील कुमार, सरजीत सिंह, सतीश कुमार आदि थे।

अमर उजाला से साभार

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