भ्रम, दिग्भ्रम, मतिभ्रम के बीच तथ्यों की रौशनी में सच की एक तस्वीर
विश्व व्यापी कोरोना संकट से जूझते भारत में इसके फैलाव के कारणों पर तमाम भ्रामक तथ्यों की बौछार हो रही है। …चीन से लौटे मेडिकल छात्रों की जनवरी-फरवरी में भारत वापसी से इसके संबंधों की तथ्यों की रौशनी में छान-बीन कर रहे हैं वरिष्ठ विश्लेषक साथी गिरीश मालवीय…
बहुत से लोग ये जानना चाहते हैं कि भारत मे कोरोना वायरस आया कहा से? अगर आप भी उनमें से एक है तो जरा दिल थाम के बैठिए ओर बहुत ध्यान से यह पोस्ट पढ़िए…! क्योंकि इस पोस्ट में वो रिसर्च है जो बताती है कि दरअसल भारत मे जिन पर इसे फैलाना का इल्जाम लग रहा है, वो गलत है…. और संभवतः भारत मे कोरोना, मार्च से पहले फरवरी में ही फैलना शुरू हो गया था…।
शुरू से शुरू करते हैं ताकि शक ओ शुबहा की कोई गुंजाइश ही न रहे। भारत मे पहला कोरोना केस 30 जनवरी को केरल में रिपोर्ट किया गया। सबसे पहले जिस स्टूडेंट में कोरोना की पुष्टि हुई वह 24 जनवरी को केरल लौटा था। उसके बाद 30 जनवरी और 2 फरवरी को वुहान से लौटे केरल के दो छात्रों को संक्रमित पाया गया था।

चीन में भारतीय छात्रों की बड़ी संख्या
अब सबसे खास बात समझिए ये तीनो छात्र एमबीबीएस के स्टूडेंट्स थे। चाइना के वुहान राज्य में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई करने जाते है। दरअसल चाइना जाकर पढ़ाई करना भारत की तुलना में सस्ता पड़ता है। अगर यहाँ एमबीबीएस की पढ़ाई के 1 करोड़ लगते हैं तो चीन में 60 लाख में ही काम हो जाता है।
चीन में लगभग कुल 23 हजार भारतीय छात्र पढ़ते है, इसमे में से 21 हजार ने केवल एमबीबीएस में ही दाखिला लिया हुआ है। यह संख्या ब्रिटेन और अमेरिका में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स से कही अधिक है।…
चीन में नववर्ष मनाने की परंपरा है। उनके यहाँ स्कूल यूनिवर्सिटी में नववर्ष पर सालाना अवकाश दिया जाता है, जो एक महीने का रहता है। साल 2020 में यह अवकाश लगभग 15 जनवरी से 15 फरवरी तक था। एमबीबीएस का कोर्स वुहान में स्थित 2 यूनिवर्सिटी में चलता है। बड़ी संख्या में भारतीय छात्र जो वहाँ पढ़ते थे, इस दौरान भारत मे आए।
कोरोना संकट के बीच वुहान से छात्रों की वापसी
यह वही समय था जब वुहान में कोरोना का प्रसार आरम्भ हुआ था। वुहान सिटी में 18 जनवरी 2020 को एक साथ 4,000 मामलों में कोरोना के लक्षणों की शुरुआत हो गई थी। 20 जनवरी को, चीन ने लगभग 140 नए रोगियों की पहचान की थी, 23 जनवरी को वुहान में लॉक डाउन किया गया, लेकिन उससे पहले ही भारतीय छात्रों का वहाँ से भारत लौटने की शुरुआत हो गयी थी।
उस वक्त हम नही जानते थे लेकिन अब हम जानते है कि इस वायरस के लक्षण शरीर मे 7 से 8 दिनों के बाद ही प्रकट होते हैं…। भारत मे आ चुके इन स्टूडेंट्स में भी ये लक्षण प्रकट होना शुरु हुए। देश के अलग अलग राज्यों मे पुहंचे इन मेडिकल स्टूडेंट्स में भी ये लक्षण प्रकट हुए थे।

भारत में कोरोना- मिडिया में छपी खबरें-
यह लेख विभिन्न मीडिया पोर्टल की पड़ताल करके यह बताता है कि 20 जनवरी से 6 फरवरी के बीच आए कितने एमबीबीएस स्टूडेंट्स को ये लक्षण प्रकट हुए थे…!
(1) Jan 26, 2020
राजस्थान के जयपुर में चीन से एमबीबीएस की पढ़ाई कर लौटे एक डॉक्टर के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका व्यक्त की गई। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा तुरंत उसे हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। (लाइव हिंदुस्तान का लिंक देखिए)
(2) January 28, 2020
पंजाब के मोहाली में राज्य का पहले कोरोना वायरस संदिग्ध की पहचान की गई। चीन से करीब एक हफ्ता पहले लौटे 28 वर्षीय व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी और सिर दर्द की शिकायत थी, उसी के बाद व्यक्ति को पीजीआई में दाखिल करवाया गया। (इंडिया टीवी का लिंक देखिए)
(3) Jan 28, 2020
मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक मेडिकल छात्र को कोरोना वायरस का संदिग्ध मरीज माना गया है। छात्र कुछ दिन पहले ही चीन के वुहान शहर से लौटकर उज्जैन आया था। चीन से वापस उज्जैन आने के बाद छात्र में कोरोना वायरस जैसे लक्षण देखते हुए, छात्र को लगातार सर्दी, खांसी और बुखार होने के बाद उज्जैन के माधव नगर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। (आज तक का लिंक सलग्न है )
(4) 30 Jan 2020
चीन के वुहान प्रांत के कनमिंग शहर में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही देहरादून की एक युवती में कोरोना वायरस के लक्षण मिले हैं। छाती के एक्सरे में फेफड़े में एक स्पॉट पाया गया। इस पर उसे फौरन ऋषिकेश एम्स के लिए रेफर किया गया। (अमर उजाला का लिंक कमेन्ट बॉक्स में)
(5) 31 Jan 2020
इंदौर की खबर है कि मध्यप्रदेश के इंदौर और खरगोन में दो दो संदिग्ध मरीज मिले हैं। बताया जा रहा है कि दोनों चीन एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। फिलहाल दोनों को जांच के लिए एमवाय हॉस्पिटल के स्पेशल वार्ड में भर्ती कराया गया है। (Ibc24 in का लिंक दिया है )
(6) 31 jan 2020
भाषा न्यूज़ एजेंसी की खबर है चीन से लौटे ओडिशा के कंधमाल जिले से ताल्लुक रखने वाले मेडिकल के एक छात्र को खांसी और जुकाम के चलते शुक्रवार को कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भेजा गया है। (बिजनेस स्टेंडर्ड का लिंक संलग्न है)
(7) 04 Feb 2020
चीन से लौटे हिसार जिले के एक गांव के व्यक्ति में कोरोना के लक्षण पाए गए है। यह छात्र चीन के वेफांग मेडिकल विश्वविद्यालय से एमबीबीएस कर चुका है और इंटर्नशिप कर रहा है। सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल छात्र ने बताया कि उसे बुखार महसूस हो रहा है, कभी-कभी गला भी दर्द करता है। कभी बुखार ठीक हो जाता है। (अमर उजाला का लिंक नीचे देखिए )
(8) 02 Feb 2020
खबर है कि मध्यप्रदेश के खरगोन में चीन से लौटे एक छात्र में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए हैं। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। खरगोन का यह युवक चीन में एमबीबीएस पढ़ाई कर रहा है। कुछ दिन पहले ही ये छुट्टी पर चीन से खरगोन लौटा था। (सच एक्सप्रेस का लिंक नीचे दिया है)
(9) 03 feb 2020
छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर की खबर है कि सरगुजा जिले के एक व्यक्ति में करोना वायरस का लक्षण पाया गया है। बताया जा रहा है कि वह व्यक्ति साउथ वेस्ट मेडिकल यूनिवर्सिटी चाइना लोजो में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था। और परीक्षा खत्म होने के बाद 9 जनवरी को अम्बिकापुर पहुंचा है। पिछले 25 दिनों से खांसी खरास आने के बाद आज वो मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए पहुंचा है। (पोर्टल सुयश ग्राम की खबर है लिंक नीचे)
(10) 6 Feb 2020
रोहतक पीजीआई में एक संदिग्ध मरीज दाखिल हुआ है, जो चीन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। उसमें कुछ ऐसे लक्षण मिले हैं, जो कोरोना वायरस जैसे हैं। (न्यूज़ 18 हरियाणा की खबर है यू ट्यूब लिंक उपलब्ध है)
(11) Feb 21, 2020
राजस्थान के कोटा में कोरोना वायरस का एक संदिग्ध मरीज सामने आया है। चाइना के सुजो शहर से एमबीबीएस के फाइनल ईयर में 25 वर्षीय छात्र पढ़ाई कर रहा था। छात्र 2 फरवरी को कोटा आया है, उसे खांसी जुकाम की शिकायत पर कोटा के एमबीएस अस्पताल ले जाया गया।
(12) 13 mar 2020
40 दिन पहले चीन से लौटी युवती अपने साधारण सर्दी और खांसी का इलाज कराने जिले के सरकारी अस्पताल में पहुंची। घटना संतकबीरनगर की है, जहाँ कोरोना वायरस से पीड़ित वह छात्रा तीन फरवरी को चीन से लौटी थी। (आज तक का लिंक दिया है )
यह तो महज बानगी है
यह वो केस है जो मीडिया की नजर में आए हैं और ऐसे सैकड़ों केस हों सकते है, क्योंकि उस दौरान हजारों छात्र वहाँ से भारत लौटे है। चीन से लौटे इतने अधिक मेडिकल छात्रों का सर्दी खाँसी बुखार से पीड़ित पाया जाना साधारण घटना नही थी। …..बहुत से छात्रों को कोरोना वायरस से संक्रमित नही पाया गया, लेकिन अब हमें पता चला है कि बहुत सी रिपोर्ट फाल्स निगेटिव निकल रही है।
अब हमें यह भी पता चला है कि बहुत से मरीजो में कोई लक्षण नही होते, लेकिन वो इस वायरस के साइलेंट कैरियर होते है। ये सारे लड़के 22 से 32 सालो के है, हो सकता है कि इनके इम्युनिटी पावर ने कोरोना को हरा दिया हो लेकिन इस आशंका से इनकार नही किया जा उन्होंने यह वायरस स्प्रेड किया हो। …आप यह नही कह सकते कि ये काम इन्होंने जानबूझकर किया।
…एक बात और खास है। अभी देश मे जितने हॉट स्पॉट बने हुए हैं, उन शहरों के हस्पतालों में इनके इलाज के लिए इन्हें भर्ती किया गया था। 24 जनवरी को मुंबई के अस्पताल में भी 3 कोरोना संदिग्धों को भर्ती किया गया था, हालांकि उनके मेडिकल स्टूडेंट्स होने की पुष्टि नही हो पाई। यहाँ तक कि बिहार के सीवान जिले के मेडिकल स्टूडेंट्स भी चीन में पढ़ रहे थे…!
सरकार से हुई बड़ी चूक
साफ है कि सरकार से कोरोना संक्रमण से उपजी परिस्थितियों की गंभीरता समझने में बहुत बड़ी चूक हुई है, अगर सरकारी अमला वक्त पर हरकत में आ जाता तो इस देशव्यापी लॉक डाउन से बचा जा सकता था…!
(इस पोस्ट का मतलब यह न निकाला जाए कि यह किसी पर दोषारोपण का प्रयास है इसे सिर्फ एक अलग संभाव्यता ओर इन्फॉर्मेशन की दृष्टि से ही लिया जाए)
–गिरीश मालवीय की फेसबुक वाल से (सारे लिंक उनके वाल पर और ख़बरें नेट पर उपलब्ध हैं)