उत्तराखंड : मॉडल स्थाई आदेश में बदलाव का विरोध

रोजगार की प्रकृति से छेड़-छाड़ पर विभिन्न यूनियनों ने पत्र भेजकर की आपत्ति
पूरे देश में स्थाई रोजगार ख़त्म करने के कुप्रयासों के तर्ज पर उत्तराखंड की भाजपा सरकार द्वारा भी मॉडल स्थाई आदेश में बदलाव कर नियत समयावधि नियोजन (फिक्स्ड टर्म) में बदलाव की कवायद चल रही है। इसके ख़िलाफ़ श्रमिक संययुक्त मोर्चा व अन्य कई यूनियनों ने सचिव, श्रम, उत्तराखंड शासन को पत्र भेजकर आपत्ति दर्ज कराई है।
दरअसल, दैनिक जागरण समाचार पत्र में दिनांक 14.05.2020 को छपी अधिसूचना में सरकार ने उत्तराखंड (उत्तरप्रदेश औद्योगिक सेवायोजन मॉडल स्थायी आदेश ) के प्रस्तर 3, 4 व 18 में संशोधन कर के “नियत समय अवधि नियोजन कर्मकार… ” जैसे शब्दों को अन्तस्थापित करने का मज़दूर विरोधी प्रस्ताव दिया है।
मोर्चा व अन्य यूनियनों ने श्रम सचिव को भेजे पत्र में इसपर आपत्ति दर्ज करते हुए लिखा है कि इससे संबन्धित प्रस्तर 4 तथा 18 में संशोधन किया जाना उचित नहीं है। हम इनका स्पष्ट विरोध करते हैं।
भेजे गए विभिन्न पत्रों में लिखा है कि :
- 4 या 5 वर्ष की अल्प समयावधि के बाद सामन्यतया नवीनीकरण नहीं होने पर कर्मचारी नियोजन के बाहर हो जायेंगे, जिससे प्रदेश में बेरोजगारी का आंकड़ा बहुत बढ़ जायेगा। सरकार का नियोजन देने संबंधी उद्देश्य भी पूर्ण नहीं हो सकेगा।
- अल्प समयावधि में कर्मचारी के नियोजन से बाहर होने के कारण, नए कर्मचारी रखे जायेंगे, जिसके कारण प्रबंधन को ये लाभ होगा कि वे पुनः नवीन कर्मचारी को कम वेतन पर रख सकेंगे, किन्तु लम्बे समय तक कार्य करके कर्मचारी को जो अनुभव होता है तथा कर्यक्षमता व उत्पादकता की गुणवत्ता में जो वृद्धि होती है, उसका सर्वथा आभाव रहेगा।
- अल्प समय में कार्य करके जब कर्मचारी नियोजन से बाहर कर दिए जायेंगे, तो नए कर्मचारी नियोजन में लिए जायेंगे, जिसके कारण कभी भी कर्मचारी अपने कार्य में दक्षता प्राप्त नहीं कर पाएंगे, जिससे गुणवत्ता व उत्पादकता का ह्रास होगा।
- अल्प समयावधि के बाद प्रबंधन कर्मचारी को पुनः नवीनीकरण करने के लिए कर्मचारी वर्ग पर अनावश्यक दबाब बनाते हुए, उनका शोषण करेंगे, इसकी सम्भावनाये काफी बढ़ जाएँगी।
- प्रबंधन पूर्णतया निरंकुश हो जायेंगे, जिसके कारण जो परिस्थितियां जन्म लेंगी उनमें औद्योगिक अशांति की संभावनाएं निश्चित ही बहुत बढ़ जाएँगी।
पत्रों के माध्यम से असहमति के साथ माँग हुई है कि :
हम इन संशोधनों के संबंध में स्पष्ट ही अपनी असहमति व्यक्त करते हैं। हमारा निवेदन है कि मॉडल स्थायी आदेशों के प्रस्तर 3, 4 व 18 में किये जाने वाले इन संशोधन संबंधी इस अधिसूचना को शीघ्र ही निरस्त कर, इन संशोधनों को तुरंत ही रोक दिया जाये।
आपात्ति पत्र श्रमिक संयुक्त मोर्चा, उधम सिंह नगर के महासचिव गणेश मेहरा ने तथा इंट्रार्क मज़दूर संगठन, पंतनगर; डेना इण्डिया श्रमिक संघ, पारले मज़दूर संघ, पंतनगर; लुकास टीवीएस मज़दूर संघ; एडिएँट कर्मकार यूनियन; एलजीबी वर्कर्स यूनियन; गुजरात अम्बुजा कर्मकार यूनियन, सितारगंज; भगवती श्रमिक संगठन; यजाकी वर्कर्स यूनियन; ऑटो लाइन इम्पलाइज यूनियन; महिंद्रा कर्मकार यूनियन; राकेट रिद्धि सिद्धि कर्मचारी संघ व भारतीय मज़दूर संघ, उधम सिंह नगर ने अलग-अलग पंजीकृत डाक से उत्तराखंड के श्रम सचिव को भेजा है।