पूर्व राष्ट्रपति की गिरफ्तारी के ख़िलाफ़ दक्षिण अफ्रीका में अराजक हुआ विद्रोह

दक्षिण अफ्रीका लगातार पांच दिनों से हिंसा और लूटपाट की चपेट में है, जिसमें 70 से अधिक लोग मारे गए हैं।पिछले हफ्ते अदालत की अवमानना के लिए पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को 15 महीने की सजा के लिए जेल में डालने के ख़िलाफ़ क्वाज़ुलु-नटाल के विभिन्न हिस्सों में शुरू हुई असंतोष की लहर बढ़कर हिंसा का रूप ले चुकी है। अभी तक अराजकता दक्षिण अफ्रीका के अन्य नौ प्रांतों में नहीं फैली है।
इस हिंसा में पिछले पांच दिनों में 70 से अधिक लोग मारे गए और 1,000 गिरफ्तार किए गए हैं। तमाम प्रयास के बावजूद सेना, पुलिस इस फैलती हिंसा और लूटपाट को रोकने में विफल साबित हो रही है।

अदालत की अवमानना के लिए 15 महीने की सजा काटने वाले पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को 2009 से 2018 तक राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए राज्य समर्थित जांच से पहले गवाही देने के अदालत के आदेश की अवहेलना करने का दोषी ठहराया गया था।
पूर्व राष्ट्रपति को जेल में डाले जाने के बाद, रंगभेद की समाप्ति के 27 साल बाद भी बनी असमानता पर विरोध और सामूहिक लूट का गुस्सा फूट पड़ा है।
दो प्रांतों के गरीब इलाकों में फैली अराजकता में 1,200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जहां एक सामुदायिक रेडियो स्टेशन में तोड़फोड़ की गई और मंगलवार को जबरन बंद कर दिया गया और कुछ कोविड 19 टीकाकरण केंद्रों को बंद कर दिया गया, जिससे तत्काल आवश्यक टीकाकरण बाधित हो गया।
पुलिस ने कहा कि गौतेंग और क्वाज़ुलु-नताल प्रांतों में कई मौतें अराजक भगदड़ में हुईं, जिसमें हजारों लोगों ने दुकानों से भोजन, बिजली के उपकरण, शराब और कपड़े चुरा लिए थे।
दक्षिण अफ्रीकी पुलिस के मदद के लिए 2,500 सैनिकों की तैनाती भी अब तक बड़े पैमाने पर लूटपाट को रोकने में विफल रही है।
स्थानीय मीडिया IOL के अनुसार, नेशनल हॉस्पिटल नेटवर्क (NHN), जो 241 अस्पतालों का प्रतिनिधित्व करता है, ने कहा कि देश में हिंसा के बढ़ते मामलों से देश की स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं ठप्प पड़ी हैं।
मौजुदा हिंसा से दक्षिण अफ्रीका की आर्थिक गतिविधियां भी बुरी तरह प्रभावित हुईं हैं। दक्षिण अफ्रीका का एन 3 हाईवे जो डरबन पोर्ट को जोहांसबर्ग से जोड़ता है हिंसा की वजह से बंद पड़ा है। दक्षिण अफ्रीका की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी भी बंद कर दी गई है।
राष्ट्रपति जुमा की गिरफ्तारी के खिलाफ राजनीतिक असंतोष के बाद जिस तरीके से हिंसा फैलने शुरू हुई और लोग सड़कों पर उतरे उसके पीछे प्रमुख कारण यह भी है कि पिछले दिनों कोविड 19 के प्रसार को रोकने के नाम पर लगाई गई गंभीर सामाजिक और आर्थिक प्रतिबंधों से दक्षिण अफ्रीका में गरीबी और असमानता बढ़ गई है।