विद्युत कंपनी की वायादाखिलाफ़ी; 25 हजार ठेकाकर्मी 18 फरवरी को करेंगे श्रम मंत्री का घेराव

13_02_2022-raz0ct2972

छत्तीसगढ़ : 29 अक्टूबर को विभिन्न मांगों पर समझौते के बाद विद्युत विभाग के ठेका कर्मचारियों ने आंदोलन स्थगित कर दिया था। लेकिन धोखा होने पर फिर आंदोलित हैं।

महासमुंद। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने एक बार फिर ठेका कर्मचारियों का भरोसा तोड़ा है। जिसके कारण अब 25 हजार ठेका कर्मी 18 फरवरी को श्रम मंत्री निवास घेराव करने जा रहे हैं।

29 अक्टूबर के बैठक के बाद ठेका कर्मचारी मजदूर संघ समर्थक विद्युत विभाग ठेका कर्मचारी कल्याण संघ ने आइटीआइ कर्मी को कुशल श्रेणी, 15 लाख बीमा, वेब पोर्टल, सेवा सुरक्षा, ईपीएफ घोटालों पर कार्रवाई, 26 दिन का वेतन, राज्य शासन द्वारा निर्धारित वेतन को आगामी ठेका में लागू करने के समझौते में सहमति के बाद संगठन ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था।

जब बिजली कंपनी द्वारा टेंडर निकाला गया तो किसी भी मांग को पूर्ण नहीं करते कर्मचारियों के कार्य को दोगुना कर दिया गया। जिसके बाद कर्मचारियों में भारी रोष देखा जा रहा है। अब संगठन ने बिजली प्रबंधन को वादा याद दिलाने के लिए पत्र लिखा, जिसमे, कंपनी द्वारा जारी किसी भी कार्यवाही नहीं दिखाई गई।

मेसर्स यूनिक ट्रेडर्स रायपुर के कर्मचारियों ने बताया कि बोनस, ईपीएफ और ईएसआइसी का कोई अता पता नहीं है, यहां तक वेतन में भी दो हजार तक काट दिया जाता है।

मेसर्स शरद किशोर श्रीवास्तव के कर्मियों ने बताया कि इनके द्वारा ईपीएफ, इएसआइसी और बोनस प्रदाय ही नहीं किया गया है, फिर भी इनका बिल आसानी से पास हो जाता है। इन दोनों ठेकेदारों का ठेका प्रदेश के सात से आठ जिलों में होना बताया गया है।

विद्युत विभाग ठेका कर्मचारी कल्याण संघ के तत्वावधान में आगामी लड़ाई लड़ने ठेका कर्मचारियों ने यह निर्णय लिया है कि आगामी सभी छग विवि ठेका कर्मचारी कल्याण संघ के तत्वावधान में आंदोलन किया जाना है। जिसमे 18 फरवरी को श्रम मंत्री निवास घेराव किया जाएगा।

संघ के महामंत्री जितेंद्र कुमार साहू ने बताया कि इस आंदोलन में बिजली विभाग के डिस्ट्रीब्यूशन, ट्रांसमिशन एवं जनरेशन के ठेका कर्मचारी सम्मिलित होंगे।

नईदुनिया से साभार

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