पश्चिम बंगाल: हुगली जिले में सेप्टिक टैंक सफाई के दौरान दो श्रमिकों की मौत

सेप्टिक टैंक सफाई के दौरान श्रमिकों की मौत का सिलसिला जारी। केंद्र सरकार के अनुसार पिछले पांच साल में सीवर और सेप्टिक टैंक सफाई के दौरान 339 श्रमिकों की मौत हुई है।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में शनिवार को सेप्टिक टैंक में उतरे दो श्रमिकों की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि मरने वाले श्रमिकों की पहचान गणेश मन्ना और सुब्रत दास के रूप में हुई है तथा दोनों की उम्र 40 वर्ष थी।
पुलिस ने कहा, ”दोनों श्रमिक सिंगू्र के रतनपुर गांव के एक घर में सेप्टिक टैंक के अंदर मौजूद एक तख्ता हटाने आए थे। टैंक का निर्माण दो से तीन महीने पहले हुआ था।”
एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, टैंक का ढक्कन हटाने के बाद एक श्रमिक उसके अंदर चला गया, जबकि दूसरा श्रमिक बाहर अपने साथी का इंतजार कर रहा था।
उन्होंने कहा, ”जब दूसरे श्रमिक को कुछ मिनटों तक अपने साथी से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो वह भी टैंक के अंदर चला गया। लेकिन दोनों में से कोई भी जीवित बाहर नहीं आया।”
अधिकारी के अनुसार, दमकल कर्मियों और पुलिस ने दोनों श्रमिकों को टैंक से निकालकर तुरंत अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है।
एक दमकल अधिकारी ने आशंका जताई कि सेप्टिक टैंक के अंदर मीथेन गैस होगी, जिससे श्रमिकों की जान चली गई। एक विशेषज्ञ ने बताया कि मीथेन बिना रंग और गंध वाली एक जानलेवा गैस है।
न्यूजक्लिक से साभार