कोल इंडिया श्रमिकों का वेतन समझौता होकर भी लटका है; अब 18 अप्रैल को होगी संयुक्त बैठक

3 जनवरी को जेबीसीसीआई की बैठक में 19 फीसदी एमजीबी पर सहमति बनी थी। लेकिन डीपीई में मामला लटका हुआ है। अधिकारी नहीं चाहते कि श्रमिकों का वेतन उनसे अधिक हो!
देश के कोयला मज़दूरों के 11 वें वेतन समझौते के तहत 19 फीसदी एमजीबी पर बनी सहमति को तीन माह से ज्यादा समय गुजर चुका है, लेकिन मामला अभी भी लटका है। इससे श्रमिकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अब खबर है कि 18 अप्रैल को संयुक्त द्विपक्षीय समिति (जेबीसीसीआई; जॉइन्ट बाइपार्टाइट कमिटी फॉर द कोल इंडस्ट्री) की 9वीं बैठक कोल इंडिया (सीआईएल) मुख्यालय में होने जा रही है।
कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते के लिए गठित जेबीसीसीआई की 9वीं बैठक हेतु सीआईएल प्रबंधन द्वारा जारी सूचना के अनुसार यह यह बैठक 18 अप्रेल को कोलकाता में होगी। 27 मार्च को कोल प्रबंधन के साथ एचएमएस, बीएमएस, सीटू, एटक के नेताओं की बैठक हुई थी।
मंगलवार को होने जा रही बैठक में यूनियन द्वारा संयुक्त रूप से सौंपे गए चार्टर ऑफ डिमांड के अन्य बिन्दुओं पर चर्चा होनी है। इसमें कोयला कामगारों के तमाम तरह के भत्ते, सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत अपने वाले कई विषय निहित हैं।
3 जनवरी को 19 फीसदी एमजीबी पर बनी थी सहमति
दरअसल बीते 3 जनवरी को जेबीसीसीआई की 8वीं बैठक में 11वें वेतन समझौते के तहत 19 फीसदी न्यूनतम गारंटीड लाभ (एमजीबी) पर सहमति बनी थी। कोल इंडिया प्रबंधन ने कोल मंत्रालय को इस हेतु सिफारिश भेजी। कोल मंत्रालय ने 10 जनवरी को इस पर स्वीकृति प्रदान करने हेतु डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेस (डीपीई) को प्रस्ताव प्रेषित किया। जहाँ मामला लटका हुआ है।
एमजीबी का पेंच: श्रमिकों का वेतन अधिकारियों से अधिक कैसे?
सीआईएल एमजीबी के मामले के फंसे होने का कारण 24 नवम्बर, 2017 को जारी एक ऑफिस मेमोरेंडम है। यह ओएम कहता है कि कामगारों का वेतन अधिकारी वर्ग से अधिक नहीं होना चाहिए। इसमें छूट के बगैर 19 फीसदी एमजीबी को मंजूर नहीं किया जा सकेगा।
अधिकारियों के संगठन के अनुसार 19 फीसदी एमजीबी को डीपीई द्वारा स्वीकृत किया जाता है तो ग्रेड एक वन कोल कर्मियों का वेतन अधिकारियों के ग्रेड ई 4 से अधिक हो जाएगा। जबकि 10वें वेतन समझौते के बाद ग्रेड ए वन का वेतन ई 2 से कम था।
पीएम क्यों नहीं करते हस्तक्षेप
यह मसला 9वीं बैठक में उठेगा और यूनियन के लोग के प्रबंधन से जानना चाहेंगे कि इस संदर्भ में उनके द्वारा किया गया प्रयास कहां तक पहुंचा है। सूत्रों की मानें तो स्थिति जस की तस है। यूनियन नेता कहते हैं कि डीपीई से छूट को लेकर पीएमओे हस्तक्षेप करे या फिर मंत्रीमंडलीय समिति में मामला ले जाया जाए।
9वीं बैठक में एचएमएस, बीएमएस, सीटू, एटक के साथ ही इंटक की मौजूदगी रहेगी। इंटक 10वें वेतन समझौते से बाहर है। कोलकाता हाईकोर्ट के एक निर्णय के बाद इंटक (राष्ट्रीय कोयला खदान मजदूर संघ) को जेबीसीसीआई- 11 में एंट्री मिली है।
बैठक में पेंशन, पोस्ट रिटायरमेंट बेनिफिट, स्मार्ट कार्ड, मेडिकल अनफिट सहित अन्य मुद्दे तथा ठेका कामगारों के विषय पर बात उठेगी। जस्ट ट्रांजिशन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे को भी बैठक में उठाने की बात कही गई है। इंटक नेताओं की कोशिश होगी कि वे अपने एजेंडे को लेकर प्रबंधन पर दबाव बनाए।
क्या यूनियनें बनाएंगी रणनीति
उम्मीद है कि आज सोमवार रात तक पांचों यूनियन से जेबीसीसीआई सदस्यों का कोलकाता आगमन हो जाएगा। 18 अप्रेल की सुबह बैठक प्रारंभ होने से पहले पांचों यूनियन के लोग आपस में मीटिंग कर रणनीति तैयार कर सकते हैं। कुछ यूनियन ने इसके लिए चर्चा की है।
अन देखना यह है कि 11वें वेतन समझौते की यह अंतिम बैठक होगी या फिर कुछ और बैठकों का सिलसिला चलेगा। इस पूरे मामले से सबसे ज्यादा दिक्कत में मजदूर-कर्मचारी हैं।