श्रमिकों को न्याय दो- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को ज्ञापन

छँटनी-बंदी, दमन-उत्पीड़न के खिलाफ मज़दूरों ने जताया रोष
रुद्रपुर, 2 जनवरी। उत्तराखंड के औद्योगिक क्षेत्र में मज़दूरों की छँटनी-बंदी-पलायन और तेज होते दमन उत्त्पीडऩ के खिलाफ़ आवाज़ बुलंद हुई और श्रमिक समस्याओं के समाधान के सम्बंध में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से स्थानीय प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजे गए।
रूद्रपुर में श्रमिक संयुक्त मोर्चा और विभिन्न यूनियनों द्वारा जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। इस दौरान बातचीत में जिलाधिकारी महोदया ने अपने स्तर पर समस्याओं के जल्द समाधान का आश्वासन दिया। जबकि हल्द्वानी में उप जिलाधिकारी के मार्फ़त ज्ञापन प्रेषित हुआ।

भेजे गए ज्ञापन में लिखा है कि उत्तराखंड राज्य की स्थापना के दो दशक हो गए। इस दौरान राज्य में उद्योगों की स्थापना हुई, जिससे राज्य के नौजवानों को रोजगार मिलने की प्रबल संभावना पैदा हुई और एक हद तक रोजगार भी मिला। लेकिन दुख का विषय है कि राज्य में उद्योगों में कार्यरत मज़दूरों को लगातार दमन, शोषण, उत्पीड़न, छँटनी-बंदी की समस्याओं का सामना करना पड़ता है और श्रमिकों को प्रायः न्याय नहीं मिल पा रहा है।

5 सूत्रीय ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री से राज्य हित व न्याय हित मे यथाशीघ्र पहल लेकर समस्त समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान करने की अपील की गई।

ज्ञापन के माध्यम से भगवती प्रोडक्ट्स-माइक्रमैक्स के औद्योगिक न्यायाधिकरण के आदेश के अनुपालन में समस्त 351 श्रमिकों, वोल्टास के समस्त 9 श्रमिकों, एलजीबी के महामंत्री पूरन चंद पांडे, गुजरात अम्बुजा के समस्त पीड़ित श्रमिकों, इन्टरार्क पंतनगर व किच्छा के पीड़ित 32 श्रमिकों, बजाज मोटर्स के पीड़ित श्रमिकों, करोलिया लाइटिंग के उपाध्यक्ष सुनील यादव, लुकास टीवीएस के श्रमिकों, महिंद्रा & महिंद्रा में 2 श्रमिकों, महिंद्रा सीआईई के 4 श्रमिकों, अमूल ऑटो फैक्ट्री के राज्य से पलायन पर रोक लगते हुए समस्त प्रभावित श्रमिकों, ऑटोटेक, मेटलमन माइक्रोटर्नर (MMT), ऑटोलाइन आदि में श्रमिकों की सवेतन कार्यबहाली की माँग उठी।
साथ ही रॉकेट इंडिया, बीसीएच इलेक्ट्रिकल, पारले पंतनगर व सितारगंज; हेन्कल एडिसिब्स, महिंद्रा सीआईई, मंत्री मेटल्स, सेटको-सितारगंज, टाटा ऑटोकॉम, असाल, महिंद्रा कर्मकार यूनियन, इंटरार्क पंतनगर व किच्छा, करोलिया लाइटिंग, वोल्टास आदि के माँगपत्र व समस्त विवादों का निस्तारण के साथ श्रमिक उत्पीड़न पर रोक लगाने, नेस्ले में 5 श्रमिकों की अवैध वेतन कटौती, डेल्टा में सेवा शर्तों में कटौती के विवादों आदि के समाधान की माँग हुई।
राज्य के संसाधनों का लाभ उठाकर भाग रही कंपनियों के राज्य से पलायन पर रोक लगे। मनमाने छँटनी-बंदी की प्रथा समाप्त हो। यूनियन बनाने पर बढ़ते श्रमिक उत्त्पीडऩ पर लगाम लगे। फैक्ट्रियों में लगातार जारी हादसों को रोकने हेतु कारगर क़दम उठाया जाए।
इसके अलावा श्रमिक समस्याओं पर श्रम अधिकारियों की उपेक्षा और मामलों को लटकाने पर पाबंदी लगते हुए श्रम अधिकारियों को श्रमिक समस्याओं को प्राथमिकता से और त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश जारी करने, प्रदेश की औद्योगिक राजधानी होने के कारण रुद्रपुर में उप श्रमयुक्त के प्रत्येक कार्यदिवस पर बैठने की मुकम्मल व्यवस्था करने की माँग के साथ समस्याओं के त्वरित निस्तारण हेतु प्रशासनिक स्तर पर त्रिपक्षीय कमेटी मे श्रमिक पक्ष/श्रमिक मोर्चा/यूनियनों की भी भागेदारी सुनिश्चित करने की माँग की गई।
आज ज्ञापन देने वालों में श्रमिक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष दिनेश तिवारी, भगवती श्रमिक संगठन से ठाकुर सिंह, पारले मजदूर संगठन से वीरपाल और बलजीत सिंह, वोल्टास एम्पलाईज से दिनेश चंद्र पंत, मनोज कुमार इंट्रार्क मजदूर संगठन से सौरव कुमार, मजदूर सहयोग केंद्र से चंद्रभूषण, मेटलमैन माइक्रो टर्नल (एम.एम.टी.) से रामदत्त, एल.जी.बी. वर्कर्स यूनियन से पूरन चन्द्र पाण्डे, इंकलाबी मजदूर केंद्र से मंगू सिंह, बी. सी. एच. मजदूर संघ से महिपाल सिंह, टाटा ऑटोकॉम से दीवान सिंह बिष्ट, हरीश सिंह राणा, एडिएंट कर्मकार यूनियन से गंगा सिंह, इंट्रार्क मजदूर संगठन किच्छा से राकेश कुमार और लक्ष्मण सिंह, मंत्री मेटल से कैलाश चंद्र, ऑटो टेक इंजीनियर से मान किशोर, पवन पांडे, यजाकी वर्कर्स यूनियन से धर्मेंद्र सिंह आदि शामिल थे।