आक्रोश : जनता ने घेरा कोतवाली, दरोगा सहित 3 सिपाही निलंबित
उत्तराखंड में पुलिस की शाखा सीपीयू की बर्बरता की मिसाल लगातार कायम हो रही है। रुद्रपुर में सीपीयू सिपाही ने एक बाइक सवार युवक के माथे पर बाइक की चाभी घुसा दी। माथे में घुसी चाभी और बहते खून को देखकर जनता में आक्रोश फैल गया और कोतवाली को जनता ने घेर लिया।
दरअसल उत्तराखंड सरकार ने अपराध पर नियंत्रण व ट्रैफिक कंट्रोल के नाम पर कुछ वर्षों पूर्व क्राइम पेट्रोलिंग यूनिट (सीपीयू) का गठन किया था। इस बहाने सीपीयू के पास अनियंत्रित शक्तियां दे दी गई हैं। जिसे आम जनता ब्लैक कमांडो कहती है क्योंकि उसकी वर्दी खाकी नहीं काली है।
यह फोर्स किसी को भी पकड़ सकती है, मार सकती है वसूली कर सकती है। उसके पास खास किस्म के वाहन हैं, जिससे वह पीछा करके भी लोगों को पकड़ लेती है। उसके लिए अपराधी वे होते हैं, जिनके पास हेलमेट नहीं होता है। और कोरोना पीरियड में किसी के पास मास्क नहीं है, वह और बड़ा अपराधी। सीपीयू की बर्बरता की कहानी आएदिन सामने आती रहती है।
ताजा घटना उधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर का है, जहाँ कोतवाली थाने के निकट इंदिरा चौक पर बीते 27 जुलाई को बाइक से जा रहे दो युवकों को सीपीयू ने पकड़ लिया। उन युवकों का अपराध यह था कि उन्होंने इसका प्रतिवाद किया। सीपीयू के सिपाही ने उसके ही बाइक की चाभी निकाल ली और उसके माथे पर घोंप दिया। जिसके बाद उसके सिर से खून बहने लगा।

आधी घुसी चाभी और बहते खून को देखकर कोतवाली के ठीक सामने की बस्ती रम्पुरा के लोगों में आक्रोश फैला। उन्होंने थाने को घेर लिया। पुलिस ने उन पर बल प्रयोग किया तो भीड़ का क्रोध और भड़क उठा और उसने पथराव शुरु कर दी। जिससे कोतवाल और अन्य पुलिसकर्मी भाग खड़े हुए। बमुश्किल यह घटना शांत हुई लेकिन लोगों में आक्रोश बना रहा।
जनता के आक्रोश को देखकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सीपीयू के दरोगा और दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया। लेकिन उल्टे 100 से ज्यादा लोगों पर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने का केस भी दर्ज कर दिया।
इसके पहले भी ऐसी ही कई घटनाएं सीपीयू द्वारा हो चुकी हैं। लेकिन जिस मामले में बवाल बढ़ता है, उसमे हर बार ज्यादा से ज्यादा निलंबन होता है और कुछ दिनों बाद फिर बहाली हो जाती है। और उनकी उद्दंडता जारी रहती है।
यह गौरतलब है कि कोविड के बहाने पूरे देश मे पुलिस और प्रशासन को असीमित अधिकार मिल गए हैं, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।